ETV Bharat / state

पहाड़ और पलायन का दर्द बयां कर रही ये डॉक्यूमेंट्री, अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में मिला है प्रथम पुरस्कार

author img

By

Published : Jul 6, 2019, 3:56 PM IST

Updated : Jul 6, 2019, 5:24 PM IST

कल्जीखाल ब्लॉक में 83 वर्षीय विद्यादत्त शर्मा की मेहनत और पहाड़ के दर्द को लेकर बनी फिल्म मोतीबाग को फिल्म महोत्सव में पहला स्थान मिला है . इसे लोगों द्वारा काफी पसंद किया जा रहा है.

पहाड़ और पलायन का दर्द बयां कर रही ये डॉक्यूमेंट्री.

पौड़ी: कल्जीखाल ब्लॉक में 83 वर्षीय विद्यादत्त शर्मा की मेहनत और पहाड़ के पलायन पर बनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म मोती बाग को फिल्म महोत्सव में पहला स्थान प्राप्त हुआ है. ये अंतरराष्ट्रीय डॉक्यूमेंट्री फिल्म महोत्सव का आयोजन केरल में हुआ. इस डॉक्यूमेंट्री फिल्म को पौड़ी में दिखाया गया, जिसके बाद लोगों ने इस फिल्म की काफी प्रशंसा की.

पहाड़ और पलायन का दर्द बयां कर रही ये डॉक्यूमेंट्री.

फिल्म को बनाने वाले निर्देशक ने बताया कि वह पहले से ही बाहर शहरों में रहे हैं, लेकिन उनका दिल हमेशा पहाड़ों से जुड़ा रहा है. साथ ही उनकी सोच थी कि विद्या दत्त शर्मा (चाचा) की मेहनत को अपनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म की मदद से लोगों तक पहुंचा सकें.

पौड़ी के संगुड़ा गांव में रहने वाले 83 वर्षीय विद्यादत्त शर्मा इस फिल्म के असली नायक हैं. विद्या दत्त शर्मा की उम्र अधिक होने के बाद भी उनका हौसला और उम्मीदें कभी कम नहीं हुईं.
फिल्म निर्माता निर्मल चंद्र डंडरियाल ने बताया कि वह समय-समय पर अपने चाचा विद्यादत्त शर्मा से मिलने आया करते थे. उनकी मेहनत को देखकर वो काफी प्रेरित भी हुए. उनकी इस मेहनत को देखकर उनके मन में विचार आया कि अधिक उम्र होने के बाद भी उनके इस बुलंद हौसले को फिल्म के जरिए लोगों तक पहुंचाया जा सके और हमारे देश के जिन राज्यों में लोग रोजगार के अभाव से अपना गांव छोड़ रहे हैं. उनके लिए विद्याधर शर्मा प्रेरणा के रूप में मदद करेंगे.

ये भी पढ़ें: राष्ट्रीय महासचिव के पद से इस्तीफे को लेकर बोले हरदा, 'मैंने अपना कर्तव्य किया पूरा'

विद्या दत्त शर्मा के पुत्र त्रिभुवन उनियाल ने बताया कि उनके पिता की मेहनत पर बनी फिल्म पहाड़ की सच्चाई और दर्द को बयां करती है. जिस तरह लोग अपने गांव को छोड़ शहरों की तरफ रोजगार के लिए जा रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर 83 साल के बुजुर्ग बिना किसी थकान के अपने खेतों को अपने पसीने से सींचकर सोना उगा रहे है जो कि उनके लिए बहुत ही गर्व की बात है.

पौड़ी: कल्जीखाल ब्लॉक में 83 वर्षीय विद्यादत्त शर्मा की मेहनत और पहाड़ के पलायन पर बनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म मोती बाग को फिल्म महोत्सव में पहला स्थान प्राप्त हुआ है. ये अंतरराष्ट्रीय डॉक्यूमेंट्री फिल्म महोत्सव का आयोजन केरल में हुआ. इस डॉक्यूमेंट्री फिल्म को पौड़ी में दिखाया गया, जिसके बाद लोगों ने इस फिल्म की काफी प्रशंसा की.

पहाड़ और पलायन का दर्द बयां कर रही ये डॉक्यूमेंट्री.

फिल्म को बनाने वाले निर्देशक ने बताया कि वह पहले से ही बाहर शहरों में रहे हैं, लेकिन उनका दिल हमेशा पहाड़ों से जुड़ा रहा है. साथ ही उनकी सोच थी कि विद्या दत्त शर्मा (चाचा) की मेहनत को अपनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म की मदद से लोगों तक पहुंचा सकें.

पौड़ी के संगुड़ा गांव में रहने वाले 83 वर्षीय विद्यादत्त शर्मा इस फिल्म के असली नायक हैं. विद्या दत्त शर्मा की उम्र अधिक होने के बाद भी उनका हौसला और उम्मीदें कभी कम नहीं हुईं.
फिल्म निर्माता निर्मल चंद्र डंडरियाल ने बताया कि वह समय-समय पर अपने चाचा विद्यादत्त शर्मा से मिलने आया करते थे. उनकी मेहनत को देखकर वो काफी प्रेरित भी हुए. उनकी इस मेहनत को देखकर उनके मन में विचार आया कि अधिक उम्र होने के बाद भी उनके इस बुलंद हौसले को फिल्म के जरिए लोगों तक पहुंचाया जा सके और हमारे देश के जिन राज्यों में लोग रोजगार के अभाव से अपना गांव छोड़ रहे हैं. उनके लिए विद्याधर शर्मा प्रेरणा के रूप में मदद करेंगे.

ये भी पढ़ें: राष्ट्रीय महासचिव के पद से इस्तीफे को लेकर बोले हरदा, 'मैंने अपना कर्तव्य किया पूरा'

विद्या दत्त शर्मा के पुत्र त्रिभुवन उनियाल ने बताया कि उनके पिता की मेहनत पर बनी फिल्म पहाड़ की सच्चाई और दर्द को बयां करती है. जिस तरह लोग अपने गांव को छोड़ शहरों की तरफ रोजगार के लिए जा रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर 83 साल के बुजुर्ग बिना किसी थकान के अपने खेतों को अपने पसीने से सींचकर सोना उगा रहे है जो कि उनके लिए बहुत ही गर्व की बात है.

Intro:summary- पहाड़ों में तेजी से हो रहे पलायन और एक बुजुर्ग की मेहनत पर बनी डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म मोती बाग को केरल में आयोजित अंतरराष्ट्रीय डॉक्युमेंट्री फिल्म महोत्सव में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है।

पौड़ी के कल्जीखाल ब्लॉक में एक 83 वर्षीय विद्यादत्त शर्मा की मेहनत और पहाड़ के पलायन पर बनी डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म मोती बाग को केरल में आयोजित हुई अंतरराष्ट्रीय डॉक्यूमेंट्री फिल्म महोत्सव में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है इस डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म को पौड़ी में भी दिखाया गया जिसके बाद लोगों ने इस फ़िल्म की काफी प्रशंसा की। इस फ़िल्म को बनाने वाले निर्देशक ने कहा कि वह पहले से ही बाहर शहरों में रहे हैं लेकिन उनकव दिल हमेशा पहाड़ों से जुड़ा रहा है और उनकी सोच थी कि वह विद्या दत्त शर्मा जो कि उनके चाचा है उनकी मेहनत को अपनी डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म की मदद से लोगो तक पहुंचा सके।



Body:पौड़ी के संगुड़ा गांव में रहने वाले 83 वर्षीय विद्यादत्त शर्मा इस फ़िल्म के असली नायक है। विद्या दत्त शर्मा की उम्र अधिक होने के बाद भी उनका हौसला और की और उनकी उम्मीदें कभी कम नहीं हुई कुछ समय पूर्व विद्या दत्त ने अपने गांव में 22 किलो 750 ग्राम का मूल हुआ कर एक नया रिकॉर्ड कायम किया था इनकी मेहनत और इनका जज्बा आज सभी पहाड़ के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनता जा रहा हैं।


Conclusion:फ़िल्म निर्माता निर्मल चंद्र डंडरियाल ने बताया कि वह समय-समय पर अपने चाचा विद्यादत्त शर्मा से मिलने आया करते थे और उनकी मेहनत को देखकर वो काफी प्रेरित भी हुए उनकी इस मेहनत को देखकर उनके मन में विचार आया कि अधिक उम्र होने के बाद भी उनके इस बुलंद हौसले को फिल्म के जरिए लोगों तक पहुंचाया जा सके और हमारे देश के जिन राज्यो में लोग रोजगार के आभाव से अपना गांव छोड़ रहे हैं उनके लिए विद्याधर शर्मा प्रेरणा के रूप में मदद करेंगे। विद्या दत्त शर्मा के पुत्र त्रिभुवन उनियाल ने बताया कि उनके पिता की मेहनत पर बनी फिल्म पहाड़ की सच्चाई और दर्द को बयां करती है जिस तरह लोग अपने गांव को छोड़ शहरों की तरफ रोजगार के लिए जा रहे हैं वहीं दूसरी ओर 83 साल के बुजुर्ग बिना किसी थकान के अपने खेतों को अपने पसीने से सीचकर सोना उगा रहे है जो कि उनके लिए बहुत ही गर्व की बात है।
बाईट- निर्मल चंद्र डंडरियाल(फ़िल्म निर्माता)
बाईट-त्रिभुवन उनियाल(पुत्र विद्यादात्त शर्मा)
Last Updated : Jul 6, 2019, 5:24 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.