पौड़ी: कल्जीखाल ब्लॉक में 83 वर्षीय विद्यादत्त शर्मा की मेहनत और पहाड़ के पलायन पर बनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म मोती बाग को फिल्म महोत्सव में पहला स्थान प्राप्त हुआ है. ये अंतरराष्ट्रीय डॉक्यूमेंट्री फिल्म महोत्सव का आयोजन केरल में हुआ. इस डॉक्यूमेंट्री फिल्म को पौड़ी में दिखाया गया, जिसके बाद लोगों ने इस फिल्म की काफी प्रशंसा की.
फिल्म को बनाने वाले निर्देशक ने बताया कि वह पहले से ही बाहर शहरों में रहे हैं, लेकिन उनका दिल हमेशा पहाड़ों से जुड़ा रहा है. साथ ही उनकी सोच थी कि विद्या दत्त शर्मा (चाचा) की मेहनत को अपनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म की मदद से लोगों तक पहुंचा सकें.
पौड़ी के संगुड़ा गांव में रहने वाले 83 वर्षीय विद्यादत्त शर्मा इस फिल्म के असली नायक हैं. विद्या दत्त शर्मा की उम्र अधिक होने के बाद भी उनका हौसला और उम्मीदें कभी कम नहीं हुईं.
फिल्म निर्माता निर्मल चंद्र डंडरियाल ने बताया कि वह समय-समय पर अपने चाचा विद्यादत्त शर्मा से मिलने आया करते थे. उनकी मेहनत को देखकर वो काफी प्रेरित भी हुए. उनकी इस मेहनत को देखकर उनके मन में विचार आया कि अधिक उम्र होने के बाद भी उनके इस बुलंद हौसले को फिल्म के जरिए लोगों तक पहुंचाया जा सके और हमारे देश के जिन राज्यों में लोग रोजगार के अभाव से अपना गांव छोड़ रहे हैं. उनके लिए विद्याधर शर्मा प्रेरणा के रूप में मदद करेंगे.
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विद्या दत्त शर्मा के पुत्र त्रिभुवन उनियाल ने बताया कि उनके पिता की मेहनत पर बनी फिल्म पहाड़ की सच्चाई और दर्द को बयां करती है. जिस तरह लोग अपने गांव को छोड़ शहरों की तरफ रोजगार के लिए जा रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर 83 साल के बुजुर्ग बिना किसी थकान के अपने खेतों को अपने पसीने से सींचकर सोना उगा रहे है जो कि उनके लिए बहुत ही गर्व की बात है.