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नाराज डाक्टरों ने बांधी काली पट्टी, जमकर किया प्रदर्शन - doctor protest

श्रीनगर में अपनी विभिन्न मांगों को लेकर डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया. इस दौरान डॉक्टरों ने कहा कि अगर उनकी मांगें ना मानी गयी तो 8 सितम्बर को समूहिक त्याग पत्र दे देंगे.

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प्रांतीय चिकित्सा संघ के आहवान पर डाक्टरों ने बांधी काली पट्टी
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Published : Sep 2, 2020, 1:43 PM IST

श्रीनगर: प्रांतीय चिकित्सा संघ के आह्वान पर डॉक्टरों ने श्रीनगर के संयुक्त अस्पताल, मेडिकल कॉलेज श्रीनगर में काला रिबन बांध कर सांकेतिक प्रदर्शन किया. इस दौरान सभी डॉक्टरों एवं पैरामेडिकल स्टाफ ने हाथों में काली पट्टी बांध कर अपना विरोध जाहिर किया. डॉक्टरों ने कहा कि अगर उनकी मांगें ना मानी गयी तो 8 सितम्बर को समूहिक त्याग पत्र दे देंगे.

नाराज डाक्टरों ने बांधी काली पट्टी

पढ़ें- यौन शोषण मामला: 2 सितंबर को राज्य महिला आयोग के सामने पेश होंगे विधायक और पीड़िता

डॉक्टरों के संगठन ने श्रीनगर में अपने सारे कार्य हाथ में काली पट्टी बांध कर किये. एसोसिएशन की मांग है कि कोरोना काल में सभी मेडिकल कर्मी मन लगा कर अपने जीवन को खतरे में डाल कर कार्य कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनके वेतन में बढ़ोत्तरी के बजाय कटौती कर रही है जो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

प्रान्तीय चिकित्सा संघ के जिला उपाध्यक्ष डॉक्टर लोकेश सलूजा ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि जो छात्र पीजी करने के लिए जाते हैं उन्हें 50 प्रतिशत भत्ते दिए जाते हैं. इसे बढ़ाकर 100 प्रतिशत किया जाए. साथ में सभी कोविड वॉरियर को जोखिम भत्ता भी दिया जाए. उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गई तो इसके दूरगामी परिणाम होंगे.

श्रीनगर: प्रांतीय चिकित्सा संघ के आह्वान पर डॉक्टरों ने श्रीनगर के संयुक्त अस्पताल, मेडिकल कॉलेज श्रीनगर में काला रिबन बांध कर सांकेतिक प्रदर्शन किया. इस दौरान सभी डॉक्टरों एवं पैरामेडिकल स्टाफ ने हाथों में काली पट्टी बांध कर अपना विरोध जाहिर किया. डॉक्टरों ने कहा कि अगर उनकी मांगें ना मानी गयी तो 8 सितम्बर को समूहिक त्याग पत्र दे देंगे.

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डॉक्टरों के संगठन ने श्रीनगर में अपने सारे कार्य हाथ में काली पट्टी बांध कर किये. एसोसिएशन की मांग है कि कोरोना काल में सभी मेडिकल कर्मी मन लगा कर अपने जीवन को खतरे में डाल कर कार्य कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनके वेतन में बढ़ोत्तरी के बजाय कटौती कर रही है जो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

प्रान्तीय चिकित्सा संघ के जिला उपाध्यक्ष डॉक्टर लोकेश सलूजा ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि जो छात्र पीजी करने के लिए जाते हैं उन्हें 50 प्रतिशत भत्ते दिए जाते हैं. इसे बढ़ाकर 100 प्रतिशत किया जाए. साथ में सभी कोविड वॉरियर को जोखिम भत्ता भी दिया जाए. उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गई तो इसके दूरगामी परिणाम होंगे.

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