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पौड़ी में DM ने एसडीएम और तहसीलदारों को लगाई जमकर फटकार, जानिए वजह

पौड़ी जिले में एसडीएम और तहसीलदार कोर्ट में पिछले पांच सालों से कई वाद लंबित हैं. ऐसे में डीएम विजय कुमार जोगदंडे ने राजस्व विभाग की कार्य प्रणाली पर कड़ी नाराजगी जताई है. उनका साफ कहना है कि विवादित व अविवादित वादों का महीनों से लंबित होना चिंताजनक है.

Pauri DM Meeting
पौड़ी में डीएम की बैठक
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Published : Aug 11, 2022, 11:31 AM IST

पौड़ीः जिले की एक दर्जन तहसीलों में पांच साल पुराने वादों का आज तक निस्तारण नहीं हो सका है. राजस्व की मासिक स्टॉफ बैठक में इन आंकड़ों को देख डीएम विजय कुमार जोगदंडे दंग रह गए. डीएम जोगदंडे ने इन मामलों के निस्तारण के लिए उप जिलाधिकारियों और तहसीलदारों को एक महीने का अल्टीमेटम दिया है. इतना ही नहीं डीएम ने लंबित मामलों का समय पर निस्तारण नहीं होने पर उप जिलाधिकारियों की वार्षिक प्रविष्ठि में उनकी इस कार्यशैली का उल्लेख किए जाने की हिदायत भी दी है.

दरअसल, पौड़ी कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी विजय कुमार जोगदंडे (DM Vijay Kumar Jogdande) की अध्यक्षता में राजस्व की मासिक स्टॉफ बैठक आयोजित की गई. बैठक में सामने आया कि कोटद्वार तहसील में राजस्व वादों के निस्तारण में पेशकार स्तर पर लगातार लापरवाही बरती जा रही है. जिस पर डीएम ने नाराजगी जताते हुए पेशकार का स्पष्टीकरण तलब किया है.

इस मौके पर डीएम जोगदंडे ने कोरोना महामारी से अपनी जान गंवाने वालों की सूची की भी समीक्षा की. उन्होंने कहा कि इस मामले में राजस्व विभाग मृतकों के परिजनों को एक हफ्ते के भीतर मुआवजा वितरित करें. साथ ही डीएम ने सभी एसडीएम को सब-रजिस्ट्रार कार्यालयों का एक हफ्ते के भीतर निरीक्षण करने के साथ ही रिर्पोट पेश करने को कहा.

ये भी पढ़ेंः इंची-टेप लेकर निर्माणाधीन कार्यों का DM ने किया निरीक्षण, अधिकारियों के कसे पेंच

एसडीएम कोर्ट में लंबित मामलों पर डीएम सख्तः एसडीएम व तहसीलदार कोर्ट में पिछले पांच सालों से लंबित वादों पर डीएम ने राजस्व विभाग की कार्य प्रणाली पर कड़ी नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि विवादित व अविवादित वादों का महीनों से लंबित होना चिंताजनक है. जिसके चलते लोगों को बेवजह तहसीलों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं.

बैठक में बताया गया कि कोटद्वार तहसील की ओर से 1900 अविवादित वादों के सापेक्ष महज 400, श्रीनगर में 250 के सापेक्ष 47, यमकेश्वर में 146 के सापेक्ष 40 का ही निस्तारण हो सका है. इस कार्यशैली पर नाराज डीएम ने चेतावनी दी कि कोटद्वार में तहसीलदार की ओर से वादों के निस्तारण में तेजी नहीं लाने पर यहां किसी दूसरे तहसीलदार की तैनाती की जाएगी.

एसडीएम व तहसीलदारों को लगाई फटकारः तहसील स्तर पर शमन तामिल करने पर बरती जा रही शिथिलता पर डीएम ने उप-जिलाधिकारियों व तहसीलदारों को कड़ी फटकार लगाई. इतना ही नहीं डीएम ने सतपुली तहसील में 3 शमन तामिल नहीं करने पर नाजर को मुख्यालय तलब किया है. इस मौके पर एडीएम ईला गिरी, एएसपी संचार अनूप काला, तहसीलदार सतपुली सुधा डोभाल आदि शामिल रहे.

ये भी पढ़ेंः पौड़ी में एडवांस हाजिरी लगाकर प्रिंसिपल सहित स्कूल स्टाफ हुआ गायब, रिपोर्ट तलब

पौड़ीः जिले की एक दर्जन तहसीलों में पांच साल पुराने वादों का आज तक निस्तारण नहीं हो सका है. राजस्व की मासिक स्टॉफ बैठक में इन आंकड़ों को देख डीएम विजय कुमार जोगदंडे दंग रह गए. डीएम जोगदंडे ने इन मामलों के निस्तारण के लिए उप जिलाधिकारियों और तहसीलदारों को एक महीने का अल्टीमेटम दिया है. इतना ही नहीं डीएम ने लंबित मामलों का समय पर निस्तारण नहीं होने पर उप जिलाधिकारियों की वार्षिक प्रविष्ठि में उनकी इस कार्यशैली का उल्लेख किए जाने की हिदायत भी दी है.

दरअसल, पौड़ी कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी विजय कुमार जोगदंडे (DM Vijay Kumar Jogdande) की अध्यक्षता में राजस्व की मासिक स्टॉफ बैठक आयोजित की गई. बैठक में सामने आया कि कोटद्वार तहसील में राजस्व वादों के निस्तारण में पेशकार स्तर पर लगातार लापरवाही बरती जा रही है. जिस पर डीएम ने नाराजगी जताते हुए पेशकार का स्पष्टीकरण तलब किया है.

इस मौके पर डीएम जोगदंडे ने कोरोना महामारी से अपनी जान गंवाने वालों की सूची की भी समीक्षा की. उन्होंने कहा कि इस मामले में राजस्व विभाग मृतकों के परिजनों को एक हफ्ते के भीतर मुआवजा वितरित करें. साथ ही डीएम ने सभी एसडीएम को सब-रजिस्ट्रार कार्यालयों का एक हफ्ते के भीतर निरीक्षण करने के साथ ही रिर्पोट पेश करने को कहा.

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एसडीएम कोर्ट में लंबित मामलों पर डीएम सख्तः एसडीएम व तहसीलदार कोर्ट में पिछले पांच सालों से लंबित वादों पर डीएम ने राजस्व विभाग की कार्य प्रणाली पर कड़ी नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि विवादित व अविवादित वादों का महीनों से लंबित होना चिंताजनक है. जिसके चलते लोगों को बेवजह तहसीलों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं.

बैठक में बताया गया कि कोटद्वार तहसील की ओर से 1900 अविवादित वादों के सापेक्ष महज 400, श्रीनगर में 250 के सापेक्ष 47, यमकेश्वर में 146 के सापेक्ष 40 का ही निस्तारण हो सका है. इस कार्यशैली पर नाराज डीएम ने चेतावनी दी कि कोटद्वार में तहसीलदार की ओर से वादों के निस्तारण में तेजी नहीं लाने पर यहां किसी दूसरे तहसीलदार की तैनाती की जाएगी.

एसडीएम व तहसीलदारों को लगाई फटकारः तहसील स्तर पर शमन तामिल करने पर बरती जा रही शिथिलता पर डीएम ने उप-जिलाधिकारियों व तहसीलदारों को कड़ी फटकार लगाई. इतना ही नहीं डीएम ने सतपुली तहसील में 3 शमन तामिल नहीं करने पर नाजर को मुख्यालय तलब किया है. इस मौके पर एडीएम ईला गिरी, एएसपी संचार अनूप काला, तहसीलदार सतपुली सुधा डोभाल आदि शामिल रहे.

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