पौड़ी: जिले की विभिन्न तहसीलों में राजस्व वसूली की कम प्रगति पर डीएम ने संग्रह अमीनों को जमकर फटकार लगाई. इतना ही नहीं डीएम ने तय मानकों के सापेक्ष वसूली नहीं होने पर 10 संग्रह अमीनों के वेतन रोकने के आदेश जारी किये हैं. डीएम ने संतोषजनक राजस्व वसूली नहीं होने तक वेतन पर रोक लगी रहने की बात कही.
कलक्ट्रेट सभागार में बैठक में डीएम डा.आशीष चौहान (DM Ashish Chauhan) ने संतोषजनक राजस्व वसूली करने वाले संग्रह अमीनो पर कार्रवाई करने की भी चेतावनी दी. डीएम ने सभी एसडीएम व तहसीलदारों को वसूली की प्रगति बढ़ाने के लिए नियमानुसार अपने स्तर पर समीक्षा बैठक करने के निर्देश दिए.
बैठक में बताया गया कि जिले में कुल 10 संग्रह अमीनो द्वारा वसूली में प्रगति 50 फीसदी से कम रही. तहसील पौड़ी में सब्बल सिंह, बीरेंद्र सिंह, संतोष उनियाल, अरविंद ममगांई, तेजपाल सिंह, नन्दलाल शाह, रविन्द्र कुमार और शभुप्रसाद व तहसील थलीसैंण से महिपाल सिंह रावत, तहसील धुमाकोट से जितेंद्र सिंह बिष्ट राजस्व संग्रह अमीन की प्रगति 50 फीसदी से कम रही. डीएम ने इन सभी संग्रह अमीनों के वेतन पर अग्रिम आदेशों तक रोक लगाने के निर्देश दिए हैं.
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संस्कृत शिक्षा के सहायक निदेशक को बिना सूचना के मुख्यालय छोड़ना भारी पड़ा. मुख्य शिक्षाधिकारी ने इस लापरवाही पर सहायक निदेशक के वेतन पर अग्रिम आदेशों तक रोक लगा दी है. बता दें कि जिले में मुख्य शिक्षा अधिकारी के अधीन आने वाले अशासकीय सहायता प्राप्त संस्कृत स्कूलों में सृजित पदों के सापेक्ष कार्यरत पीटीए शिक्षकों की जांच के संबंध में सहयोग करने के साथ ही जांच पूरी होने तक मुख्यालय में बने रहने के आदेश हुए थे. इन दिनों जिले में यह जांच प्रक्रिया चल रही है. जांच प्रभावित न हो इसके लिए सहायक निदेशक संस्कृत शिक्षा का भी मौके पर मौजूद रहना जरूरी है, लेकिन सहायक निदेशक बिना पूर्व सूचना के ही मुख्यालय से नदारद रहे.
मुख्य शिक्षा अधिकारी डॉ आंनद भारद्वाज ने कहा सहायक निदेशक संस्कृत शिक्षा उनके अधीनस्थ अफसर हैं. लिहाज उन्हें मुख्यालय छोड़ने से पहले इसकी सूचना देनी चाहिए. कहा सहायक निदेशक संस्कृत शिक्षा इससे पहले भी बिना अनुमति के मुख्यालय से गायब रहते हैं, जो कि कर्मचारी आचरण नियमावली का सीधे तौर पर उल्लंघन है. इसके अनुसार ही सहायक निदेशक संस्कृत शिक्षा पदमाकर मिश्र के वेतन पर अग्रिम आदेशों तक रोक लगाई गई है.