पौड़ी: रामकुंड-कादेखाल पेयजल पंपिंग योजना का निर्माण कार्य शुरू करने को लेकर साल 2018 में ग्रामीणों ने शांतिपूर्ण आंदोलन किया था. ऐसे में अब जिला प्रशासन की ओर से ग्रामीणों को समन भेज रहा है. जिससे ग्रामीण खासे परेशान हैं. वहीं, ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से उनके खिलाफ दर्ज मुकदमों को वापस लेने की मांग की है.
बता दें कि रामकुंड-कादेखाल पेयजल पंपिंग योजना की मांग को लेकर ग्रामीणों ने साल 2018 अप्रैल माह में सबधारखाल में आंदोलन किया था. जिसको लेकर आंदोलनकारी ग्रामीणों के खिलाफ देवप्रयाग थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था. वहीं, रामकुंड-कादेखाल पेयजल पंपिंग योजना का कार्य शुरू करने की मांग को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने वाले 47 ग्रामीणों को समन भेजा गया है. जिसमें एक 75 वर्षीय बुजुर्ग महिला भी शामिल है.
वहीं, इस मामले पर ग्रामीण दिगंबर प्रसाद भट्ट ने बताया कि रामकुंड-कादेखाल पेयजल पंपिंग योजना का निर्माण कार्य जल्द शुरू करने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने साल 2018 में शांतिपूर्वक आंदोलन किया था. ताकि 60 से अधिक गांवों के लोगों को पानी मिल सके. बावजूद इसके शांतिपूर्ण आंदोलन करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है और पिछले 1 साल से उन्हें समन भेज रहा है.
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ग्रामीणों ने बताया कि समन मिलने वाले तीन आंदोलनकारियों का मौत भी हो चुकी है. हाल ही में प्रशासन ने 75 वर्षीय चंदा देवी को समन भेजा है जो आंदोलन में शामिल ही नहीं थी. ग्रामीणों का आरोप है कि स्थानीय विधायक भी इस मामले में कोई रुचि नहीं ले रहे हैं. वह चाहे तो उनपर दर्ज मुकदमे वापस हो सकते हैं. वहीं, 47 प्रदर्शनकारियों में महिलाओं की संख्या ज्यादा है.
ऐसे प्रशासन द्वारा लगातार समन भेज जाने से आजिज आ चुके ग्रामीण ने बुधवार को जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे थे. जहां उन्होंने जिलाधिकारी से वार्ताकर अपने खिलाफ दर्ज मुकदमों को वापस लेने की मांग की.