श्रीनगरः क्षेत्र में हाल ही में हुई सड़क दुर्घटना के बाद सीट बेल्ट की अनिवार्यता को लेकर सवाल उठ रहे हैं. दरअसल दुघर्टना में मारे गए दोनों लोग सीट बेल्ट पहने हुए थे. वाहन दुर्घटनाग्रस्त होने पर बेल्ट खुल न सकी और दोनों व्यक्तियों की मौत पानी में डूबने से हो गयी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार दोनों व्यक्तियों के शरीर में सीट बेल्ट के रगड़ने के निशान थे, जो बेल्ट को खोलने के प्रयास में लगे थे. जबकि साथ में बैठी 17 वर्षीय दिव्यांशी कार से छिटक गयी और जिसे स्थानीय लोगों ने बेस अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसका इलाज चल रहा है.
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गौर हो कि रविवार को धारी देवी के पास एक कार अलकनंदा नदी में जा गिरी. इस घटना में दो लोगों की मौत हो गई. घटना के वक्त कार में तीन लोग सवार थे. ये तीनों लोग धारी देवी घूमने के लिए जा रहे थे. घटना के प्रत्यक्षदर्शियों का कहना था कि अगर कार स्वामी ने सीट बेल्ट नहीं पहनी होती तो शायद बाहर छिटकने से उनकी जान बच सकती थी. इस दुर्घटना में देंवेद्र सिंह निवासी श्रीकोट, प्रवीण सिंह निवासी टिहरी की मौत हो गयी.
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इस दौरान रेस्क्यू कर रही टीम को मृतकों के शवों को बाहर निकालने में खासी मशक्कत करनी पड़ी थी. ड्राइवर सीट पर बैठे कार स्वामी के शव को बगल में बैठे व्यक्ति की सीट बेल्ट काट कर बाहर निकालना पड़ा था. इस घटना के बाद स्थानीय लोगों ने सरकार से पहाड़ी क्षेत्रों में सीट बेल्ट की अनिवार्यता समाप्त करने की मांग की है. क्योंकि ऐसी घटनाओं में जब वाहन दुर्घटनाग्रस्त होने पर सीट बेल्ट पहना व्यक्ति वाहन से बाहर निकलने के लिए कोई भी हरकत नहीं कर पाता है.