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श्रीनगर हादसा: जान बचाने वाली सीट बेल्ट ही बनी मौत की वजह, पहाड़ पर नियम बदलने की मांग - Srinagar Alaknanda River

अलकनंदा नदी में कार गिरने से चालक सहित दो लोगों की मौत हो गई. स्थानीय लोगों के मुताबिक सीट बेल्ट नहीं खुलने से दोनों की मौत हुई.

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Published : Jan 21, 2020, 11:31 AM IST

Updated : Jan 21, 2020, 11:45 AM IST

श्रीनगरः क्षेत्र में हाल ही में हुई सड़क दुर्घटना के बाद सीट बेल्ट की अनिवार्यता को लेकर सवाल उठ रहे हैं. दरअसल दुघर्टना में मारे गए दोनों लोग सीट बेल्ट पहने हुए थे. वाहन दुर्घटनाग्रस्त होने पर बेल्ट खुल न सकी और दोनों व्यक्तियों की मौत पानी में डूबने से हो गयी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार दोनों व्यक्तियों के शरीर में सीट बेल्ट के रगड़ने के निशान थे, जो बेल्ट को खोलने के प्रयास में लगे थे. जबकि साथ में बैठी 17 वर्षीय दिव्यांशी कार से छिटक गयी और जिसे स्थानीय लोगों ने बेस अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसका इलाज चल रहा है.

सीट ब्लेट की अनिवर्यता खत्म करने की मांग.

यह भी पढ़ेंः धारी देवी के पास अलकनंदा नदी में समाई कार, दो की मौत

गौर हो कि रविवार को धारी देवी के पास एक कार अलकनंदा नदी में जा गिरी. इस घटना में दो लोगों की मौत हो गई. घटना के वक्त कार में तीन लोग सवार थे. ये तीनों लोग धारी देवी घूमने के लिए जा रहे थे. घटना के प्रत्यक्षदर्शियों का कहना था कि अगर कार स्वामी ने सीट बेल्ट नहीं पहनी होती तो शायद बाहर छिटकने से उनकी जान बच सकती थी. इस दुर्घटना में देंवेद्र सिंह निवासी श्रीकोट, प्रवीण सिंह निवासी टिहरी की मौत हो गयी.

यह भी पढ़ेंः श्रीनगर: अलकनंदा नदी से बरामद हुआ चालक का शव, कई दिनों से था लापता

इस दौरान रेस्क्यू कर रही टीम को मृतकों के शवों को बाहर निकालने में खासी मशक्कत करनी पड़ी थी. ड्राइवर सीट पर बैठे कार स्वामी के शव को बगल में बैठे व्यक्ति की सीट बेल्ट काट कर बाहर निकालना पड़ा था. इस घटना के बाद स्थानीय लोगों ने सरकार से पहाड़ी क्षेत्रों में सीट बेल्ट की अनिवार्यता समाप्त करने की मांग की है. क्योंकि ऐसी घटनाओं में जब वाहन दुर्घटनाग्रस्त होने पर सीट बेल्ट पहना व्यक्ति वाहन से बाहर निकलने के लिए कोई भी हरकत नहीं कर पाता है.

श्रीनगरः क्षेत्र में हाल ही में हुई सड़क दुर्घटना के बाद सीट बेल्ट की अनिवार्यता को लेकर सवाल उठ रहे हैं. दरअसल दुघर्टना में मारे गए दोनों लोग सीट बेल्ट पहने हुए थे. वाहन दुर्घटनाग्रस्त होने पर बेल्ट खुल न सकी और दोनों व्यक्तियों की मौत पानी में डूबने से हो गयी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार दोनों व्यक्तियों के शरीर में सीट बेल्ट के रगड़ने के निशान थे, जो बेल्ट को खोलने के प्रयास में लगे थे. जबकि साथ में बैठी 17 वर्षीय दिव्यांशी कार से छिटक गयी और जिसे स्थानीय लोगों ने बेस अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसका इलाज चल रहा है.

सीट ब्लेट की अनिवर्यता खत्म करने की मांग.

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गौर हो कि रविवार को धारी देवी के पास एक कार अलकनंदा नदी में जा गिरी. इस घटना में दो लोगों की मौत हो गई. घटना के वक्त कार में तीन लोग सवार थे. ये तीनों लोग धारी देवी घूमने के लिए जा रहे थे. घटना के प्रत्यक्षदर्शियों का कहना था कि अगर कार स्वामी ने सीट बेल्ट नहीं पहनी होती तो शायद बाहर छिटकने से उनकी जान बच सकती थी. इस दुर्घटना में देंवेद्र सिंह निवासी श्रीकोट, प्रवीण सिंह निवासी टिहरी की मौत हो गयी.

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इस दौरान रेस्क्यू कर रही टीम को मृतकों के शवों को बाहर निकालने में खासी मशक्कत करनी पड़ी थी. ड्राइवर सीट पर बैठे कार स्वामी के शव को बगल में बैठे व्यक्ति की सीट बेल्ट काट कर बाहर निकालना पड़ा था. इस घटना के बाद स्थानीय लोगों ने सरकार से पहाड़ी क्षेत्रों में सीट बेल्ट की अनिवार्यता समाप्त करने की मांग की है. क्योंकि ऐसी घटनाओं में जब वाहन दुर्घटनाग्रस्त होने पर सीट बेल्ट पहना व्यक्ति वाहन से बाहर निकलने के लिए कोई भी हरकत नहीं कर पाता है.

Intro:श्रीनगर में शनिवार देर सायं हुई दुर्घटना को लेकर स्थानीय लोगो मे खासा रोस व्याप्त है दरअसल दुघर्टना में मारे गए दो लोगो की सीट बेल्ट पहनी हुई थी वाहन दुर्घटना ग्रस्त होने पर बेल्ट खुल ना सकी ।ओर दोनों व्यक्तियों की मौत पानी मे डूबने से हो गयी।पोस्ट मार्टम रिपोट के अनुसार दोनों व्यक्तियों के सरीर में सीट बेल्ट के रगड़न के निशान थे जो बेल्ट को खोलने के प्यास में लगे थे। जबकि साथ मे बैठी 17 वर्षिय दिव्यांशी कार से छटक गयी और स्थानीय लोग उसे बेष अस्पताल ले आये जहा उसका इलाज चल रहा है ।घटना में प्रत्यक्षदर्शियों का कहना था यदि कार स्वामी ने सीट ब्लेट नही पहनी होती तो सायद बाहर छिटकने से उनकी जान बच सकती थीं।इस दुर्घटना में देवेद्र सिंह निवासी श्रीकोट,प्रवीण सिंह निवासी टिहरी की मौत हो गयी।Body:इस पूरी घटना में रेस्क़यो कर रही रेस्क़यो टीम को मृतकों के सवो को बाहर निकालने के लिए खासी मस्कत करनी पड़ी थी।डाइवर शीट पर बैठे कार स्वामी के सव वो बगल में बैठे व्यक्ति की सीट बेल्ट काट कर बाहर निकालना पड़ा था।इस घटना के बाद स्थानीय लोगो की सरकार से मांग है कि पहाड़ी क्षेत्रों में सीट बेल्ट की अनिवार्यता को समाप्त किया जाए।क्योकी ऐसी घटनाओं में जब वाहन दुर्घटना ग्रस्त हो तो सीट बेल्ट पहना व्यक्ति वाहन से बाहर निकलने के लिए कोई भी हरकत नही कर पाता।Conclusion:वही रविवार को हुई इस घटना के बाद सोशल मीडिया में भी सीट बेल्ट को लेकर लोगो काफी आक्रोश है ।यूजर्स के कहना है कि यदि कार स्वामी ने सीट बेल्ट नही पहनी होती तो सायद उनकी जान बच सकती थी।हादसे के दौरान उनकी बेटी पीछे बैठी हुई थी कार नदी में जाने से पहले बाहर छिटकने से उसकी जान बच गयी।स्तानीय लोग सीट बेल्ट की अनिवार्यता को गलत बता रहे है।
Last Updated : Jan 21, 2020, 11:45 AM IST
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