कोटद्वार: एक ओर कोरोना कहर बरपा रहा है. दूसरी ओर कोविड को लेकर अभी भी लापरवाह रवैया देखने को मिल रहा है. कोटद्वार में खुले में ही सड़क किनारे कोविड मेडिकल वेस्ट फेंका जा रहा है. इसके लिए जिम्मेदार एक निजी अस्पताल को ठहराया जा रहा है. ऐसे में जहां खुले में वेस्टेज डालकर लोगों को खतरे में डाला जा रहा है. वहीं मामले में स्थानीय प्रशासन कार्रवाई करने के बजाय मूक दर्शक बना हुआ है.
दरअसल, कोटद्वार देवी मंदिर रोड तिराहे पर स्थित एक निजी अस्पताल को स्थानीय प्रशासन ने बीते कुछ दिन पहले कोविड आईसीयू अस्पताल बनाया था. लेकिन आरोप है कि अस्पताल नियमों का पालन नहीं कर रहा है. इतना ही नहीं कोरोना के मरीजों का वेस्ट मटेरियल को अस्पताल प्रबंधन खुले में फेंक रहा है. जिससे आम जनता में कोरोना संक्रमण फैलने का भय बना हुआ है.
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स्थानीय पार्षद विजेता रावत ने भी नगर निगम व स्थानीय प्रशासन को इसकी शिकायत की, लेकिन मामले पर नगर निगम अधिकारियों की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई. ऐसे में निजी अस्पताल प्रबंधक की ओर से शहर के सबसे व्यस्तम व घनी आबादी वाले क्षेत्र में वेस्ट मटेरियल गैर जिम्मेदारी ढंग से सड़क किनारे फेंकना अपने आप में एक बड़ा सवाल है.
गौर हो कि देवी मंदिर तिराहे पर सहकारी समिति सुखरौ कार्यालय एवं बैंक, विशाल मंदिर, दो बैंक व तमाम दर्जनों दुकानें व आसपास घनी आबादी में हजारों लोग निवास करते हैं. जबकि, तिराहे पर आम जनता लगातार आवाजाही करती है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि कोरोना संक्रमण के इस विकट समय में हजारों लोगों की जान जोखिम में डालने वाले इस अस्पताल पर आखिर कब कार्रवाई होगी?
क्या बोले निगम के अधिकारी
वहीं, पूरे मामले पर कोटद्वार नगर निगम के नगर आयुक्त प्यारे लाल शाह का कहना है कि उनकी ओर से सफाई निरीक्षक को मौके पर भेजा गया था. उनकी रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.