कोटद्वार: शहर को सैनेटाइज करने के लिए नगर निगम ने सैनेटाइजर खरीदा था, लेकिन नगर निगम द्वारा घटिया सैनेटाइजर खरीदा गया, जिस पर पार्षदों ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं, पार्षदों का कहना है कि जिस कंपनी से निगम को सैनेटाइजर उपलब्ध कराया गया है, उसने सैनेटाइज की जगह ड्रम में पानी भरकर भेज दिया है, जब पार्षद ने इसकी शिकायत नगर आयुक्त को कि तो नगर आयुक्त ने उल्टा पार्षदों के ऊपर ही दबाव बनाना शुरू कर दिया है.
बता दें, आज सभी पार्षदों ने मुख्यमंत्री से मांग करते हुए कहा कि सैनेटाइजर की जांच होनी चाहिए और संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही होनी चाहिए. पार्षदों ने नगर आयुक्त व उप जिलाधिकारी कोटद्वार को शिकायती पत्र भी दिया है.
वहीं, भाजपा पार्षद सौरभ नौटियाल का कहना है कि वार्ड में पिछले 3 दिन पहले आधा अधूरा सैनेटाइजर स्प्रे किया गया था, जो नकली है. उन्होंने का कि राज्यपाल, मुख्यमंत्री और वन मंत्री हरक सिंह रावत से मांग करता हूं की जिस कंपनी ने नकली सैनेटाइजर नगर निगम को उपलब्ध कराया है, उस कंपनी के खिलाफ और जो नगर निगम के कर्मचारी इसमें लिप्त हैं उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए. साथ ही अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की बात कही.
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पार्षद बिपिन डोबरियाल का कहना है कि प्रशासन अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए दूसरों पर गलत होने का आरोप लगा रहा है. साथ ही शिकायत करने वालों पर मुकदमा दर्ज कराए जाने की धमकी दी जा रही है.
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वहीं, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विपिन कैंथोला ने कहा कि समाचार पत्रों व टीवी चैनलों के माध्यम से पता चला है कि कोटद्वार में नकली सैनेटाइजर आया है. निश्चित रूप से अगर कोटद्वार में नकली सैनेटाइजर का मामला है तो प्रशासन को इस पर जांच करनी चाहिए और इसमें जो भी लोग शामिल हैं उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही होनी चाहिए.