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संविदा कर्मचारी ने पीएम मोदी को खून से लिखा खत, की यह मांग - संविदा कर्मचारी ने पीएम मोदी को खून से लिखा खत

उपनल कर्मचारी संघ पेयजल निगम के प्रदेश अध्यक्ष महेश चंद्र भट्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खून से लिखा पत्र भेजा है. इस पत्र में महेश ने निगम में कार्यरत उपनल कर्मियों के शोषण की तरफ पीएम मोदी का ध्यान आकृष्ट कराया है.

letter written in blood
खून से लिखा खत
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Published : May 1, 2022, 5:54 PM IST

श्रीनगर: उपनल कर्मचारी संघ पेयजल निगम के प्रदेश अध्यक्ष महेश चंद्र भट्ट (Mahesh Chandra Bhatt) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खून से लिखा पत्र (write letter to PM Modi with blood) भेजा है. इस पत्र में महेश ने निगम में कार्यरत उपनल कर्मियों के शोषण (exploitation of sub-workers) की तरफ पीएम मोदी का ध्यान आकृष्ट कराया है.

महेश चंद्र भट्ट का कहना है कि प्रदेश में 130 डाटा एंट्री ऑपरेटर सालों से उपनल के जरिए पेयजल निगम में कार्य कर रहे हैं. लेकिन उनका वेतन इतना कम है कि वे इससे अपने परिवार का भरण पोषण भी नहीं कर पा रहे हैं. उन्होंने मांग की है कि उन्हें उपनल से हटा कर संविदा पर विभाग में रखा जाए.

महेश ने आगे लिखा कि वो इससे पूर्व 26 मार्च को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भी पत्र के जरिए अपनी समस्या से अवगत करा चुके हैं. लेकिन उनकी इस मांग पर आज तक गौर नहीं किया गया. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि प्रदेश में केंद्र सरकार की जलजीवन मिशन के तहत बहुत सी योजनाएं चलाई जा रही हैं. जिसको पूरा करने के लिए डाटा एंट्री ऑपरेटर सुबह 10 बजे से रात 11 बजे तक कार्य कर रहे हैं. ऐसे हालात में उन्हें उपनल से हटा कर संविदा में तैनाती दी जाए.
ये भी पढ़ेंः यूपीसीएल को अब आयी मितव्ययता की याद, बिजली चोरी-लाइन लॉस रोकने पर प्रबंधन खामोश

उपनल कर्मचारी संघ पेयजल निगम के प्रदेश अध्यक्ष महेश चंद्र ने बताया कि प्रदेश के 130 उपनल कर्मी दिन रात मेहनत करते हैं. लेकिन उन्हें ना तो समय पर वेतन मिलता है. लेकिन जब वेतन मिलता है तो वो इतना कम होता है कि उनका परिवार चलाना मुश्किल होता है.

श्रीनगर: उपनल कर्मचारी संघ पेयजल निगम के प्रदेश अध्यक्ष महेश चंद्र भट्ट (Mahesh Chandra Bhatt) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खून से लिखा पत्र (write letter to PM Modi with blood) भेजा है. इस पत्र में महेश ने निगम में कार्यरत उपनल कर्मियों के शोषण (exploitation of sub-workers) की तरफ पीएम मोदी का ध्यान आकृष्ट कराया है.

महेश चंद्र भट्ट का कहना है कि प्रदेश में 130 डाटा एंट्री ऑपरेटर सालों से उपनल के जरिए पेयजल निगम में कार्य कर रहे हैं. लेकिन उनका वेतन इतना कम है कि वे इससे अपने परिवार का भरण पोषण भी नहीं कर पा रहे हैं. उन्होंने मांग की है कि उन्हें उपनल से हटा कर संविदा पर विभाग में रखा जाए.

महेश ने आगे लिखा कि वो इससे पूर्व 26 मार्च को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भी पत्र के जरिए अपनी समस्या से अवगत करा चुके हैं. लेकिन उनकी इस मांग पर आज तक गौर नहीं किया गया. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि प्रदेश में केंद्र सरकार की जलजीवन मिशन के तहत बहुत सी योजनाएं चलाई जा रही हैं. जिसको पूरा करने के लिए डाटा एंट्री ऑपरेटर सुबह 10 बजे से रात 11 बजे तक कार्य कर रहे हैं. ऐसे हालात में उन्हें उपनल से हटा कर संविदा में तैनाती दी जाए.
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उपनल कर्मचारी संघ पेयजल निगम के प्रदेश अध्यक्ष महेश चंद्र ने बताया कि प्रदेश के 130 उपनल कर्मी दिन रात मेहनत करते हैं. लेकिन उन्हें ना तो समय पर वेतन मिलता है. लेकिन जब वेतन मिलता है तो वो इतना कम होता है कि उनका परिवार चलाना मुश्किल होता है.

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