पौड़ी: नगर में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की बदहाली किसी से छिपी नहीं है. नगर के अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में चलाए जा रहे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में लंबे समय से डॉक्टरों की तैनाती नहीं की गई है. साथ ही उपकरणों को ऑपरेट करने के लिए स्टाफ तक नहीं है. जिसके चलते ग्रामीणों को मामूली इलाज के लिए भी जिला मुख्यालय के अस्पताल जाना पड़ता है. ऐसे में जल्द ही पीपीपी मोड के अन्तर्गत इन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में टेक्नीशियन के साथ-साथ डॉक्टर्स की भी तैनाती होगी.
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कल्जीखाल ब्लॉक के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घड़ियाल में मात्र टीवी की जांच हो पाती है. वहीं, मामूली इलाज के जांचों के लिए सभी ग्रामीणों को पौड़ी अस्पताल आना होता है. जबकि, असपताल में एक्सरे मशीन को चलाने वाला भी कोई टेक्नीशियन नहीं है. साथ ही 8 डॉक्टरों के सापेक्ष मात्र 3 डॉक्टर ही यहां पर कार्यरत है.
पौड़ी अस्पताल के प्रभारी अधिकारी डॉ. आशीष गुसाई ने बताया कि संस्था अपनी जिम्मेदारी पूरी तरह से निभाती है तो पीपीपी मोड में आने के बाद अस्पताल में नए टेक्नीशियन के साथ-साथ डॉक्टरों की तैनाती होगी .जिसके बाद पूरे क्षेत्र के लोगों को उपचार के लिए पौड़ी नहीं जाना होगा.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी पौड़ी बी.एस.जंगपांगी ने बताया कि जल्द ही अधिकतर अस्पताल पीपीपी मोड में जाने वाले हैं. पीपीपी मोड में जाने के बाद, जिस संस्था की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी. साथ ही नियमों के अनुसार कार्य करें तो ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों और टेक्नीशियन की कमी नहीं रहेगी. जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर होंगी.