ETV Bharat / state

सीएचसी में स्वास्थ्य सुविधाएं होंगी बेहतर, अब इलाज के लिए नहीं भटकेंगे मरीज - सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र

पीपीपी मोड  के अन्तर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नए टेक्नीशियन के साथ-साथ डॉक्टरों की तैनाती होगी. जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर होंगी.

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घड़ियाल
author img

By

Published : Aug 1, 2019, 7:08 AM IST

पौड़ी: नगर में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की बदहाली किसी से छिपी नहीं है. नगर के अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में चलाए जा रहे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में लंबे समय से डॉक्टरों की तैनाती नहीं की गई है. साथ ही उपकरणों को ऑपरेट करने के लिए स्टाफ तक नहीं है. जिसके चलते ग्रामीणों को मामूली इलाज के लिए भी जिला मुख्यालय के अस्पताल जाना पड़ता है. ऐसे में जल्द ही पीपीपी मोड के अन्तर्गत इन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में टेक्नीशियन के साथ-साथ डॉक्टर्स की भी तैनाती होगी.

पीपीपी मोड के अन्तर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र होगें दुरस्थ.

ये भी पढ़ें: ये है भगवान शंकर की ससुराल, स्वयं दक्ष के लिए ब्रह्मा ने मांगा था क्षमादान, जानिए महत्व...

कल्जीखाल ब्लॉक के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घड़ियाल में मात्र टीवी की जांच हो पाती है. वहीं, मामूली इलाज के जांचों के लिए सभी ग्रामीणों को पौड़ी अस्पताल आना होता है. जबकि, असपताल में एक्सरे मशीन को चलाने वाला भी कोई टेक्नीशियन नहीं है. साथ ही 8 डॉक्टरों के सापेक्ष मात्र 3 डॉक्टर ही यहां पर कार्यरत है.
पौड़ी अस्पताल के प्रभारी अधिकारी डॉ. आशीष गुसाई ने बताया कि संस्था अपनी जिम्मेदारी पूरी तरह से निभाती है तो पीपीपी मोड में आने के बाद अस्पताल में नए टेक्नीशियन के साथ-साथ डॉक्टरों की तैनाती होगी .जिसके बाद पूरे क्षेत्र के लोगों को उपचार के लिए पौड़ी नहीं जाना होगा.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी पौड़ी बी.एस.जंगपांगी ने बताया कि जल्द ही अधिकतर अस्पताल पीपीपी मोड में जाने वाले हैं. पीपीपी मोड में जाने के बाद, जिस संस्था की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी. साथ ही नियमों के अनुसार कार्य करें तो ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों और टेक्नीशियन की कमी नहीं रहेगी. जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर होंगी.

पौड़ी: नगर में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की बदहाली किसी से छिपी नहीं है. नगर के अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में चलाए जा रहे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में लंबे समय से डॉक्टरों की तैनाती नहीं की गई है. साथ ही उपकरणों को ऑपरेट करने के लिए स्टाफ तक नहीं है. जिसके चलते ग्रामीणों को मामूली इलाज के लिए भी जिला मुख्यालय के अस्पताल जाना पड़ता है. ऐसे में जल्द ही पीपीपी मोड के अन्तर्गत इन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में टेक्नीशियन के साथ-साथ डॉक्टर्स की भी तैनाती होगी.

पीपीपी मोड के अन्तर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र होगें दुरस्थ.

ये भी पढ़ें: ये है भगवान शंकर की ससुराल, स्वयं दक्ष के लिए ब्रह्मा ने मांगा था क्षमादान, जानिए महत्व...

कल्जीखाल ब्लॉक के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घड़ियाल में मात्र टीवी की जांच हो पाती है. वहीं, मामूली इलाज के जांचों के लिए सभी ग्रामीणों को पौड़ी अस्पताल आना होता है. जबकि, असपताल में एक्सरे मशीन को चलाने वाला भी कोई टेक्नीशियन नहीं है. साथ ही 8 डॉक्टरों के सापेक्ष मात्र 3 डॉक्टर ही यहां पर कार्यरत है.
पौड़ी अस्पताल के प्रभारी अधिकारी डॉ. आशीष गुसाई ने बताया कि संस्था अपनी जिम्मेदारी पूरी तरह से निभाती है तो पीपीपी मोड में आने के बाद अस्पताल में नए टेक्नीशियन के साथ-साथ डॉक्टरों की तैनाती होगी .जिसके बाद पूरे क्षेत्र के लोगों को उपचार के लिए पौड़ी नहीं जाना होगा.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी पौड़ी बी.एस.जंगपांगी ने बताया कि जल्द ही अधिकतर अस्पताल पीपीपी मोड में जाने वाले हैं. पीपीपी मोड में जाने के बाद, जिस संस्था की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी. साथ ही नियमों के अनुसार कार्य करें तो ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों और टेक्नीशियन की कमी नहीं रहेगी. जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर होंगी.

Intro:जनपद पौड़ी में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की बदहालिता किसी से छिपी नहीं है अधिकतर ग्रामीण क्षेत्रों में चलने वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में लंबे समय से डॉक्टरों की कमी चल रही है वहीं दूसरी ओर यहां पर लगे उपकरणों को ऑपरेट करने वाला व्यक्ति तक नहीं है जिससे कि कहीं न कहीं ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को छोटी-छोटी जांचों को करवाने के लिए मुख्यालय के अस्पताल में आना पड़ता है वही जल्द ही अधिकतर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पीपीपी मोड में जाने वाले हैं जिससे कि ग्रामीण क्षेत्रों में चलने वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में अच्छे डॉक्टरों के साथ-साथ मशीनों को ऑपरेट करने वाले टेक्नीशियन भी मुहैया हो जाएंगे इससे कहीं न कहीं स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में सुधार आने की पूरी उम्मीद है।


Body:कल्जीखाल ब्लॉक के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घड़ियाल में मात्र टीवी की जांच हो पाती है वही अन्य छोटी-छोटी जांचों के लिए सभी ग्रामीणों को पौड़ी आना होता है वहां पर लगी एक्सरे मशीन को चलाने वाला भी कोई ऑपरेटर नहीं है वही 8 डॉक्टरों के सापेक्ष मात्र 3 डॉक्टर ही यहां पर कार्यरत है। अस्पताल के प्रभारी अधिकारी डॉ आशीष गुसाई ने बताया कि शर्तों के अनुसार यदि संस्था अपनी जिम्मेदारी पूरी तरह निभाती है तो पीपीपी मोड में जाने के बाद अस्पताल में नए टेक्नीशियन के साथ साथ डॉक्टर्स भी प्राप्त हो जाएंगे कहीं न कहीं पूरे क्षेत्र के लोगों को उपचार के लिए पौड़ी नहीं जाना होगा।
बाईट-डॉ आशीष गुसाई(प्रभारी अधिकारी )


Conclusion:मुख्य चिकित्सा अधिकारी पौड़ी बी.एस जंगपांगी ने बताया कि जल्द ही अधिकतर अस्पताल पीपीपी मोड में जाने वाले हैं। पीपीपी मोड में जाने के बाद जो जिस संस्था को इनकी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी और वो शर्तों के अनुसार कार्य करें तो ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों और टेक्नीशियन की कमी नहीं रहेगी जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर होंगी और जो कमी लंबे समय से चल रही है उसकी भी आसानी से भरपाई की जाएगी।
बाईट- बी.एस जंगपांगी(मुख्य चिकित्सा अधिकारी पौड़ी)
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.