पौड़ी: मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पौड़ी की अदालत (Court of Chief Judicial Magistrate Pauri) ने जिला स्वास्थ्य महकमे में एंबुलेंस खरीद में सरकारी धन का गबन (embezzlement of money in ambulance purchase) करने और धोखाधड़ी मामले में सुनवाई (hearing in fraud case) की. न्यायालय ने गबन मामले में मैसर्स अंबू स्मिथ प्राइवेट लिमिटेड कंपनी (M/s Ambu Smith Private Limited Company) के मालिक को दोषी करार देते हुए एक साल सश्रम कारावास और 20 हजार का अर्थदंड ठोका है. जबकि धोखाधड़ी मामले में 3 साल का सश्रम कारावास और 50 हजार का अर्थदंड लगाया है.
मामला अगस्त 2020 का है. पौड़ी जिला स्वास्थ्य विभाग (Pauri District Health Department) ने कोविड काल के दौरान जुलाई 2020 में नई दिल्ली स्थित मैसर्स अंबू स्मिथ प्राइवेट लिमिटेड कंपनी से 6 एंबुलेंस खरीदने का अनुबंध (contract to buy an ambulance) किया था. तय शर्तों के अनुसार कंपनी को एक माह के भीतर सभी 6 एंबुलेंस विभाग को उपलब्ध करानी थी. विभाग ने इसके लिए 11 अगस्त 2020 को कंपनी के अनुबंध के अनुसार 45 लाख 70 हजार 160 रुपए की धनराशि का भुगतान भी कर दिया.
जबकि कंपनी ने स्वास्थ्य विभाग को 6 माह में एक ही एंबुलेंस उपलब्ध कराई. अन्य 5 एंबुलेंस को लेकर कंपनी ने आनाकानी और लेटलतीफी करनी शुरू कर दी. मामले में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कंपनी निदेशक और ऑनर से लगातार संपर्क कर एंबुलेंस उपलब्ध कराने को लेकर बात की, लेकिन कंपनी ने स्वास्थ्य विभाग को कोई सही जवाब नहीं दिया.
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जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी संजय नेगी ने 23 जुलाई 2021 को पौड़ी थाने में मैसर्स अंबू स्मिथ प्रा. लि. के निदेशक और ऑनर रजनीश श्रीवास्तव के खिलाफ नामजद तहरीर दर्ज कराई. मामले में पुलिस ने सरकारी धन का गबन करने और धोखाधड़ी की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया. मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी कंपनी निदेशक रजनीश श्रीवास्तव को नवंबर 2021 को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया.
अभियोजन अधिकारी यशदीप श्रीवास्तव, नामिका और अधिवक्ता अभियोजन आशीष जदली ने कहा कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पौड़ी की अदालत ने एंबुलेंस खरीद मामले में कंपनी के निदेशक रजनीश श्रीवास्तव को सरकारी धन के गबन और धोखाधड़ी का दोषी पाते हुए सजा सुनाई है. साथ ही न्यायालय ने अर्थदंड जमा नहीं किए जाने पर दोषी को दो माह अतिरिक्त सश्रम कारावास के आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा दोषी की दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी. सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से 6 गवाह पेश किए गए.