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उत्तराखंडः चरक ऋषि की कर्म स्थली चरेख में 25 साल बाद हुई बर्फबारी

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Published : Jan 9, 2020, 9:30 PM IST

Updated : Jan 9, 2020, 9:37 PM IST

आयुर्वेद के जनक चरक ऋषि की कर्म स्थली कही जाने वाली चरक डांडा में लंबे अंतराल के बाद बुधवार रात जमकर बर्फबारी हुई. -,

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कोटद्वारः चरेख डांडा में 25 साल बाद बुधवार रात को जमकर बर्फबारी हुई. वर्षों के इंतजार के बाद हुई बर्फबारी से ग्रामीणों के साथ ही इस क्षेत्र के व्यापारियों के चेहरे भी खिल गए हैं.

कोटद्वार के समीप आयुर्वेद के जनक चरक ऋषि की कर्म स्थली कही जाने वाली चरक डांडा में लंबे अंतराल के बाद बुधवार रात जमकर बर्फबारी हुई. घाड़ क्षेत्र के अंतर्गत चरेख व आसपास के क्षेत्र को स्थानीय निवासी ऋषि चरक की जन्म कर्म स्थली कहते हैं. वर्ष 2010 में शासन ने चरेख में अंतरराष्ट्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान खोलने की घोषणा की, जो आज तक धरातल पर नहीं उतरी. लेकिन पिछले 10 साल में यहां काफी होटल और रिसॉर्ट खुले हैं.

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बर्फबारी का लुत्फ ले रहा सैलानी.

हर वर्ष ठंड के मौसम में होटल व्यवसाई पर्यटकों को इस क्षेत्र में बुलाते हैं, लेकिन बर्फबारी न होने के कारण उन्हें मायूस होना पड़ता है, 25 वर्ष के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार बुधवार रात को चरेख के आसपास के क्षेत्र में जमकर बर्फबारी हुई, जिससे होटल व्यवसायियों के चेहरे खिले हैं, वही बर्फबारी ने घाड़ क्षेत्र के काश्तकारों की कमर तोड़ दी,काश्तकारों के खेत में प्याज आलू की पौध रोपित थी जो बर्फबारी के कारण खराब हो गयी.

कोटद्वारः चरेख डांडा में 25 साल बाद बुधवार रात को जमकर बर्फबारी हुई. वर्षों के इंतजार के बाद हुई बर्फबारी से ग्रामीणों के साथ ही इस क्षेत्र के व्यापारियों के चेहरे भी खिल गए हैं.

कोटद्वार के समीप आयुर्वेद के जनक चरक ऋषि की कर्म स्थली कही जाने वाली चरक डांडा में लंबे अंतराल के बाद बुधवार रात जमकर बर्फबारी हुई. घाड़ क्षेत्र के अंतर्गत चरेख व आसपास के क्षेत्र को स्थानीय निवासी ऋषि चरक की जन्म कर्म स्थली कहते हैं. वर्ष 2010 में शासन ने चरेख में अंतरराष्ट्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान खोलने की घोषणा की, जो आज तक धरातल पर नहीं उतरी. लेकिन पिछले 10 साल में यहां काफी होटल और रिसॉर्ट खुले हैं.

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बर्फबारी का लुत्फ ले रहा सैलानी.

हर वर्ष ठंड के मौसम में होटल व्यवसाई पर्यटकों को इस क्षेत्र में बुलाते हैं, लेकिन बर्फबारी न होने के कारण उन्हें मायूस होना पड़ता है, 25 वर्ष के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार बुधवार रात को चरेख के आसपास के क्षेत्र में जमकर बर्फबारी हुई, जिससे होटल व्यवसायियों के चेहरे खिले हैं, वही बर्फबारी ने घाड़ क्षेत्र के काश्तकारों की कमर तोड़ दी,काश्तकारों के खेत में प्याज आलू की पौध रोपित थी जो बर्फबारी के कारण खराब हो गयी.

Intro:Summary कोटद्वार के समीप चरेख डांडा में 25 साल के लंबे अंतराल के बाद बुधवार रात को जमकर बर्फबारी हुई , वर्षों के इंतजार के बाद हुई बर्फ बारिश ने ग्रामीणों के साथ ही इस क्षेत्र के व्यवसाय चला रहे व्यापारियों के चेहरे भी खिला दिए।

Intro kotdwar कोटद्वार के समीप आयुर्वेद के जनक चरख ऋषि की कर्म स्थली कही जाने वाली चरक डांडा में लंबे अंतराल के बाद 25 साल के बाद बुधवार रात बारिश के बाद जमकर बर्फबारी हुई, घाड़ क्षेत्र के अंतर्गत चरेख व आसपास के क्षेत्र को स्थानीय निवासी ऋषि चरक की जन्म कर्म स्थली कहते हैं, शायद यही कारण है कि वर्ष 2010 में शासन ने चरक में अंतरराष्ट्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान खोलने की घोषणा की, घोषणा तो आज तक धरातल पर नहीं उतरी लेकिन पिछले 10 साल में चरक में काफी होटल और रिसॉर्ट खुले हैं ,
हर वर्ष ठंड के मौसम में होटल व्यवसाई पर्यटकों को इस क्षेत्र में बुलाते हैं लेकिन बर्फबारी न होने के कारण इन्हें मायूस होना पड़ता है, 25 वर्ष के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार बुधवार रात को चरेख के आसपास के क्षेत्र में जमकर बर्फबारी हुई, जिससे होटल व्यवसाय के चेहरे खिले, वही बर्फबारी ने घाड़ क्षेत्र के काश्तकारों की कमर तोड़ दी,काश्तकारों के खेत में प्याज आलू की पौध रोपित थी जो बर्फबारी के कारण खराब हो गयी।
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Last Updated : Jan 9, 2020, 9:37 PM IST
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