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पौड़ी: संरक्षित खेती से बदल रही गांवों की तस्वीर, किसानों के खिले चेहरे - Pauri Latest News

चंदोला-रांई गांव की महिलाओं के समूह को पॉली हाउस की मदद से कृषि करने के तरीके सिखाये जा रहे हैं. जिससे पारंपरिक खेती से होने वाले नुकसानों से बचा जा सकता है और किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.

संरक्षित खेती से बदल रही गांवों की तस्वीर
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Published : Aug 27, 2019, 5:01 PM IST

Updated : Aug 27, 2019, 5:57 PM IST

पौड़ी: जिले के चंदोला-रांई गांव में एक निजी संस्था संरक्षित खेती कर कृषि को बढ़ावा देने का काम कर रही है. जिसमें यहां के ग्रामीण बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं. ग्रामीणों और महिला समूहों की मदद से यहां विभिन्न प्रकार की सब्जियों का उत्पादन किया जा रहा है, जिससे लोगों की अच्छी खासी कमाई हो रही है. वहीं गांव में कुछ लोग ऐसे भी हैं जो कि नौकरी छोड़ वापस गांव में आकर खेती करने लगे हैं. मंगलवार को गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत ने यहां पहुंच कर ग्रामीणों की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि आने वाले समय इस तरह की खेती से पहाड़ों से पलायन रुकेगा और गांवों में खुशहाली आएगी.

संरक्षित खेती से बदल रही गांवों की तस्वीर.

चंदोला-रांई गांव पहुंचे गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत ने कहा कि ग्रामीणों की ओर से पारंपरिक खेती के साथ-साथ पॉली हाउस की मदद से विभिन्न प्रकार की सब्जियां उगाई जा रही है जो कि एक सराहनीय कदम है. उन्होंने कहा कि शहर के पास होने से यहां उगाई जाने वाली सब्जियों को अच्छा बाजार भी उपलब्ध हो रहा है, जिससे गांव वालों की आमदनी हो रही है. गढ़वाल सांसद ने कहा कि प्रदेश और केंद्र की सरकार भी चाहती है कि प्रत्येक किसान की आय में वृद्धि हो, इसके लिए सरकार की ओर से तमाम योजनाएं चलाई जा रही हैं.

पढ़ें-कुमाऊं में इस जगह से था महात्मा गांधी को प्रेम, अब बदलेगी तस्वीर

इस दौरान निजी संस्था के निदेशक उदित घिल्डियाल ने बताया कि गांव में कुछ लोग कृषि के क्षेत्र में अच्छा काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि उनकी संस्था की ओर से अन्य गांव की महिलाओं के समूह को पॉली हाउस की मदद से कृषि करने के तरीके सिखाये जा रहे हैं. उदित ने कहा कि जिस तरह से गांवों में पारंपरिक खेती की जाती है उसे जंगली जानवर नुकसान पहुंचाते हैं जिससे किसानों की मेहनत बर्बाद हो जाती है. उदित ने कहा कि पॉलीहाउस में उगने वाली सब्जियां सुरक्षित होती हैं. इसके बाद इनकी खपत के लिए पौड़ी का बाजार भी नजदीक ही है, जिससे ये लोग आसानी से पैसा कमा सकते हैं.

पढ़ें- स्टिंग मामले में रेखा आर्य ने ली हरीश रावत पर चुटकी, कहा- जैसी करनी वैसी भरनी

शहर से नौकरी छोड़कर आये सुमन ने बताया कि वे गांव मेंं ही खेती कर रहे हैं. वे बताते हैं कि शुरू में उन्हें कुछ खासा मुनाफा नहीं हुआ लेकिन अब धीरे-धीरे वे ठीक-ठाक पैसे कमाने लगे हैं.

पौड़ी: जिले के चंदोला-रांई गांव में एक निजी संस्था संरक्षित खेती कर कृषि को बढ़ावा देने का काम कर रही है. जिसमें यहां के ग्रामीण बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं. ग्रामीणों और महिला समूहों की मदद से यहां विभिन्न प्रकार की सब्जियों का उत्पादन किया जा रहा है, जिससे लोगों की अच्छी खासी कमाई हो रही है. वहीं गांव में कुछ लोग ऐसे भी हैं जो कि नौकरी छोड़ वापस गांव में आकर खेती करने लगे हैं. मंगलवार को गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत ने यहां पहुंच कर ग्रामीणों की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि आने वाले समय इस तरह की खेती से पहाड़ों से पलायन रुकेगा और गांवों में खुशहाली आएगी.

संरक्षित खेती से बदल रही गांवों की तस्वीर.

चंदोला-रांई गांव पहुंचे गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत ने कहा कि ग्रामीणों की ओर से पारंपरिक खेती के साथ-साथ पॉली हाउस की मदद से विभिन्न प्रकार की सब्जियां उगाई जा रही है जो कि एक सराहनीय कदम है. उन्होंने कहा कि शहर के पास होने से यहां उगाई जाने वाली सब्जियों को अच्छा बाजार भी उपलब्ध हो रहा है, जिससे गांव वालों की आमदनी हो रही है. गढ़वाल सांसद ने कहा कि प्रदेश और केंद्र की सरकार भी चाहती है कि प्रत्येक किसान की आय में वृद्धि हो, इसके लिए सरकार की ओर से तमाम योजनाएं चलाई जा रही हैं.

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इस दौरान निजी संस्था के निदेशक उदित घिल्डियाल ने बताया कि गांव में कुछ लोग कृषि के क्षेत्र में अच्छा काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि उनकी संस्था की ओर से अन्य गांव की महिलाओं के समूह को पॉली हाउस की मदद से कृषि करने के तरीके सिखाये जा रहे हैं. उदित ने कहा कि जिस तरह से गांवों में पारंपरिक खेती की जाती है उसे जंगली जानवर नुकसान पहुंचाते हैं जिससे किसानों की मेहनत बर्बाद हो जाती है. उदित ने कहा कि पॉलीहाउस में उगने वाली सब्जियां सुरक्षित होती हैं. इसके बाद इनकी खपत के लिए पौड़ी का बाजार भी नजदीक ही है, जिससे ये लोग आसानी से पैसा कमा सकते हैं.

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शहर से नौकरी छोड़कर आये सुमन ने बताया कि वे गांव मेंं ही खेती कर रहे हैं. वे बताते हैं कि शुरू में उन्हें कुछ खासा मुनाफा नहीं हुआ लेकिन अब धीरे-धीरे वे ठीक-ठाक पैसे कमाने लगे हैं.

Intro:पौड़ी के चंदोला रांई में हाईफीड संस्था की ओर से संरक्षित खेती कर गांव को कृषि के क्षेत्र में आगे बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है ग्रामीणों की ओर से मिलजुल कर खेती और महिला समूह की मदद से विभिन्न प्रकार की सब्जी उत्पादन कर घर के समीप ही अच्छी आमदनी कमाई जा रही है। वहीं गांव में कुछ ऐसे भी लोग हैं जो कि शहरों से नौकरी छोड़ अपने गांव वापस आकर खेती के क्षेत्र में काफी अच्छा काम कर रहे हैं। वही गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत ने यहां पहुंच कर ग्रामीणों से वार्ता कर उनके प्रयासों की सराहना करते हुए आने वाले समय में इसी तरह से लोगों के लिए प्रेरणा बनने को कहा है



Body:गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत ने पौड़ी के चंदोला रांई पहुंचकर कहा कि ग्रामीणों की ओर से पारंपरिक खेती के साथ-साथ पॉलीहाउस की मदद से विभिन्न प्रकार की सब्जियां उगाई जा रही है वह सराहनीय प्रयास है जिनकी मदद के लिए हाईफीड संस्था उनके साथ है। शहर के पास होने के चलते हैं उन्हें एक अच्छा बाजार भी उपलब्ध है। कहा कि प्रदेश और केंद्र की सरकार भी चाहती है कि प्रत्येक किसान की आय में वृद्धि हो इसके लिए सरकार की ओर से तमाम योजनाएं चलाई जा रही हैं और सभी किसान सरकार की योजनाओं का लाभ लेकर कृषि के क्षेत्र में अच्छा काम करें।
बाईट-तीरथ सिंह रावत(गढ़वाल सांसद)


Conclusion:हाईफीड संस्था के निदेशक उदित घिल्डियाल ने बताया कि गांव में कुछ लोग कृषि के छेत्र में अच्छा काम कर रहे है और उनकी संस्था की ओर से अन्य गांव की महिलाओं के समूह को पोली हाउस की मदद से कृषि करने के तरीकों को भी सिखाया जा रहा है। कहा कि जिस तरह हम पारंपरिक खेतों में खेती करते हैं और पहाड़ों में जंगली सूअर और बंदर सारी खेती खराब कर किसानों का नुकसान करते हैं लेकिन पॉलीहाउस में उगने वाली सब्जियां सुरक्षित होती है पौड़ी शहर पास होने के कारण उन्हें बाजार की आवश्यकता भी नही पड़ती। उनकी संस्था चाहती है कि इसी तर से सभी ग्रामीण मेहनत कर गांव में अच्छी आमदनी कमा सकें और जो लोग अपना गांव छोड़ शहरों में चंद पैसों के लिए नौकरी कर रहे हैं वह अपने गांव वापस आकर अपने खेतों में मेहनत कर अच्छी आमदनी कमाए। ग्रामीण सुमन ने बताया कि शहर की नौकरी छोड़कर अपने गांव वापस आकर खेती का काम कर रहे हैं शुरुआती समय में काफी अधिक मुनाफा नहीं हुआ लेकिन अब उन्हें सब्जियों से काफी अच्छा बनाता होता है और वह चाहते हैं कि अन्य लोग भी इसी तरह से खेती कर घर के पास अच्छा मुनाफा कमाए।
बाईट- उदित घिल्डियाल (निदेशक हाईफीड संस्था )
बाईट-सुमन चंदोला(ग्रामीण)
Last Updated : Aug 27, 2019, 5:57 PM IST
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