श्रीनगरः आज कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत ने अलकनंदा नदी के किनारे साढ़े तीन करोड़ की लागत से शारदानाथ यानी शारदा स्नान घाट का उद्घाटन किया. इस दौरान गंगा आरती के पदाधिकारी समेत काफी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद रहे, लेकिन हैरानी की बात ये थी कि जिस जगह पर घाट का पुनर्निर्माण किया गया, वहां पर नाम मात्र का ही पानी नदी में बह रहा था. जबकि, इसके ठीक उलट शहर के गंदगी से भरे दो-चार नाले भी उसी स्थान पर नदी में गिर रहे थे, जिसे रोकने पर वाला कोई नहीं था और मंत्री धन सिंह रावत स्नान घाट का उद्घाटन कर चलते बने.
सामाजिक कार्यकर्ता नरेश नौटियाल ने बताया कि आज शारदा स्नान घाट का जीर्णोद्धार तो हो गया, लेकिन जब स्थानीय लोग तीज त्योहार आदि मौकों पर नदी में स्नान करने आएंगे तो उन्हें यहां पानी ही नहीं मिलेगा. यहां नदी में सारे शहर का सीवरेज का पानी गिर रहा है. जिसकी सुध न शासन ने ली और न ही प्रशासन ने ली. शासन को अविलंब ही पूरे शहर में नालों की टेपिंग का कार्य करते हुए अलकनंदा नदी में अविरल रूप से पानी की सुध धारा छोड़ी जानी चाहिए.
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गंदगी से अलकनंदा नदी हो रही मैली, कैसे होगी गंगा आरतीः वहीं, श्रीनगर नगर पालिका के पूर्व सभासद विभोर बहुगुणा का कहना था कि नदी बुरी तरह से मैली हो गई है. शारदा घाट में भी नाम मात्र का पानी है. ऐसे में गंगा आरती भी नहीं हो पाएगी. ऐसे में प्रशासन को नदी की धारा को बढ़ाने का कार्य करना चाहिए. गौर हो कि बीती 8 नवंबर 2021 को कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत ने शारदानाथ स्नान घाट का शिलान्यास किया था, जिसका आज उद्घाटन हो गया है.
शारदा स्नान घाट का उद्घाटन करने पहुंचे कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि श्रीनगर से लेकर धारी देवी तक सीवरेज प्लान बनाया जा रहा है. जिसे बनाने में करीब 100 करोड़ रुपए की धनराशि खर्च की जाएगी. इसके लिए संबंधित विभाग को डीपीआर बनाने के आदेश दिए गए हैं. उन्होंने ये भी कहा कि सीवरेज प्लान बनाने के लिए मुख्यमंत्री की घोषणा में इस योजना को शामिल किया गया है.
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