पौड़ी: जिले में एक दर्जन वाइन शॉप के लिए खरीददार नहीं मिल पा रहे हैं. आलम यह है कि महकमे को पहले आओ-पहले पाओ की तर्ज पर इन वाइन शॉप को बेचना पड़ रहा है. बावजूद इसके भी दुकानें नहीं उठ पा रही हैं. जिसके कारण सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है. विभाग की मानें तो पौड़ी की इन एक दर्जन दुकानों से 7 करोड़ से अधिक का मासिक अधिभार प्राप्त किया जाता है.
दरअसल पौड़ी जिले में 42 वाइन शॉप हैं. जिसमें से 20 दुकानों के लाइसेंस पहले ही नवीनीकृत किया जा चुके हैं, जबकि अवशेष 22 दुकानों के लिए लॉटरी प्रक्रिया अपनायी गई. जिसमें से भी अब 13 दुकानें रह गई हैं. इन दुकानों में पौड़ी शहर व श्रीनगर की मुख्य दुकानें शामिल हैं.
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विभाग की मानें तो इन दुकानों के रेट सबसे अधिक होने के चलते इन्हें कोई खरीददार नहीं मिल रहा है. पौड़ी जनपद में सबसे मंहगी वाइन शॉप श्रीनगर की है. जिसका वार्षिक अधिभार करीब 19.99 करोड़ है. इस दुकान का मासिक अधिभार ही अन्य दुकानों के वार्षिक अधिभार से भी अधिक है, जबकि दूसरी सबसे महंगी दुकान पौड़ी शहर की है, जिसका वार्षिक अधिभार 15.28 करोड़ है. इन दुकानों को खरीददार नहीं मिलने का प्रमुख कारण इनका महंगा होना भी है.इन 13 दुकानों को खरीददार नहीं मिलने के कारण इन दिनों आबकारी विभाग की नींद उड़ी हुई है. विभाग सुबह से शाम तक इन दुकानों के लिए खरीददार के इंतजार में बैठा हुआ है. यहां तक शुक्रवार से लेकर रविवार तक पड़ने वाले तीन दिनों को सार्वजनिक अवकाश के दिन भी आबकारी विभाग खुला रहेगा.
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13 दुकानों का वार्षिक व मासिक अधिभार: आबकारी विभाग के आंकड़ों की मानें तो नये वित्तीय वर्ष के लिए इन 13 दुकानों के वार्षिक अधिभार 90 करोड़ 4 लाख 28 हजार 968 रूपए है. नये वित्तीय वर्ष के लिए सभी दुकानों में 10 फीसदी का इजाफा किया गया है.जबकि इन 13 दुकानों का मासिक अधिभार 7 करोड़, 42 लाख 85 हजार 247 रूपए है. जिसमें सबसे अधिक मासिक अधिभार श्रीनगर का है, जो कि 1 करोड़ 64 लाख 96 हजार 133 रूपए है. इसके बाद दूसरे स्थान पर पौड़ी का 1 करो[] 26 लाख 7 हजार 807 रूपये है.जिला आबकारी अधिकारी केपी सिंह ने बताया जिले में दुकानों की बिक्री के लिए पहले आओ पहले पाओ के आधार पर भी आवंटन किया जा रहा है. बावजूद इसके दुकानों को कोई खरीददार नहीं मिलना चिंता का सबब बना हुआ है. विभाग हफ्ते के सातों दिन कार्यालय खुला रहेगा.
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किस दुकान का कितना वार्षिक अधिभार: श्रीनगर की दुकान का 19.99 करोड़, पौड़ी शहर में 15.28 करोड़, कोटद्वार रेलवे स्टेशन 13.12 करोड़, पाबौ 4.99 करोड़, लैंसडौन 3.53 करोड़, संगलाकोटी 1.88 करोड़, दुगड्डा 4.32 करोड़, नैनीडांडा 1.92 करोड़, बैजरो 2.35 करोड़, डाडामंडी 1.14 करोड़, थलीसैंण 3.42 करोड़, रत्तापानी 9.99 करोड़, चीला 8 करोड़ है.