श्रीनगर : 'आवश्यकता आविष्कार की जननी है' का अर्थ है कि जब जीवन के लिए कुछ जरूरी हो जाता है तो मानव किसी भी तरह से उसे प्राप्त करने के लिए जुट जाता है. इसका जीता जागता उदाहरण पौड़ी जिले के श्रीनगर में देखने को मिल रहा है. जहां एक लोहार ने एक ऐसी मशीन तैयार की है. जिससे वह घंटों का काम मिनटों में कर सकता है.
दरअसल, सम्मी लोहार ने एक ऐसी मशीन तैयार की है. इससे कम समय में घटों का काम बस दस मिनट में समाप्त हो जाता है. इसके लिए सम्मी ने सौर उर्जा का प्रयोग कर मेक इन इंडिया की तर्ज पर तैयार किया है. लोहार सम्मी बताते है कि वह पिछले 30 सालों से लोहे के औजार बनाने का काम करते हैं. वे लोहे को पिघलाने के लिए घंटों तक धौकनी को घुमाना और उसमें अपने परिजनों के साथ कोयलों को सुलगाने के लिए पंखे से हवा करनी पड़ता था. लेकिन अब यह काम वे आसानी से कर लेते है. वे बताते है कि गाड़ी में प्रयोग होने वाली बैटरी एक सोलर पैनल, एक छोटी मोटर, हीटर के तार के सहारे से मशीन तैयार की है. मशीन धौकनी को अपने आप हवा देकर कोयलों को सुलगा देती है.
सम्मी बताते हैं कि सोलर पैनल को बैटरी के हीटर के तार से जोड़ा गया है. बैटरी पर दो इलेक्ट्रिक क्लिप लगाई गई है, जो सोलर पैनल को जोड़ती है. वहीं, दूसरी तार धौकनी में लगी मोटर से जुड़ी है. उन्होंने बताया कि सोलर पैनल की बैटरी सौर ऊर्जा से चलती है. जिससे धौकनी में लगी मोटर बैटरी से उर्जा पाकर धौकनी को चलाती है. जिससे आसानी से लोहा पिघल जाता है.
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सम्मी बताते हैं कि इस मशीन के बनने से काफी आराम मिल रहा है. पहले वे दिन भर पंखा और धौकनी को हाथ से चलाकर थक जाते थे. वहीं, औजार भी देर से बनते थे. लेकिन अब वे हर दिन एक हजार तक के औजार बनाकर बेच देते हैं. सम्मी बताते है कि उन्होंने पढ़ाई लिखाई नहीं की है. लेकिन सम्मी अपनी बेटी को स्कूल भेज रहे हैं. गौरतलब है कि सम्मी ने भले ही बड़ा आविष्कार नहीं किया है, लेकिन उन्होंने अपनी आवश्यकता के अनुरूप सिस्टम को तैयार कर विज्ञान की परिभाषा को जरूर साकार किया है.