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पहाड़ों में बढ़ते काला ज्वर के मरीजों ने बढ़ाई टेंशन, सुशीला तिवारी अस्पताल में एक मौत

इन दिनों पहाड़ों में काला ज्वर के मरीजों की संख्या (black fever patients Number in the mountains) तेजी से बढ़ रही है. हल्द्वानी स्थित सुशीला तिवारी में अब तक काला ज्वर के 50 मरीज पहुंच चुके हैं. वहीं, आज एक मरीज की इलाज के दौरान मौत हो गई.

black fever patients increased in Uttarakhand
काला ज्वर के मरीजों ने बढ़ाई टेंशन
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Published : Sep 13, 2022, 10:23 PM IST

Updated : Sep 13, 2022, 10:28 PM IST

हल्द्वानी: उत्तर प्रदेश और बिहार के बाद अब काला ज्वर बीमारी (black fever disease) पहाड़ों में भी दस्तक दे चुकी है. कुमाऊं के सबसे बड़े सुशीला तिवारी अस्पताल (Sushila Tiwari Hospital) में पिछले एक माह में 50 से अधिक काला ज्वर के मरीज पहुंचे हैं. वहीं, काला ज्वर से पिथौरागढ़ निवासी सुभाष राम की मौत हो गई, जो 30 अगस्त से सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती थे.

राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य अरुण जोशी ने कहा अस्पताल भर्ती सभी मरीजों का उपचार किया जा रहा है. अब तक यह बीमारी पश्चिमी उत्तर प्रदेश और बिहार के क्षेत्र में होती थी, लेकिन अब यह बीमारी उत्तराखंड में भी पहुंच गई है. इसमें लंबे समय तक बुखार और उसके बाद खून की कमी होती है. समय पर इलाज नहीं मिलने पर यह प्राण घातक बीमारी है. लिहाजा इसके लिए विशेष सतर्कता बरती गई है.

काला ज्वर के मरीजों ने बढ़ाई टेंशन

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड में 24 घंटे में मिले 29 नए संक्रमित, 85 मरीज हुए स्वस्थ

वही, एक के बाद एक नए काला ज्वर के मामले (black fever cases) सामने आ रहे हैं. डॉक्टरों का कहना है कि लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है. यह एक संक्रामक बीमारी है, जो मक्खियों से फैलती है. सही समय पर उपचार कराने से इस बीमारी से बचा जा सकता है. सुशीला तिवारी अस्पताल में इस बीमारी का समुचित उपचार हो रहा है. सुशीला तिवारी अस्पताल में संक्रमित बीमारियों के मरीज लगातार पहुंच रहे हैं. डॉक्टर रोजाना 2 हजार से अधिक मरीजों का ओपीडी में उपचार कर रहे हैं.

हल्द्वानी: उत्तर प्रदेश और बिहार के बाद अब काला ज्वर बीमारी (black fever disease) पहाड़ों में भी दस्तक दे चुकी है. कुमाऊं के सबसे बड़े सुशीला तिवारी अस्पताल (Sushila Tiwari Hospital) में पिछले एक माह में 50 से अधिक काला ज्वर के मरीज पहुंचे हैं. वहीं, काला ज्वर से पिथौरागढ़ निवासी सुभाष राम की मौत हो गई, जो 30 अगस्त से सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती थे.

राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य अरुण जोशी ने कहा अस्पताल भर्ती सभी मरीजों का उपचार किया जा रहा है. अब तक यह बीमारी पश्चिमी उत्तर प्रदेश और बिहार के क्षेत्र में होती थी, लेकिन अब यह बीमारी उत्तराखंड में भी पहुंच गई है. इसमें लंबे समय तक बुखार और उसके बाद खून की कमी होती है. समय पर इलाज नहीं मिलने पर यह प्राण घातक बीमारी है. लिहाजा इसके लिए विशेष सतर्कता बरती गई है.

काला ज्वर के मरीजों ने बढ़ाई टेंशन

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वही, एक के बाद एक नए काला ज्वर के मामले (black fever cases) सामने आ रहे हैं. डॉक्टरों का कहना है कि लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है. यह एक संक्रामक बीमारी है, जो मक्खियों से फैलती है. सही समय पर उपचार कराने से इस बीमारी से बचा जा सकता है. सुशीला तिवारी अस्पताल में इस बीमारी का समुचित उपचार हो रहा है. सुशीला तिवारी अस्पताल में संक्रमित बीमारियों के मरीज लगातार पहुंच रहे हैं. डॉक्टर रोजाना 2 हजार से अधिक मरीजों का ओपीडी में उपचार कर रहे हैं.

Last Updated : Sep 13, 2022, 10:28 PM IST
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