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पौड़ी जिले की सभी 6 सीटों पर भाजपा का कब्जा, दर्ज की जीत बंपर जीत

पौड़ी जिले में एक बार फिर से मोदी लहर चली है. जिले की सभी 6 विधानसभा सीटों पर भाजपा ने बंपर जीत दर्ज की है.

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पौड़ी जिले की सभी 6 सीटों पर भाजपा का कब्जा
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Published : Mar 10, 2022, 8:00 PM IST

Updated : Mar 10, 2022, 9:00 PM IST

पौड़ी/श्रीनगर: पौड़ी जिले की सभी विधानसभा सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की है. जिले की 6 विधानसभा सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों की जीत काफी रोचक रही. सबसे कड़ी टक्कर की बात करें तो श्रीनगर विधानसभा में गणेश गोदियाल और धन सिंह के बीच कांटे की टक्कर रही. जिसमें धन सिंह रावत ने 587 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की. चौबटटाखाल विधानसभा से भी भाजपा के कद्दावर नेता सतपाल महाराज ने लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की. इसके अलावा यमकेश्वर, कोटद्वार, पौड़ी सीट पर भी भाजपा ने जीत दर्ज की.

ये रहा वोटों का अंतर: सतपाल महाराज ने इस बार सबसे अधिक मतों से अपने प्रतिद्वंद्वी को हराया है. महाराज को चौबट्टाखाल सीट से 24927 मत पड़े, जबकि इसी सीट से कांग्रेस के केशर सिंह नेगी को 13497 वोट पड़े. महाराज ने पौड़ी सीट से रिकॉर्ड 11430 मतों से कांग्रेस प्रत्याशी को हराया. यमकेश्वर सीट से भाजपा की रेनू बिष्ट ने कांग्रेस को 10410 मतों से पराजित किया. उन्हें 28390 तो कांग्रेस के शैलेंद्र रावत को 17980 वोट मिले. श्रीनगर से बीजेपी के डा. धन सिंह रावत को 29618, कांग्रेस के गणेश गोदियाल को 29031वोट पड़े. उनकी जीत का अंतर महज 587 रहा. लैसंडाउन सीट से भाजपा के दलीप रावत को 24504 तो कांग्रेस की अनुकृति गुसाईं को 14636 वोट मिले. उनकी जीत का अंतर 9868 रहा. आरक्षित सीट पौड़ी से भाजपा के राजकुमार पोरी को 25865, कांग्रेस के नवल किशोर को 20127 वोट मिले. पोरी ने नवल को 5738 मतों से हराया. कोटद्वार सीट से भाजपा की ऋतु खंडूड़ी को 32103 तो कांग्रेस के सुरेंद्र सिंह नेगी को 28416 वोट पड़े.

पौड़ी जिले की सभी 6 सीटों पर भाजपा का कब्जा

साल 2017 के विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी ने जिले की सभी 6 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी. गौरतलब है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में मोदी लहर के चलते भाजपा ने जिले की सभी 6 सीटों पर भगवा परचम लहराया था. साथ ही प्रदेश में पहली बार तब बीजेपी ने 57 सीटें जीती थी. पौड़ी जिले में यह दूसरा मौका है जब भाजपा ने लगातार दूसरी बार सभी 6 सीटों पर जीत दर्ज की है.

पौड़ी, यमकेश्वर और कोटद्वार सीट पर इस दफे बीजेपी ने अपने प्रत्याशियों के चेहरे भी बदले थे. बीजेपी ने यमकेश्वर और पौड़ी में पार्टी के सिटिंग विधायकों के टिकट काटकर नए चेहरों पर दांव खेला था, जबकि श्रीनगर, चौबट्टाखाल और लैंसडाउन विधानसभा सीटों पर पार्टी ने पुराने चेहरों को ही सियासी रण में उतारा गया था. बीजेपी ने यमकेश्वर से ऋतु खडूड़ी की जगह रेनू बिष्ट और पौड़ी से सिटिंग विधायक मुकेश कोली का टिकट काटकर राजकुमार पोरी को मैदान में उतारा था. वहीं, कांग्रेस ने भी जिले की लैसडाउन, चौबटटाखाल सीट पर प्रत्याशी बदले लेकिन इसके बाद भी कांग्रेस एक भी सीट पर जीत दर्ज नहीं कर पाई.

पढ़ें- लालकुआं के चुनावी युद्ध में चित हुए हरीश रावत, BJP के मोहन बिष्ट ने 14 हजार से ज्यादा वोट से हराया

कांग्रेस ने इस बार लैंसडाउन से कांग्रेस के दावेदारों को नकारते हुए कैबिनेट मंत्री डा.हरक सिंह रावत की बहु अनुकृति गुंसाई रावत को मैदान में उतारा था, लेकिन वे चुनाव हार गई. चौबटटाखाल सीट से भी पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे कांग्रेस प्रत्याशी केशर सिंह नेगी को भी हार का सामना करना पड़ा.

कोटद्वार से जीत दर्ज करने वाली ऋतु खण्डूडी ने कहा ये जनता की जीत है. पांच साल भाजपा ने प्रदेश में बेहतर कार्य किये हैं. जिसके कारण भाजपा प्रचण्ड बहुमत के साथ जीती है. उन्होंने कहा वे कोटद्वार में विकास को लेकर आगे बढ़ेगी वहीं, पौड़ी से जीत दर्ज करने वाले राजकुमार पोरी ने कहा मेरी जीत भाजपा के कार्यकर्ताओं की जीत है. वे कभी सोच भी सकते थे कि वे चुनाव लड़ सकते है लेकिन पार्टी ने उन्हें मौका दिया.

पढ़ें- चुनाव परिणाम में कैबिनेट मंत्रियों का दबदबा, पढ़िए कौन आगे और कौन पीछे

बता दें पौड़ी आरक्षित विधानसभा सीट से इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने निर्वतमान विधायक मुकेश कोली का टिकट काटा था. मुकेश कोली पर उनके ही पार्टी कार्यकर्ताओं ने अनदेखी करने का आरोप लगा था. इसके साथ ही मुकेश कोली का विभिन्न गांवों में भ्रमण के दौरान विरोध हुआ था. जिस पर भाजपा ने पौड़ी सीट से मुकेश कोली का टिकट काटकर राजकुमार पोरी को टिकट दिया था.

पौड़ी/श्रीनगर: पौड़ी जिले की सभी विधानसभा सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की है. जिले की 6 विधानसभा सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों की जीत काफी रोचक रही. सबसे कड़ी टक्कर की बात करें तो श्रीनगर विधानसभा में गणेश गोदियाल और धन सिंह के बीच कांटे की टक्कर रही. जिसमें धन सिंह रावत ने 587 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की. चौबटटाखाल विधानसभा से भी भाजपा के कद्दावर नेता सतपाल महाराज ने लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की. इसके अलावा यमकेश्वर, कोटद्वार, पौड़ी सीट पर भी भाजपा ने जीत दर्ज की.

ये रहा वोटों का अंतर: सतपाल महाराज ने इस बार सबसे अधिक मतों से अपने प्रतिद्वंद्वी को हराया है. महाराज को चौबट्टाखाल सीट से 24927 मत पड़े, जबकि इसी सीट से कांग्रेस के केशर सिंह नेगी को 13497 वोट पड़े. महाराज ने पौड़ी सीट से रिकॉर्ड 11430 मतों से कांग्रेस प्रत्याशी को हराया. यमकेश्वर सीट से भाजपा की रेनू बिष्ट ने कांग्रेस को 10410 मतों से पराजित किया. उन्हें 28390 तो कांग्रेस के शैलेंद्र रावत को 17980 वोट मिले. श्रीनगर से बीजेपी के डा. धन सिंह रावत को 29618, कांग्रेस के गणेश गोदियाल को 29031वोट पड़े. उनकी जीत का अंतर महज 587 रहा. लैसंडाउन सीट से भाजपा के दलीप रावत को 24504 तो कांग्रेस की अनुकृति गुसाईं को 14636 वोट मिले. उनकी जीत का अंतर 9868 रहा. आरक्षित सीट पौड़ी से भाजपा के राजकुमार पोरी को 25865, कांग्रेस के नवल किशोर को 20127 वोट मिले. पोरी ने नवल को 5738 मतों से हराया. कोटद्वार सीट से भाजपा की ऋतु खंडूड़ी को 32103 तो कांग्रेस के सुरेंद्र सिंह नेगी को 28416 वोट पड़े.

पौड़ी जिले की सभी 6 सीटों पर भाजपा का कब्जा

साल 2017 के विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी ने जिले की सभी 6 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी. गौरतलब है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में मोदी लहर के चलते भाजपा ने जिले की सभी 6 सीटों पर भगवा परचम लहराया था. साथ ही प्रदेश में पहली बार तब बीजेपी ने 57 सीटें जीती थी. पौड़ी जिले में यह दूसरा मौका है जब भाजपा ने लगातार दूसरी बार सभी 6 सीटों पर जीत दर्ज की है.

पौड़ी, यमकेश्वर और कोटद्वार सीट पर इस दफे बीजेपी ने अपने प्रत्याशियों के चेहरे भी बदले थे. बीजेपी ने यमकेश्वर और पौड़ी में पार्टी के सिटिंग विधायकों के टिकट काटकर नए चेहरों पर दांव खेला था, जबकि श्रीनगर, चौबट्टाखाल और लैंसडाउन विधानसभा सीटों पर पार्टी ने पुराने चेहरों को ही सियासी रण में उतारा गया था. बीजेपी ने यमकेश्वर से ऋतु खडूड़ी की जगह रेनू बिष्ट और पौड़ी से सिटिंग विधायक मुकेश कोली का टिकट काटकर राजकुमार पोरी को मैदान में उतारा था. वहीं, कांग्रेस ने भी जिले की लैसडाउन, चौबटटाखाल सीट पर प्रत्याशी बदले लेकिन इसके बाद भी कांग्रेस एक भी सीट पर जीत दर्ज नहीं कर पाई.

पढ़ें- लालकुआं के चुनावी युद्ध में चित हुए हरीश रावत, BJP के मोहन बिष्ट ने 14 हजार से ज्यादा वोट से हराया

कांग्रेस ने इस बार लैंसडाउन से कांग्रेस के दावेदारों को नकारते हुए कैबिनेट मंत्री डा.हरक सिंह रावत की बहु अनुकृति गुंसाई रावत को मैदान में उतारा था, लेकिन वे चुनाव हार गई. चौबटटाखाल सीट से भी पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे कांग्रेस प्रत्याशी केशर सिंह नेगी को भी हार का सामना करना पड़ा.

कोटद्वार से जीत दर्ज करने वाली ऋतु खण्डूडी ने कहा ये जनता की जीत है. पांच साल भाजपा ने प्रदेश में बेहतर कार्य किये हैं. जिसके कारण भाजपा प्रचण्ड बहुमत के साथ जीती है. उन्होंने कहा वे कोटद्वार में विकास को लेकर आगे बढ़ेगी वहीं, पौड़ी से जीत दर्ज करने वाले राजकुमार पोरी ने कहा मेरी जीत भाजपा के कार्यकर्ताओं की जीत है. वे कभी सोच भी सकते थे कि वे चुनाव लड़ सकते है लेकिन पार्टी ने उन्हें मौका दिया.

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बता दें पौड़ी आरक्षित विधानसभा सीट से इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने निर्वतमान विधायक मुकेश कोली का टिकट काटा था. मुकेश कोली पर उनके ही पार्टी कार्यकर्ताओं ने अनदेखी करने का आरोप लगा था. इसके साथ ही मुकेश कोली का विभिन्न गांवों में भ्रमण के दौरान विरोध हुआ था. जिस पर भाजपा ने पौड़ी सीट से मुकेश कोली का टिकट काटकर राजकुमार पोरी को टिकट दिया था.

Last Updated : Mar 10, 2022, 9:00 PM IST
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