श्रीनगर: प्रसिद्ध सिद्धपीठ धारी देवी मंदिर में भक्तों की ओर से चढ़ाई गई घंटियों की नीलामी पर विवाद हो गया है. देवी की मूर्ति को नदी से निकालने वाले कुंजु धुनार के वंशजों की ओर से घंटियों की नीलामी पर ऐतराज जताया गया है. जिसके चलते नीलामी प्रक्रिया स्थगित कर दी गई है. वहीं, प्रशासन के अनुसार दोनों पक्ष आपस में एक राय होने के बाद ही इस पर निर्णय लिया जाएगा.
दरअसल, मां धारी देवी पुजारी न्यास की ओर से मंदिर में चढ़ाई गई घंटियों की नीलामी होनी थी, लेकिन इससे पहले ही कुंजु धुनार के वंशज सुमन कुमार ने पौड़ी डीएम आशीष कुमार और श्रीनगर एसडीएम अजयवीर सिंह से इस प्रक्रिया को रोकने की मांग कर डाली. सुमन के अनुसार, मंदिर में भक्तों की ओर चढ़ाई गई घंटियां लोगों के विश्वास और खुशहाली का प्रतीक हैं. इनको सिर्फ पीतल का सामान नहीं माना जा सकता है.
सुमन कुमार का कहना था कि पुजारियों को श्रद्धालुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए. इसलिए नीलामी रोक दी जाए. यदि पुजारियों को यह लगता है कि नए मंदिर में इतनी घंटियों को टांगने लायक क्षमता नहीं है तो इन्हें मंदिर मार्ग पर लटकाया जा सकता है. जिससे लोगों की आस्था बनी रही.
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वहीं, मामले में विवाद होता देख श्रीनगर उप जिलाधिकारी अजयवीर सिंह ने पुजारी न्यास और आपत्ति जताने वालों के पक्ष सुने. उन्होंने बताया कि दोनों पक्ष वार्ता के बाद उन्होंने सहमति के साथ आगे निर्णय लेने की बात कही है. इसलिए अग्रिम कार्रवाई तक नीलामी प्रक्रिया स्थगित कर दी गई है.
बता दें कि बीती 28 जनवरी को पौराणिक धारी देवी मंदिर की मूर्ति को पूरे 9 साल बाद विधि-विधान के साथ अस्थायी मंदिर से नवनिर्मित मंदिर में शिफ्ट किया गया था. मंदिर ट्रस्ट के पुजारियों ने सुबह 7.15 बजे मूर्ति को अस्थायी मंदिर से उठा कर 8.10 बजे स्थिर लग्न में नए मंदिर में स्थापित किया. इस दिन मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए 10 बजे बाद खोले गए. इस दौरान मंदिर परिसर को 25 क्विंटल फूलों से सजाया गया था. अब नए मंदिर में मूर्ति स्थापित हो जाने के बाद हर भक्तों का तांता लग रहा है.
धारी देवी मंदिर में घंटियों से जुड़ा मामला उनके संज्ञान में आया है. श्रीनगर एसडीएम अजय वीर सिंह को इस मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं.- आशीष चौहान, जिलाधिकारी पौड़ी