श्रीनगर: प्रदेश की आशा वर्कर्स ने कोविड-19 का सर्वे करने से अपने अपने कदम पीछे खींच लिए. आशा कार्यकत्रियों का कहना है कि वे अपने जान पर खेलकर कोरोना वायरस के लिए काम कर रही हैं. लेकिन सरकार उनको पीपीई किट तक उपलब्ध नहीं करा पा रही है. इन दिनों आशाओं पर कार्य का बोझ डाला जा रहा है और अभी तक सरकार ने नियमित कर्मचारी भी घोषित नहीं किया है. जिससे नाराज वर्कर्स ने कोविड-19 सर्वे का बहिष्कार कर दिया है.
आशा वर्कर्स का कहना है कि सरकार उनका शोषण कर रही है. उनसे सरकार जितना काम ले रही है उस हिसाब से वेतन नहीं दे रही है. इन दिनों आशा वर्कर्स 24 घंटे ड्यूटी पर लगी हैं. सरकार उन्हें 1000 रुपए पारितोषिक दे रही है. जबकि, एक आशा की मौत हो गयी. लेकिन किसी ने भी उस आशा का हाल तक नहीं जाना और सरकार कोविड वायरस से मौत पर 50 लाख का बीमा देने की बात कर रही है.
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आशा वर्कर्स ने सरकार को चेतावनी दी है कि उन्हें नियमित नहीं किया गया तो वे सारे कार्यो का बहिष्कार करेंगी. साथ ही आशा वर्कर्स ने 1000 रुपए पारितोषिक लेने से मना कर दिया है.