कोटद्वार: सेना के जवान सुरेंद्र सिंह रावत का 41 साल की उम्र में डेंगू की चपेट में आने से निधन हो गया है. आज उनके पैतृक गांव में उन्हें अंतिम विदाई दी गई. इसी बीच जवान की अंतिम यात्रा में शामिल हुए सैकड़ों लोगों की आंखें नम थी. हवलदार सुरेंद्र सिंह रावत मुंबई में तैनात थे.
तिरंगे में लिपटा हुआ शिवपुर पहुंचा जवान का पार्थिव शरीर: पिता मनवर सिंह ने बताया कि बेटे ने फोन पर सूचना दी कि कई दिनों से उसे तेज बुखार आ रहा है. बीते दिन सेना के उच्च अधिकारियों ने बताया कि हवलदार सुरेंद्र सिंह रावत डेंगू से पीड़ित थे और सेना अस्पताल में इलाज के दौरान उनका निधन हो गया है. उन्होंने बताया कि उनके बेटे का पार्थिव शरीर जवानों द्वारा राजकीय सम्मान के साथ तिरंगे में लिपटा हुआ शिवपुर लाया गया.
उप जिलाधिकारी समेत तमाम लोग अंतिम यात्रा में हुए शामिल: बेटे की निधन की खबर सुनते ही परिवार वालों में कोहराम मच गया. जवान की इकलौती बेटी ने तिरंगे से लिपटे पिता और ताबूत में रखे तिरंगे को स्वीकार किया. सुरेंद्र सिंह रावत के पार्थिव शरीर को खो नदी तट पर हिंदू विधि-विधान से अंतिम विदाई दी गई. सुरेंद्र सिंह रावत को पूर्व मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी, महापौर हेमलता नेगी और उप जिलाधिकारी सोहन सिंह ने श्रद्धांजलि अर्पित की. वहीं, पति के जाने के गम में पत्नी के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं.
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