श्रीनगर: अंकिता भंडारी की मां सोनी देवी ने सरकार द्वारा हाईकोर्ट के निर्देश पर अंकिता मर्डर केस की पैरवी के लिए विशेष लोक अभियोजक/अधिवक्ता जितेंद्र सिंह रावत की नियुक्ति से पूर्व उनकी सहमति न लेने पर कड़ा ऐतराज जताया है. साथ ही उन्होंने कहा कि पुलकित के नार्को टेस्ट के वक्त उनका प्रतिनिधि मौजूद रहना चाहिए, नहीं तो उनके लिए नार्को टेस्ट की रिपोर्ट पर भी विश्वास करना मुश्किल होगा. क्योंकि अंकिता हत्याकांड में शुरूआती जांच से ही गड़बड़ियां और फरेब कर सरकार ने खुद ही अविश्वास पैदा किया है.
अंकिता की मां सोनी देवी ने मुख्यमंत्री को उनका वादा भी याद दिलाया. उन्होंने कहा सीएम पुष्कर सिंह धामी उनके परिवार से मिलने उनके गांव आये थे. उस समय उन्होंने वादा किया था कि उनकी बेटी का केस फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया जाएगा, लेकिन लंबा समय बीत जाने के बाद में सामान्य कोर्ट में ही केस की कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने कहा सीएम धामी ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की. उनके परिवार को बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए दरबदर भटकना पड़ रहा है. उन्होने सीएम धामी से एक बार फिर से मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने की मांग उठाई है.
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अंकिता हत्याकांड मामला: बता दें कि पौड़ी जिले के नांदलस्यू पट्टी के श्रीकोट की रहने वाली 19 वर्षीय अंकिता भंडारी 18 सितंबर को रहस्यमय तरीके से लापता हो गई थी. अंकिता भंडारी बैराज चीला मार्ग पर गंगा भोगपुर में स्थित वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी करती थी. जिसके बाद रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने राजस्व पुलिस चौकी में अंकिता की गुमशुदगी दर्ज कराई. 22 सितंबर तक अंकिता का कुछ पता नहीं चला तो मामला लक्ष्मणझूला थाना पुलिस को ट्रांसफर किया गया.
बीते 24 सितंबर 2022 को अंकिता का शव चीला बैराज से बरामद हुआ. इसके बाद अंकिता के हत्या के आरोप में पुलकित आर्य, अंकित और सौरभ को गिरफ्तार किया गया. अंकिता भंडारी हत्याकांड की जांच कर रही एसआईटी 500 पन्नों की चार्जशीट कोर्ट में पेश कर चुकी है. अब बात तीनों आरोपियों को नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट पर अटकी है.