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सुमित हत्याकांड: चार आरोपी दोषी करार, 3 सितंबर को सुनाई जाएगी सजा

कोटद्वार में साल 2015 में हुए सुमित पटवाल हत्याकांड मामले में चार अभियुक्तों पर अपर जिला जज की अदालत ने फैसला सुना दिया है. हत्याकांड के तीन अभियुक्त पहले ही अन्य मामलों में जेल जा चुके थे. वहीं, एक अभियुक्त जमानत पर रिहा था. जिसे शनिवार को पुलिस ने गिरफ्तार किया है.

सुमित हत्याकांड के आरोपियों को 3 सितंबर को होगी सजा.
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Published : Aug 31, 2019, 6:33 PM IST

Updated : Aug 31, 2019, 9:05 PM IST

कोटद्वार: साल 2015 में हुए सुमित पटवाल हत्याकांड मामले में चारों आरोपियों पर दोष सिद्ध हो गया है. मामले में 3 सितंबर को सजा सुनाई जाएगी. हत्याकांड में चार आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था. एक आरोपी जमानत पर रिहा चल रहा था, कोर्ट के आदेश के बाद जमानत पर रिहा चल रहे आरोपी को आज पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

सुमित हत्याकांड के आरोपियों को 3 सितंबर को होगी सजा.

बता दें कि 22 मार्च 2015 को देर शाम सुमित पटवाल अपनी बाइक से बेलाडाट होते हुए घर जा रहे थे. तभी कुछ बाइक सवार युवकों ने बेलाडाट चौराहे पर सुमित पटवाल पर फायरिंग कर दी. इस दौरान गंभीर रूप से घायल सुमित पटवाल की मौके पर ही मौत हो गई थी. सूचना मिलते ही घटनास्थल पर पहुंची पुलिस सीसीटीवी फुटेज की मदद से अज्ञात बाइक सवारों तक पहुंची. पुलिस ने हत्याकांड से जुड़े तमाम महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्र कर हत्याकांड में लिप्त सभी अभियुक्तों के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया था.

यह भी पढ़ें: बढ़ रहा वायरल फीवर का प्रकोप, प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग की टीम को किया रवाना

इस पर शनिवार को अपर जिला जज की अदालत ने अंतिम फैसला सुनाते हुए चारों अभियुक्तों को सुमित पटवाल हत्याकांड में दोषी करार दिया है. वहीं, सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता जितेंद्र सिंह रावत के अनुसार इस मामले में न्यायालय में संपूर्ण विवेचना पूरी करने के बाद चारों आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 दफा 34 में दोषी पाया गया है. चार आरोपियों को 3 सितंबर को सजा सुनाई जाएगी.

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता जितेंद्र सिंह रावत ने बताया 22 मार्च 2015 को बेलाडॉट चौराहे पर शाम 6:00 बजे के लगभग सुमित पटवाल को 2 लोगों द्वारा गोली मार दी गई थी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई. पुलिस ने जांच कर चार लोगों के खिलाफ चार्जशीट न्यायालय में दाखिल किया था, जिसमें दीपक रावत, विशाल, जाली शर्मा, सुरेंद्र सिंह नेगी उर्फ सूरी था. आज न्यायालय में पूरी विवेचना करने के बाद चारों आरोपियों को आईपीसी की धारा 302 दफा 34 में दोषी पाया गया. सजा के लिए 3 सितंबर की तारीख तय की गई है, सहायक अभियोजन के तहत सरकार की तरफ से 43 गवाह पेश किये गये, जिसमें साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने सजा तय किया.

कोटद्वार: साल 2015 में हुए सुमित पटवाल हत्याकांड मामले में चारों आरोपियों पर दोष सिद्ध हो गया है. मामले में 3 सितंबर को सजा सुनाई जाएगी. हत्याकांड में चार आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था. एक आरोपी जमानत पर रिहा चल रहा था, कोर्ट के आदेश के बाद जमानत पर रिहा चल रहे आरोपी को आज पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

सुमित हत्याकांड के आरोपियों को 3 सितंबर को होगी सजा.

बता दें कि 22 मार्च 2015 को देर शाम सुमित पटवाल अपनी बाइक से बेलाडाट होते हुए घर जा रहे थे. तभी कुछ बाइक सवार युवकों ने बेलाडाट चौराहे पर सुमित पटवाल पर फायरिंग कर दी. इस दौरान गंभीर रूप से घायल सुमित पटवाल की मौके पर ही मौत हो गई थी. सूचना मिलते ही घटनास्थल पर पहुंची पुलिस सीसीटीवी फुटेज की मदद से अज्ञात बाइक सवारों तक पहुंची. पुलिस ने हत्याकांड से जुड़े तमाम महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्र कर हत्याकांड में लिप्त सभी अभियुक्तों के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया था.

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इस पर शनिवार को अपर जिला जज की अदालत ने अंतिम फैसला सुनाते हुए चारों अभियुक्तों को सुमित पटवाल हत्याकांड में दोषी करार दिया है. वहीं, सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता जितेंद्र सिंह रावत के अनुसार इस मामले में न्यायालय में संपूर्ण विवेचना पूरी करने के बाद चारों आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 दफा 34 में दोषी पाया गया है. चार आरोपियों को 3 सितंबर को सजा सुनाई जाएगी.

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता जितेंद्र सिंह रावत ने बताया 22 मार्च 2015 को बेलाडॉट चौराहे पर शाम 6:00 बजे के लगभग सुमित पटवाल को 2 लोगों द्वारा गोली मार दी गई थी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई. पुलिस ने जांच कर चार लोगों के खिलाफ चार्जशीट न्यायालय में दाखिल किया था, जिसमें दीपक रावत, विशाल, जाली शर्मा, सुरेंद्र सिंह नेगी उर्फ सूरी था. आज न्यायालय में पूरी विवेचना करने के बाद चारों आरोपियों को आईपीसी की धारा 302 दफा 34 में दोषी पाया गया. सजा के लिए 3 सितंबर की तारीख तय की गई है, सहायक अभियोजन के तहत सरकार की तरफ से 43 गवाह पेश किये गये, जिसमें साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने सजा तय किया.

Intro:summary वर्ष 2015 के बहुचर्चित सुमित पटवाल हत्याकांड में चार अभियुक्तों पर अपर जिला जज की अदालत में हुआ दोष सिद्ध, हत्याकांड के तीन अभियुक्त पहले ही अन्य मामलों में जेल की सलाखों में है लेकिन एक अभियुक्त जमानत पर रिहा था, जिसे आज न्यायालय के आदेश पर गिरफ्तार कर लिया गया। सभी आरोपियों को 3 सितंबर को अपर जिला जज की अदालत में सुनाई जाएगी सजा।

intro बहुचर्चित सुमित पटवाल हत्याकांड में चार अभियुक्तों को अपर जिला जज की अदालत में हुआ दोष सिद्ध, हत्याकांड के तीन अभियुक्त पहले ही अन्य मामलों में जेल की सलाखों में है, लेकिन एक अभियुक्त दीपक रावत जमानत पर रिहा चल रहा था, जिसे आज दोष सिद्ध होने के बाद अपर जिला जज के आदेशों पर कोटद्वार कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, चारों आरोपियों को अपर जिला जज की अदालत में 3 सितंबर को सुनाई जाएगी सजा।


Body:वीओ1- बता दें कि 22 मार्च 2015 को देर शाम सुमित पटवाल अपनी बाइक से बेलाडाट होते हुए घर की ओर जा रहा था, तभी दो बाइक सवार युवकों ने बेलड़ाट चौराहे पर सुमित पटवाल पर फायर झोंक दी थी, तब सुमित पटवाल की मौके पर ही मौत हो गई थी, मौके पर पहुंची पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की मदद से अज्ञात बाइक सवार शूटरों तक पहुंची और हत्याकांड से जुड़ी तमाम महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर हत्याकांड में लिप्त सभी अभियुक्तों के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की थी, जिस पर आज अपर जिला जज की अदालत में अंतिम फैसला आते हुए चारों अभियुक्तों को सुमित पटवाल हत्याकांड में दोषी करार दिया।


वीओ2- वहीं सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता जितेंद्र सिंह रावत के मुताबिक 22 मार्च 2015 की घटना है बेलाडॉट चौराहे पर शाम 6:00 बजे के लगभग सुमित पटवाल नाम के व्यक्ति को 2 लोगों द्वारा गोली मार दी गई थी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी, पुलिस ने जांच कर चार लोगों के खिलाफ चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की थी, जिसमें दीपक रावत, विशाल, जाली शर्मा, सुरेंद्र सिंह नेगी उर्फ सूरी था, आज माननीय न्यायालय में संपूर्ण विवेचना पूरी करने के बाद माननीय न्यायालय द्वारा चारों लोगों को आईपीसी की धारा 302 दफा 34 में दोषी पाया गया, सजा के लिए 3 सितंबर की तारीख तय की गई है, 3 सितम्बर को माननीय न्यायालय में इन चारों आरोपियों को सजा सुनाई जाएगी, सहायक अभियोजन के तहत सरकार की तरफ से 43 गहाव पेश किये गये, जिसमें साक्ष्यों के आधार पर माननीय न्यायालय ने इनकी सजा को तय किया।

बाइट जितेंद्र सिंह रावत सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता


Conclusion:
Last Updated : Aug 31, 2019, 9:05 PM IST
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