श्रीनगर: उत्तरकाशी टनल हादसे को लेकर सिसायी पारा भी चढ़ा हुआ है. रेस्क्यू ऑपरेशन में हो रही देरी को लेकर जहां कांग्रेस सरकार पर हमलावर हो रखी है तो वहीं बीजेपी के नेता कांग्रेस को ऐसे समय पर राजनीति नहीं करने की सलाह दे रहे हैं. उत्तरकाशी टनल में फंसे 41 मजदूरों को बचाने के लिए बीते 10 दिनों से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है, लेकिन अभीतक उन्हें कोई खास सफलता नहीं मिली है, जिसके कारण कांग्रेस ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है.
दरअसल, उत्तराखंड के पूर्व कैबिनेट मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी ने रेस्क्यू ऑपरेशन में हो रही देरी पर सवाल खड़े किए हैं. उनका कहना है कि सरकार को टनल में फंसे हुए 41 मजदूरों को बचाने के लिए शुरू से ही तेजी से काम करना चाहिए था, लेकिन सरकार ने इस हादसे को शुरू में बहुत हल्के में लिया. उसका नतीजा है कि आज 10 दिन के बाद भी मजदूरों का टनल से रेस्क्यू नहीं हो पाया है.
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पूर्व कैबिनेट मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी का कहा है कि जिन एक्सपर्ट को सरकार ने 9 दिन के बाद बुलाया, यदि शुरुआत में ही उनकी मदद ली जाती तो तीन दिन में रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हो जाता, लेकिन न जाने सरकार किस बात का इंतजार करती रही. कांग्रेस का मानना है कि रेस्क्यू ऑपरेशन में सरकार ने शुरू में तेजी नहीं दिखायी.
वहीं कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का भी जवाब आया है. उन्होंने कांग्रेस को ऐसे समय पर राजनीति नहीं करने की सलाह दी है. पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि सरकार और प्रशासन अपनी पूरी ताकत के साथ के 41 मजदूरों को बचाने में लगे हुए हैं.
पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तरकाशी की जिस टनल में 41 मजदूर फंसे हुए, वहां के हालत थोड़े जटिल हैं, अगर आसान होते तो केंद्र से लेकर विदेश से एक्सपर्ट टीम को नहीं बुलाना पड़ता. केंद्र और राज्य सरकार मिलकर 41 मजदूरों को टनल से सुरक्षित निकाले का प्रयास कर रही हैं, जिसका अच्छा परिणाम एक दो दिन में दिखाई देगा. रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी टीम एक-एक मिनट की मॉनिटरिंग कर रही हैं.
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बता दें कि उत्तरकाशी के सिलक्यारा में दीपावाली यानी 12 नवंबर की सुबह करीब चार किमी लंबी निर्माणधीन टनल के बीच में मलबा गिर गया था, जिस कारण टनल के एक छोरे पर 41 मजदूर फंस गए थे, जिन्हें निकालने के लिए 12 नवंबर से ही रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. 10वें दिन यानी 21 नवंबर को टनल में फंसे मजदूरों का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसके आधार पर कहा जा सकता है कि सभी मजदूर सुरक्षित हैं.