पौड़ी: फर्जी प्रमाणपत्रों के सहारे नौकरी पाने वाले शिक्षक पर गाज गिरी है. मामला यमकेश्वर ब्लॉक के राजकीय इंटर कॉलेज हिराखाल का है. जहां साल 2014 में नंद किशोर ने मृतक आश्रित के रूप में व्यायाम शिक्षक की नौकरी पाने के लिए फर्जी प्रमाण पत्रों का सहारा लिया था. ये मामला जब जिला शिक्षा विभाग में पहुंचा तो मामले से पर्दा उठ गया. नंद किशोर के खिलाफ मुकदमा दर्जकर उसे जेल भेज दिया गया है.
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बता दें कि प्रमाण पत्र के अनुसार उनकी मां की आय मात्र 6 हजार है और वह किसी भी सरकारी सेवा में नहीं है. जांच में सामने आया कि आरोपी की मां सहायक अध्यापक के रूप में कार्यरत है और उनकी मासिक आय और पति की पेंशन मिलाकर करीब 80,000 है.
शिक्षा विभाग के अपर महानिदेशक महावीर सिंह ने बताया कि शिक्षक ने साल 2014 में अपने पिता की मृत्यु के बाद मृत आश्रित के रूप में राजकीय इंटर कॉलेज हिराखाल में व्यायाम शिक्षक के पद पर काम करना शुरू किया था. कुछ समय पहले उसके खिलाफ फर्जी प्रमाणपत्र लगाकर नौकरी हासिल करने की शिकायत आई थी. लंबे समय तक विभाग की ओर से जांच करने के बाद यह साफ हो गया है की नंद किशोर ने फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया था. आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज उसे जेल भेज दिया गया है.