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पौड़ी: टॉक शो में बेटियों ने रखे अपने विचार

बेटियों के प्रति समाज को जागरुक करने के लिए पौड़ी में एक टॉक शो का आयोजन किया गया. जिसमें विभिन्न स्कूलों की छात्राओं ने अपने विचार रखे.

Beti Bachao Beti Padhao Campaign News
टॉक शो
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Published : Jan 27, 2020, 11:44 PM IST

पौड़ी: नगर में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत एक टॉक शो का आयोजन किया गया. जिसमें जिसमें विभिन्न स्कूलों की छात्राओं ने अपने विचार रखे. इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि आज के समय में बेहद जरूरी है कि समाज को जागरुक किया जाए. देश के ऐसे कई क्षेत्र हैं जहां पर शिक्षा का स्तर काफी निम्न है. इन क्षेत्रों में विभिन्न साधनों के माध्यम से जन जागरुकता अभियान चलाकर लोगों को बेटियों के महत्व के बारे में जानकारी दी जाए. जिससे लोग खुद समाज में बेटियों को बचाने और बढ़ाने में अपनी अहम भूमिका निभाए.

उप जिलाधिकारी पौड़ी अंशुल सिंह ने बताया कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत आज एक टॉक शो का आयोजन किया गया. जिसमें कई विद्यालयों से बालिकाओं को बुलाया गया ताकि आज समाज में बेटियों को बचाने और बढ़ाने के लिए उनके विचारों को सुना जाए.

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के तहत टॉक शो का आयोजन.

वहीं छात्रा कुसुम ने बताया कि हमारी संस्कृति में बेटों को प्राथमिकता दी जाती है. लेकिन बेटियों को घर के कामों की तरफ ले जाया जाता है. इस संस्कृति को बदलना बहुत जरूरी है. जिस तरह से बेटों को प्राथमिकता दी जा रही है उसी तरह बेटियों को भी प्राथमिकता दी जानी चाहिए. जब सृष्टि के निर्माता ने मनुष्य को बनाने में भेद नहीं किया तो मनुष्य आज बेटों और बेटियों में भेद क्यों कर रहा है.

ये भी पढ़ें: लक्सर: पंजाब नेशनल बैंक में बड़ा घोटाला, कर्मचारियों पर रुपए निकालने का आरोप

आज समाज में परिवर्तन लाने के लिए जरूरी है कि प्रत्येक व्यक्ति अपनी सोच में परिवर्तन लाए और बेटों और बेटियों को समान दर्जा दे.

पौड़ी: नगर में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत एक टॉक शो का आयोजन किया गया. जिसमें जिसमें विभिन्न स्कूलों की छात्राओं ने अपने विचार रखे. इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि आज के समय में बेहद जरूरी है कि समाज को जागरुक किया जाए. देश के ऐसे कई क्षेत्र हैं जहां पर शिक्षा का स्तर काफी निम्न है. इन क्षेत्रों में विभिन्न साधनों के माध्यम से जन जागरुकता अभियान चलाकर लोगों को बेटियों के महत्व के बारे में जानकारी दी जाए. जिससे लोग खुद समाज में बेटियों को बचाने और बढ़ाने में अपनी अहम भूमिका निभाए.

उप जिलाधिकारी पौड़ी अंशुल सिंह ने बताया कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत आज एक टॉक शो का आयोजन किया गया. जिसमें कई विद्यालयों से बालिकाओं को बुलाया गया ताकि आज समाज में बेटियों को बचाने और बढ़ाने के लिए उनके विचारों को सुना जाए.

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के तहत टॉक शो का आयोजन.

वहीं छात्रा कुसुम ने बताया कि हमारी संस्कृति में बेटों को प्राथमिकता दी जाती है. लेकिन बेटियों को घर के कामों की तरफ ले जाया जाता है. इस संस्कृति को बदलना बहुत जरूरी है. जिस तरह से बेटों को प्राथमिकता दी जा रही है उसी तरह बेटियों को भी प्राथमिकता दी जानी चाहिए. जब सृष्टि के निर्माता ने मनुष्य को बनाने में भेद नहीं किया तो मनुष्य आज बेटों और बेटियों में भेद क्यों कर रहा है.

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आज समाज में परिवर्तन लाने के लिए जरूरी है कि प्रत्येक व्यक्ति अपनी सोच में परिवर्तन लाए और बेटों और बेटियों को समान दर्जा दे.

Intro:बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत आज एक के टॉक शो का आयोजन किया गया जिसमें की स्कूलों की छात्राओं को बुलाकर आज समाज में बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए उनके विचार रखने को कहा गया। इस टॉक शो में आई छात्राओं ने आज समाज में बेटियों की महत्व और उनकी सुरक्षा को लेकर अपने अपने विचार प्रस्तुत किए छात्राओं ने बताया कि आज बहुत जरूरी है कि समाज को जागरूक किया जाए और देश के ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर शिक्षा का स्तर काफी निम्न है वहां पर भी विभिन्न साधनों के माध्यम से जन जागरूकता अभियान की मदद से बेटियों के महत्व के बारे में जानकारी दी जाए ताकि प्रत्येक व्यक्ति को इस महत्व की जानकारी हो सके और वह समाज में बेटियों को बचाने और बढ़ाने में अपनी अहम भूमिका निभाये।


Body:उप जिलाधिकारी पौड़ी अंशुल सिंह ने बताया कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत आज एक टॉक शो का आयोजन किया गया जिसमें कि विद्यालय से बालिकाओं को बुलाया गया ताकि आज समाज में बेटियों को बचाने और बढ़ाने के लिए उनके विचारों को सुना जाए और आज स्कूली छात्राओं ने अपने अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि बेटियों को बचाने और बढ़ाने के लिए आज समाज को जागरूक करना बहुत जरूरी है उन्होंने बताया कि देश के उन क्षेत्रों में जहां शिक्षा का स्तर निम्न है वहां भी विभिन्न साधनों के माध्यम से जन जागरूकता अभियान चलाया जाए ताकि बेटियों को समाज में अपना स्थान मिल सके। वही छात्रा कुसुम ने बताया कि जो हमारी संस्कृति में चला हुआ रहा है कि बेटों को प्राथमिकता दी जाती है लेकिन बेटियों को घर के कामों की तरफ ले जाया जाता है इस संस्कृति को बदलना बहुत जरूरी है और जिस तरह से बेटों को प्राथमिकता दी जा रही है उसी तरह बेटियों को भी प्राथमिकता दी जानी चाहिए कहा कि जब सृष्टि के निर्माता ने मनुष्य को बनाने में भेद नहीं किया तो मनुष्य आज बेटों और बेटियों में भेद क्यों कर रहा है। बताया कि आज भी समाज में परिवर्तन लाने के लिए जरूरी है कि प्रत्येक व्यक्ति अपनी सोच में परिवर्तन लाए और बेटों और बेटियों को समान दर्जा दे।
बाईट-अंशुल सिंह(उपजिलाधिकारी पौड़ी)
बाईट-कुसुम (छात्रा)


Conclusion:
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