कोटद्वार: लैंसडौन विधानसभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग बड़ी लापरवाही सामने आई है. लोक निर्माण विभाग ने प्लेन नदी पर सिरोबाड़ी में वर्ष 2010 में लगभग 1.5 करोड़ की लागत से स्टील गाटर पुल का निर्माण किया था. निर्माण के दस साल बीत जाने के बाद भी इस पुल को सड़क से नहीं जोड़ा गया. जिसका लाभ स्थानीय लोगों को नहीं मिल पा रहा है.
बता दें कि वर्ष 2005 में सिरोबाड़ी-अमलेसा-लांगवाड़ी धोलखेतखाल मोटर मार्ग को 10 किलोमीटर की स्वीकृति मिली थी, जिसकी लागत 185.85 लाख रुपये थी. लोक निर्माण दुगड्डा ने सड़क का सर्वे किया गया और सड़क का कटान शुरू कर दिया गया. लेकिन लोक निर्माण विभाग यह भूल गया कि जिस जगह पर पुल बनना है, वह कॉर्बेट नेशनल पार्क के कालागढ़ टाइगर रिजर्व क्षेत्र में आता है. सड़क की कटिंग के साथ-साथ लोक निर्माण विभाग ने करोड़ों रुपये की लागत से प्लेन नदी पर गाटर पुल का निर्माण कर डाला, तब वन विभाग ने पुल को मुख्य सड़क से जोड़ने पर रोक लगा दी.
जिस कारण यह पुल आज तक सड़क से नहीं जुड़ पाया है, सड़क का निर्माण कार्य भी पूरा नहीं हुआ है. समय रहते ही अगर लोक निर्माण विभाग के अधिकारी सड़क के सर्वे करते तो ऐसी दिक्कत सामने नहीं आती. वहीं लोक निर्माण विभाग दुगड्डा के सहायक अभियंता अजीत सिंह गुसाईं का कहना है कि वर्ष 2010 में प्लेन नदी पर स्टील गाटर पुल का निर्माण कार्य किया गया था, जिसकी अनुमानित लागत डेढ़ करोड़ थी.
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पुल के एप्रोज का कुछ हिसा कलागढ़ टाइगर रिजर्व की भूमि पर उतरना था जिस पर वन प्रभाग ने रोक लगा दी, कई बार वन विभाग से पत्राचार किया गया. लेकिन वन विभाग से स्वीकृति नहीं मिली. अब मामला राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण में पहुंच गया है, जैसे ही अनुमति मिलती है पुल को मुख्य सड़क से जोड़ दिया जायेगा. वहीं लैंसडौन विधायक दिलीप रावत ने भी यह बात मानी कि वाकई में सिरोबाड़ी-अमलेसा,लांगवाड़ी-इलमोड़ा,डियोड़ी-धोलखेतखाल मोटर मार्ग काफी लंबे समय से लंबित पड़ा हुआ है. सड़क का कुछ काम भी हुआ है. पुल भी नदी पर बन गया है, लेकिन पुल के दोनों ओर आज तक सड़क नहीं बन पाई. उन्होंने दोबारा मुख्य वन्य जीव संरक्षण को पत्राचार कर प्रयास किया है. उन्होंने कहा कि इस मामले से सीएम को भी अवगत करा दिया गया है.