श्रीनगर: गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय में आज आइसा छात्र संगठन का 6वां राज्य सम्मेलन आयोजित किया गया. कार्यक्रम में आइसा के राष्ट्रीय महासचिव प्रसनजीत राय भी मौजूद रहे. इस दौरान सम्मेलन में बढ़ती बेरोजगारी, शिक्षा के निजीकरण और बढ़ती हुई फीस पर चर्चा की गई. साथ ही राज्य में लागू होने जा रहे यूसीसी कानून पर प्रश्न खड़े किए गए.
कार्यक्रम में सभी वक्ताओं ने एकमत में कहा कि आज शिक्षा गरीब व्यक्ति से दूर हो रही है, क्योकि सरकारी कॉलजों में फीस वृद्धि हो रही है. इससे देश का नुकसान हो रहा है. सभी सरकारी सेवाओं को ठेकेदारी प्रथा से जोड़ा जा रहा है. देश की अर्थव्यवस्था बस देश के चंद पूंजीपतियों के आसपास घूम रही है. नियम कानून भी इन्ही के अनुरूप बनाए जा रहे हैं. बैठक में पुराला में हुई घटना का भी जिक्र किया गया और कहा गया कि प्रदेश में हिन्दू-मुस्लिम को बांटकर वोट की राजनीति की जा रही है, जबकि बेरोजगार युवाओं पर सरकार लाठी भांज रही है.
आइसा के राष्ट्रीय महासचिव प्रसनजीत राय ने कहा कि उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोर्ड लागू किए जाने पर चर्चा हो रही है. सरकार ऐसा कैसे कर सकती है, क्येंकि प्रदेश विविधता से भरा है. उन्होंने कहा कि कानून के जरिए पहले प्रदेश को बांटने का कार्य किया जा रहा है. जिसकी शुरूआत पुरोला से की गई. अब जबरन इस कानून को जनता पर थोपा जा रहा है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि प्रदेश में सरकार धर्म पर तो कानून लाने जा रही है, लेकिन जनता के असल मुद्दे शिक्षा और रोजगार पर सरकार बात नहीं करती है. समाज को बांटने के लिए भाजपा का ये नया एजेंडा है.
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वहीं, भाकपा मार्ले के राष्ट्रीय सचिव इन्देश मैखुरी ने कहा कि आज प्रदेश भर से युवा इस सम्मेलन में पहुंचे थे. कार्यक्रम में फेल रही बेरोजगारी और निजीकरण पर चर्चा की गई. उन्होंने कहा कि प्रदेश में यूनिफॉर्म सिविल कोर्ड लागू करके भाजपा की डबल इज़न सरकार प्रदेश को दो हिस्सों में बांट रही है.
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