श्रीनगर: आखिरकार लंबी जद्दोजहद के बाद एनआईटी (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) उत्तराखंड की अस्थाई बिल्डिंग के निर्माण का काम भी 60 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है. वहीं, एनआईटी उत्तराखंड की स्थायी बिल्डिंग के निर्माण कार्य की कागजी कार्रवाई भी शुरू हो गई है. एनआईटी उत्तराखंड के स्थायी परिसर बनाने के लिए एनबीसीसी के साथ एनआईटी उत्तराखंड का एमओयू साइन हो चुका है. एनबीसीसी को एनआईटी की निर्माण एजेंसी बनाया गया है.
पौड़ी जिले के श्रीनगर गढ़वाल में रेशम विभाग की भूमि पर एनआईटी उत्तराखंड का अस्थाई कैंपस बन रहा है, जिसका निर्माण कार्य 60 प्रतिशत तक पूरा हो चुका है. अस्थाई कैंपस का हॉस्टल और डाइनिंग ब्लॉक बनकर तैयार हो चुका है. वहीं ए, बी और डी ब्लॉक बनाए जा रहे हैं. अभीतक 37.72 करोड़ रुपये का बजट खर्च हो चुका है. वहीं, अस्थाई कैंपस के सेकंड फेज के कामों के लिए 50 करोड़ रुपए का बजट खर्च किया जाना है. इसे ब्लॉक सी नाम दिया गया है.
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इसके साथ-साथ सुमाड़ी में बनने वाले एनआईटी उत्तराखंड के स्थाई कैंपस को लेकर भी काम शुरू हो चुका है. निर्माण सम्बन्धी ड्रॉइंग एनआईटी को मिल चुकी है. मास्टर प्लान भी एनआईटी को प्राप्त हो चुका है. पहले चरण में 60 एकड़ भूमि पर निर्माण कार्य होना है.
एनआईटी के निदेशक प्रो. ललित कुमार अवस्थी ने बताया कि सुमाड़ी में बनाये जा रहे स्थायी कैंपस के लिए 60 एकड़ जमीन को निर्माण के लायक बनाया जा रहा है. इस कैंपस को 1,260 छात्र-छात्राओं और फैकल्टी के लिए तैयार किया जा रहा है. इसके लिए एनबीसीसी के साथ करार किया जा चुका है. एनबीसीसी ही स्थायी कैंपस के लिए निर्माण एजेंसी होगी. अस्थाई कैंपस का निर्माण कार्य 6 महीने के अंदर पूरा हो जाएगा.