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बारिश ने बढ़ाई दुश्वारियां: पौड़ी जिले में 24 मोटर मार्ग बंद, काशीपुर में बाढ़ का खतरा बढ़ा - पौड़ी में सड़कें बंद

उत्तराखंड में जाते हुए भी मॉनसून अपना रौद्र रूप दिखा रहा (heavy rain in Uttarakhand) है. उत्तराखंड में बीते तीन दिनों से भारी बारिश हो रही है. हालांकि मौसम विभाग के अनुसार कल बारिश के थोड़ी राहत मिलने की संभावना है. फिलहाल बारिश के कारण पौड़ी जिले में करीब 24 मोटर मार्ग बंद पड़े हुए (motorways closed in Pauri) है. वहीं उधमसिंह नगर जिले के काशीपुर में भी ढेला नदी का जल स्तर बढ़ने (rivers Water level rise) से कई इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है.

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Published : Oct 10, 2022, 7:09 PM IST

पौड़ी/काशीपुर: उत्तराखंड के अलग-अलग इलाकों में बीते तीन दिनों से हो रही बारिश से पहाड़ (heavy rain in Uttarakhand) की जीवन अस्त-व्यस्त हो रखा है. कई पहाड़ियों के दरकने से मोटर मार्ग बंद पड़े (motorways closed in Pauri) हुए तो कही पर नदी और बरसाती नाले उफान पर (rivers Water level rise) है. पौड़ी और उधमसिंह नगर जिले में भी बारिश ने लोगों की दुश्वारियां बढ़ा रखी है.

पौड़ी जिले की बात करे तो पौड़ी-बुआखाल-काशीपुर-रामनगर हाईवे कई जगह बाधित हो गया है. जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार अभीतक 24 मार्ग बंद हैं, जिसमें 4 राज्य मार्ग समेत 17 ग्रामीण सड़कें बंद हैं. बताया जा रहा है कि भारी बरसात के चलते धनगढ़ी नदी के उफान पर आने के चलते रामनगर से मर्चूला, धुमाकोट, गौलीखाल, बैजरौ, थैलीसैंण व पौड़ी की ओर आने वाले सैकड़ों वाहन फंसे रह गए. नदी के रौद्र रूप धारण करने से अधिकांश वाहनों को वापस रामनगर की ओर लौटने पड़ा.
पढ़ें- रामनगर: कोसी के बढ़ते जलस्तर में गर्जिया की दुकानें हुईं जलमग्न

वहीं जिले की सीमा में शंकरपुर मर्चूला के मध्य भारी बोल्डर आने के चलते हाईवे कई जगहों पर बाधित हो गया. एनएच के सहायक अभियंता एमसी पांडे ने बताया कि शंकरपुर मर्चूला के बीच यातायात को सुचारू करने के लिए दो जेसीबी तैनात की हुई हैं.

उन्होंने कहा कि जल्द ही यातायात को सुचारू किया जाएगा. एनएच पर कई जगहों पर सड़क यातायात के लिए बंद होने से दिन भर वाहन फंसे रहे. दोपहर बाद धनगढ़ी नदी एवं भकराकोट नदी का जलस्तर कम होने से वाहनों का संचालन संभव हुआ, लेकिन जगह-जगह मलबा गिरने से यातायात फिर से रोकना पड़ा. मौसम ठीक होने के बाद यातायात खुलने की संभावना है.

वहीं, जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय के अनुसार अभी भी 24 मार्ग बंद हैं, जिसमें 4 राज्य मार्ग समेत 17 ग्रामीण सड़कें बंद हैं. रिपोर्ट के अनुसार लोनिवि के प्रांतीय खंड पौड़ी व निर्माण खंड पाबौ की 4-4, लैंसडाउन व दुगड्डा की 3-3, निर्माण खंड बैजरो की 2 और पीएमजीएसवाई की 8 सड़कों पर यातायात बंद पड़ा हुआ है.
पढ़ें- टेंट में रह रहे मजदूरों पर गिरा बोल्डर, एक की मौत, पांच ने भागकर बचाई जान

काशीपुर में ढेला नदी उफान पर: कोसी बैराज से पानी छोड़े जाने पर काशीपुर में ढेला नदी का जल स्तर बढ़ गया है, जिससे नीचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. सबसे ज्यादा खतरा ढेला बस्ती, लक्ष्मीपुर पट्टी, बैलजूड़ी, बैंतवाला, नवलपुर और गुलड़िया में है. इस दौरान एसडीएम अभय प्रताप सिंह, तहसीलदार अक्षय कुमार भट्ट एवं एसडीओ दीपक शर्मा मौके पर पहुंचे और हालत का जायजा लिया. साथ ही उन्होंने इन इलाकों में रहने वाले लोगों को संतर्क रहने को कहा.

सिंचाई विभाग के एसडीओ ने फोन पर हुई बातचीत में बताया कि सुबह 10 बजे तक ढेला नदी में 23,363 क्यूसेक पानी छोड़ा गया. अभी ढेला नदी में ओर पानी छोड़े जाने की संभावना है. उन्होंने बताया कि तुमड़िया डैम की क्षमता 857 फ़ीट है और अभी डैम में 843 फ़ीट पानी है. ऐसे में यदि बरसात नहीं रूकती है तो आने वाले समय में ढेला का जलस्तर और ज्यादा बढ़ सकता है. वहीं दूसरी तरफ ढेला नदी में पानी का जलस्तर बढ़ने से धान की खड़ी फसल पूरी तरह डूब गई.

पौड़ी/काशीपुर: उत्तराखंड के अलग-अलग इलाकों में बीते तीन दिनों से हो रही बारिश से पहाड़ (heavy rain in Uttarakhand) की जीवन अस्त-व्यस्त हो रखा है. कई पहाड़ियों के दरकने से मोटर मार्ग बंद पड़े (motorways closed in Pauri) हुए तो कही पर नदी और बरसाती नाले उफान पर (rivers Water level rise) है. पौड़ी और उधमसिंह नगर जिले में भी बारिश ने लोगों की दुश्वारियां बढ़ा रखी है.

पौड़ी जिले की बात करे तो पौड़ी-बुआखाल-काशीपुर-रामनगर हाईवे कई जगह बाधित हो गया है. जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार अभीतक 24 मार्ग बंद हैं, जिसमें 4 राज्य मार्ग समेत 17 ग्रामीण सड़कें बंद हैं. बताया जा रहा है कि भारी बरसात के चलते धनगढ़ी नदी के उफान पर आने के चलते रामनगर से मर्चूला, धुमाकोट, गौलीखाल, बैजरौ, थैलीसैंण व पौड़ी की ओर आने वाले सैकड़ों वाहन फंसे रह गए. नदी के रौद्र रूप धारण करने से अधिकांश वाहनों को वापस रामनगर की ओर लौटने पड़ा.
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वहीं जिले की सीमा में शंकरपुर मर्चूला के मध्य भारी बोल्डर आने के चलते हाईवे कई जगहों पर बाधित हो गया. एनएच के सहायक अभियंता एमसी पांडे ने बताया कि शंकरपुर मर्चूला के बीच यातायात को सुचारू करने के लिए दो जेसीबी तैनात की हुई हैं.

उन्होंने कहा कि जल्द ही यातायात को सुचारू किया जाएगा. एनएच पर कई जगहों पर सड़क यातायात के लिए बंद होने से दिन भर वाहन फंसे रहे. दोपहर बाद धनगढ़ी नदी एवं भकराकोट नदी का जलस्तर कम होने से वाहनों का संचालन संभव हुआ, लेकिन जगह-जगह मलबा गिरने से यातायात फिर से रोकना पड़ा. मौसम ठीक होने के बाद यातायात खुलने की संभावना है.

वहीं, जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय के अनुसार अभी भी 24 मार्ग बंद हैं, जिसमें 4 राज्य मार्ग समेत 17 ग्रामीण सड़कें बंद हैं. रिपोर्ट के अनुसार लोनिवि के प्रांतीय खंड पौड़ी व निर्माण खंड पाबौ की 4-4, लैंसडाउन व दुगड्डा की 3-3, निर्माण खंड बैजरो की 2 और पीएमजीएसवाई की 8 सड़कों पर यातायात बंद पड़ा हुआ है.
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काशीपुर में ढेला नदी उफान पर: कोसी बैराज से पानी छोड़े जाने पर काशीपुर में ढेला नदी का जल स्तर बढ़ गया है, जिससे नीचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. सबसे ज्यादा खतरा ढेला बस्ती, लक्ष्मीपुर पट्टी, बैलजूड़ी, बैंतवाला, नवलपुर और गुलड़िया में है. इस दौरान एसडीएम अभय प्रताप सिंह, तहसीलदार अक्षय कुमार भट्ट एवं एसडीओ दीपक शर्मा मौके पर पहुंचे और हालत का जायजा लिया. साथ ही उन्होंने इन इलाकों में रहने वाले लोगों को संतर्क रहने को कहा.

सिंचाई विभाग के एसडीओ ने फोन पर हुई बातचीत में बताया कि सुबह 10 बजे तक ढेला नदी में 23,363 क्यूसेक पानी छोड़ा गया. अभी ढेला नदी में ओर पानी छोड़े जाने की संभावना है. उन्होंने बताया कि तुमड़िया डैम की क्षमता 857 फ़ीट है और अभी डैम में 843 फ़ीट पानी है. ऐसे में यदि बरसात नहीं रूकती है तो आने वाले समय में ढेला का जलस्तर और ज्यादा बढ़ सकता है. वहीं दूसरी तरफ ढेला नदी में पानी का जलस्तर बढ़ने से धान की खड़ी फसल पूरी तरह डूब गई.

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