श्रीनगर: उत्तराखंड चारधाम यात्रा में 40 श्रद्धालुओं के दम तोड़ने के बाद सरकार नींद से जागी है और अब चारधाम यात्रा मार्ग पर 150 नए डॉक्टरों की तैनाती करने जा रही है. इसकी जानकारी खुद स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने दी. उत्तराखंड चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले सरकार ने तैयारियों का जो दावा किया था, उसकी हवा पहले दो हफ्तों में ही निकल गई है.
उत्तराखंड चारधाम यात्रा में आने वाले तीर्थयात्री लगातार दम तोड़ रहे है. मौत की बड़ी वजह से हार्ट अटैक और अन्य बीमारियां बताई जा रही है, लेकिन चिंता की बात ये है कि अचानक बीमार होने पर तीर्थयात्रियों को समय से इलाज नहीं मिल पा रहा है और वो मेडिकल कैंप या फिर हॉस्पिटल में जाने से पहले ही दम तोड़ दे रहे हैं.
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उत्तराखंड चारधाम यात्रा में लगातार हो रही श्रद्धालुओं की मौत के बाद सरकार भी विपक्ष के निशाने पर आ गया है. उत्तराखंड चारधाम यात्रा की तैयारियों और स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर सरकार की लगातार किरकिरी हो रही है. यही कारण है कि अब सरकार नींद से जागी और यात्रा मार्ग पर 150 डॉक्टरों को तैनात करने के निर्देश दिए.
स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि केदारनाथ और यमुनोत्री में 50 ऐसी जगहें सुनिश्चित की जा रही है. जहां पोर्टेबल ऑक्सीजन सिलेंडर रखे जाएंगे, जिन्हें यात्री अपने साथ भी ले जा सकते हैं. इसके अलावा 150 डॉक्टरों को भी तैनात किया जाएगा.
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स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि वे खुद यात्रा रूट का दौरा करके आए हैं. किसी भी यात्री को रहने खाने की दिक्कत नहीं होने दी जाएगी. इसी के चलते सरकार में अब वीआईपी दर्शन की प्रथा को भी खत्म कर दिया है. सरकार का लक्ष्य सरल सुगम चारधाम यात्रा करवाना है.
उन्होंने कहा कि अब सरकार फिटनेस के आधार पर भी यात्रा को आगे बढ़ा रही है. इसीलिए यात्रियों से फिटनेस रिकॉर्ड लाने के लिए भी कहा जा रहा है. उन्होंने कहा कि कोविड के कारण लोगों में दिक्कतें बढ़ी हैं. जिसके कारण यात्रा में लोग बीमार पड़ जाए रहे हैं. ऐसे में यात्रियों के लिए फिटनेस रिकॉर्ड की अनिवार्यता की गई है.