पौड़ी: जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल के प्रयासों से जनपद पौड़ी में बासा नाम से पहला सरकारी होमस्टे बनकर तैयार हो गया है. इस होमस्टे की विधिवत रूप से शुरुआत भी कर दी गई है. पौड़ी के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल खिर्सू में बने इस होमस्टे की सारी जिम्मेदारी उन्नति महिला समूह की 15 महिलाएं उठा रही हैं. इन सभी महिलाओं को भोजन बनाने से लेकर होमस्टे की देखरेख करने तक की सभी जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं.
वहीं, इस होमस्टे को बासा नाम देने के पीछे मुख्य कारण है कि बासा को गढ़वाली भाषा में रात को रुकना कहा जाता है. इसका सामान्य अर्थ है कि जो भी पर्यटक यहां पर रुकना चाहते हैं, उनके लिए पहाड़ी शैली से बना हुआ घर और पहाड़ी व्यंजन आसानी से उपलब्ध होगा. इस होमस्टे के बनने के बाद से यहां पर काम कर रही 15 महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत हो रही हैं.
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सरकारी आंकड़ों के मुताबिक उत्तराखंड में गढ़वाल मंडल के पौड़ी जनपद में सर्वाधिक पलायन हुआ है. लगातार होता पलायन देख राज्य सरकार यहां लोगों को रोजगार देने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही है, जिसमें जिलाधिकारी भी बखूबी भूमिका निभाते दिख रहे हैं. महिलाओं ने बताया कि जिलाधिकारी की ओर से उन्हें जो जिम्मेदारी सौंपी गई है उसे वो पूरी ईमानदारी से निभाएंगी और जो भी पर्यटक यहां पर रुकने आएंगे उन्हें गढ़वाली व्यंजन के साथ-साथ कॉन्टिनेंटल व्यंजन भी उपलब्ध करवाया जाएगा.
पौड़ी के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल खिर्सू पहुंचे पर्यटक अश्वनी त्यागी ने बताया कि उत्तराखंड के साथ-साथ वो विभिन्न स्थानों पर घूमे हैं, लेकिन पहाड़ी शैली से बने इस होमस्टे में रहकर उन्हें काफी आनंद महसूस हुआ है. इसके साथ ही उन्हें पहाड़ी व्यंजनों का लुत्फ उठाने का भी मौका मिला. उन्हें सरकार के इस कदम को काफी सराहनीय बताया.