पौड़ी/टिहरीः आज विश्व क्षयरोग दिवस मनाया जा रहा है. इसी कड़ी में पौड़ी में टीबी की बीमारी को लेकर जागरुकता रैली निकाली गई. इस दौरान सीएमओ ने छात्र-छात्राओं को टीबी रोग के मुख्य कारण और निवारण की जानकारी दी. वहीं, आगामी 2024 तक जिले को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है. उधर, टिहरी में भी टीबी को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया गया.
पौड़ी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज शर्मा ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से टीबी के रोग को पूरी तरह से खत्म करने के लिए लगातार अभियान चलाए जा रहा है. साथ ही टीबी की बीमारी होने के कारणों की जानकारी को जन-जन तक पहुंचाया जा रहा है. जिससे लोग इस बीमारी से बच सके. वहीं, सीएमओ शर्मा ने कहा कि टीबी एक संक्रामक बीमारी है. जिले में टीबी की बीमारी पर अंकुश पाने और मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया करवाया जा रहा है.
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पौड़ी जिले में टीबी के 1022 एक्टिव केस
वहीं, एसीएमओ डॉ. रमेश कुंवर ने बताया कि पौड़ी जिले में टीबी के 1022 एक्टिव केस हैं. साल 2024 तक जिले को टीबी मुक्त बनाने के लिए प्रयास तेज किए जा रहे हैं. टीबी के बैक्टीरिया सांस के जरिए शरीर में प्रवेश करते हैं. किसी रोगी के खांसने, बात करने, छींकने या थूकने के समय बलगम व थूक की बहुत ही छोटी-छोटी बूंदें हवा में फैल जाती हैं, जिनमें उपस्थित बैक्टीरिया कई घंटों तक हवा में रह सकते हैं. जो स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में सांस लेते समय प्रवेश कर रोग पैदा करते हैं. साथ ही कहा कि जिले के सभी ब्लॉकों में जन जागरण अभियान चलाया जा रहा है, जिससे साल 2024 तक जिले से टीबी को पूरी तरह से समाप्त किया जा सके.
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विश्व क्षयरोग पर टिहरी में कार्यशाला आयोजित
विश्व क्षयरोग दिवस पर स्वास्थ्य विभाग ने जिला सभागार और नर्सिंग कालेज सुरसिंगधार में कार्यशाला का आयोजन किया. कार्यशाला का शुभारंभ बतौर मुख्य अतिथि एडीएम एससी द्विवेदी ने किया. उन्होंने कहा कि क्षय रोग से बचाव के लिए जागरूकता के साथ ही समय पर पूरा इलाज जरूरी है. क्षय रोग का इलाज पूरी तरह से फ्री है. इसलिए बीमारी के इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल में संपर्क किया जा सकता है.
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. मनोज वर्मा ने बताया कि दुनिया में सर्वाधिक 27 प्रतिशत क्षय रोगी भारत में हैं. पहले चीन में सर्वाधिक रोगी थे, लेकिन प्रभावी नियंत्रण के चलते वहां अब मात्र 9 प्रतिशत मरीज रह गए हैं. टीबी मरीजों को पूरा ट्रीटमेंट व जांच सुविधायें फ्री होने के साथ ही प्रतिमाह 500 रुपये पोषण के लिए भी खातों में दिए जाते हैं. उत्तराखंड में 275 क्षय रोगी प्रति लाख पर हैं.
टीबी के लक्षण-
- दो हफ्ते से ज्यादा समय तक खांसी.
- शाम के समय बुखार आना.
- शरीर का वजन घटना.
- भूख न लगना.
- छाती में दर्द होना.
- बलगम में खून जमने पर जांच करवाना जरूरी है.