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कॉर्बेट भ्रमण के लिए उत्तराखंड पहुंचीं 'बर्ड्स ऑफ इंडियन सबकॉन्टिनेंट' की लेखक कैरोल स्कीप

'बर्ड्स ऑफ इंडियन सबकॉन्टिनेंट' किताब की सहलेखिका कैरोप स्कीप उत्तराखंड पहुंची हैं. उनके साथ लेखक टीपस्कीप और रिचर्ड ग्रिमिट भी मौजूद हैं, जिन्होंने इस किताब को मूर्त रूप दिया है. बता दें, ब्रिटेन की निवासी लेखिका कैरोल स्कीप को भारत और नेपाल से बहुत लगाव है.

Ramnagar Hindi News
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Published : Feb 11, 2020, 11:42 AM IST

Updated : Feb 11, 2020, 1:23 PM IST

रामनगर: विश्व प्रसिद्ध किताब 'बर्ड्स ऑफ इंडियन सबकॉन्टिनेंट' की सहलेखिका कैरोल स्कीप इन दिनों कॉर्बेट और उसके आसपास के इलाकों के भ्रमण पर है. वहीं, उनके साथ लेखक टीपस्कीप और रिचर्ड ग्रिमिट भी मौजूद हैं, जिन्होंने इस किताब को मूर्त रूप दिया है. वहीं, पक्षी प्रेमियों के लिए ये किताब बहुत ही महत्वपूर्ण हैं. जिसे हर पक्षी प्रेमी को अपने साथ रखना चाहिए.

बर्ड्स ऑफ इंडियन सबकॉन्टिनेंट की लेखक रामनगर पहुंची.

ब्रिटेन की निवासी लेखिका कैरोल स्कीप को भारत और नेपाल से बहुत लगाव है. ऐसे में वह अक्सर उत्तराखंड आती रही हैं. कैरोल ने बताया कि साल 1998 में प्रकाशित उनकी किताब 'बर्ड्स ऑफ इंडियन सबकॉन्टिनेंट' के अभीतक 17 संस्करण छप चुके हैं. वहीं, इस किताब में भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश और मालदीव में पाई जाने वाले पक्षियों की प्रजाति के बारे में विस्तार से बताया गया है.

पढ़ें- हल्द्वानी: 135 साल पुरानी ब्रिटिश धरोहर का जल्द होगा जीर्णोंद्धार

वहीं, अपने रामनगर भ्रमण के दौरान कैरोल ग्राम रिंगोड़ा में स्थित होमस्टे में ठहरी हैं. ईटीवी भारत से बातचीत में कैरोल स्कीप ने बताया कि उत्तराखंड में होमस्टे काफी बेहतर हैं. ऐसे में उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों को स्थानीय व्यंजनों और यहां की संस्कृति के बारे में जानकारी मिलेगी. साथ ही इससे स्थानीय लोगों को रोजगार भी उपलब्ध होगा. कैरोप ने कहा कि उन्हें उत्तराखंड की संस्कृति से बहुत लगाव है. वह बार-बार यहां आना चाहती है.

रामनगर: विश्व प्रसिद्ध किताब 'बर्ड्स ऑफ इंडियन सबकॉन्टिनेंट' की सहलेखिका कैरोल स्कीप इन दिनों कॉर्बेट और उसके आसपास के इलाकों के भ्रमण पर है. वहीं, उनके साथ लेखक टीपस्कीप और रिचर्ड ग्रिमिट भी मौजूद हैं, जिन्होंने इस किताब को मूर्त रूप दिया है. वहीं, पक्षी प्रेमियों के लिए ये किताब बहुत ही महत्वपूर्ण हैं. जिसे हर पक्षी प्रेमी को अपने साथ रखना चाहिए.

बर्ड्स ऑफ इंडियन सबकॉन्टिनेंट की लेखक रामनगर पहुंची.

ब्रिटेन की निवासी लेखिका कैरोल स्कीप को भारत और नेपाल से बहुत लगाव है. ऐसे में वह अक्सर उत्तराखंड आती रही हैं. कैरोल ने बताया कि साल 1998 में प्रकाशित उनकी किताब 'बर्ड्स ऑफ इंडियन सबकॉन्टिनेंट' के अभीतक 17 संस्करण छप चुके हैं. वहीं, इस किताब में भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश और मालदीव में पाई जाने वाले पक्षियों की प्रजाति के बारे में विस्तार से बताया गया है.

पढ़ें- हल्द्वानी: 135 साल पुरानी ब्रिटिश धरोहर का जल्द होगा जीर्णोंद्धार

वहीं, अपने रामनगर भ्रमण के दौरान कैरोल ग्राम रिंगोड़ा में स्थित होमस्टे में ठहरी हैं. ईटीवी भारत से बातचीत में कैरोल स्कीप ने बताया कि उत्तराखंड में होमस्टे काफी बेहतर हैं. ऐसे में उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों को स्थानीय व्यंजनों और यहां की संस्कृति के बारे में जानकारी मिलेगी. साथ ही इससे स्थानीय लोगों को रोजगार भी उपलब्ध होगा. कैरोप ने कहा कि उन्हें उत्तराखंड की संस्कृति से बहुत लगाव है. वह बार-बार यहां आना चाहती है.

Intro:note-रेडी टू पैकेज

intro.- परिंदों की दोस्त,विश्व प्रसिद्ध किताब बर्ड्स ऑफ इंडियन सबकॉन्टिनेंट,की सहलेखिका श्रीमती कैरोल स्कीप, इन दिनों राम नगर और आसपास के भ्रमण पर हैं। उनके पति टीमस्कीप और रिचर्ड ग्रिमिट के साथ उन्होंने यह अनूठी किताब तैयार की थी। जिसे हर पक्षी प्रेमी अपने पास रखना जरूरी मानता है।


Body:vo.- परिंदों की दोस्त,विश्व प्रसिद्ध किताब बर्ड्स ऑफ इंडियन सबकॉन्टिनेंट,की सहलेखिका श्रीमती कैरोल स्कीप, इन दिनों राम नगर और आसपास के भ्रमण पर हैं। उनके पति टीमस्कीप और रिचर्ड ग्रिमिट के साथ उन्होंने यह अनूठी किताब तैयार की थी। जिसे हर पक्षी प्रेमी अपने पास रखना जरूरी मानता है।
आपको बता दें कि ब्रिटेन निवासी यह बुजुर्ग लेखिका भारत और नेपाल से अपने लगाव के कारण अक्सर यहां उत्तराखंड में आती रहती हैं ।अब तक इस लेखिका के 17 संस्करण छप चुके हैं। आज रिंगोड़ा ग्राम में,हरेला हो स्टे में etv भारत के संवादाता ने उनसे मुलाकात की।इस मौके पर कैरोला ने कहा कि होमस्टे को गवर्नमेंट ने कॉर्बेट में प्राथमिकता देनी चाहिए ।और गांव के व्यंजनों को भी प्राथमिकता मिलनी चाहिए ।जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा और उसके साथ-साथ सरकार को भी मजबूती मिलेगी।

byte.-कैरोल स्कीप(प्रशिद्ध लेखिका)




Conclusion:
Last Updated : Feb 11, 2020, 1:23 PM IST
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