रामनगर: विश्व प्रसिद्ध किताब 'बर्ड्स ऑफ इंडियन सबकॉन्टिनेंट' की सहलेखिका कैरोल स्कीप इन दिनों कॉर्बेट और उसके आसपास के इलाकों के भ्रमण पर है. वहीं, उनके साथ लेखक टीपस्कीप और रिचर्ड ग्रिमिट भी मौजूद हैं, जिन्होंने इस किताब को मूर्त रूप दिया है. वहीं, पक्षी प्रेमियों के लिए ये किताब बहुत ही महत्वपूर्ण हैं. जिसे हर पक्षी प्रेमी को अपने साथ रखना चाहिए.
ब्रिटेन की निवासी लेखिका कैरोल स्कीप को भारत और नेपाल से बहुत लगाव है. ऐसे में वह अक्सर उत्तराखंड आती रही हैं. कैरोल ने बताया कि साल 1998 में प्रकाशित उनकी किताब 'बर्ड्स ऑफ इंडियन सबकॉन्टिनेंट' के अभीतक 17 संस्करण छप चुके हैं. वहीं, इस किताब में भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश और मालदीव में पाई जाने वाले पक्षियों की प्रजाति के बारे में विस्तार से बताया गया है.
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वहीं, अपने रामनगर भ्रमण के दौरान कैरोल ग्राम रिंगोड़ा में स्थित होमस्टे में ठहरी हैं. ईटीवी भारत से बातचीत में कैरोल स्कीप ने बताया कि उत्तराखंड में होमस्टे काफी बेहतर हैं. ऐसे में उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों को स्थानीय व्यंजनों और यहां की संस्कृति के बारे में जानकारी मिलेगी. साथ ही इससे स्थानीय लोगों को रोजगार भी उपलब्ध होगा. कैरोप ने कहा कि उन्हें उत्तराखंड की संस्कृति से बहुत लगाव है. वह बार-बार यहां आना चाहती है.