हल्द्वानी: आज पूरा विश्व स्तनपान दिवस मना रहा है. इस दौर में जहां शहरों में लोग अपने नवजात बच्चों को सिंथेटिक दूध पिलाते हैं तो वहीं ग्रामीण इलाकों में आज भी मां अपने बच्चों को स्तनपान कराती है. स्तनपान को लेकर आज भी कई भ्रांतियां महिलाओं में रहती है. लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि स्तनपान सिर्फ शिशुओं के लिए नहीं बल्कि मां के लिए भी बेहद फायदेमंद होता है. विश्व स्तनपान दिवस के मौके पर डॉक्टरों की जुबानी जानिए स्तनपान के फायदे और नुकसान.
डॉक्टरों के अनुसार अपने शिशु को स्तनपान कराने वाली महिला न सिर्फ रोगमुक्त रहती है बल्कि उनके शिशु की सेहत भी काफी अच्छी रहती है. स्तनपान कराने से मां को प्रेगनेंसी के बाद होने वाली समस्याओं से निजात मिलती है साथ ही तनाव और रक्त स्राव जैसी समस्याओं पर भी जल्द नियंत्रण पाया जा सकता है. स्तनपान कराने से माताओं को स्तन और गर्भाशय के होने वाले कैंसर का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है. इतना ही नहीं स्तनपान कराने से खून की कमी से होने वाले एनीमिया रोग का खतरा भी समाप्त होता है. साथ ही स्तनपान मां और शिशु के बीच भावनात्मक रिश्ते को मजबूत करता है.
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महिला चिकित्सक उषा रावत का कहना है अपनी सुंदरता को लेकर महिलाएं अक्सर शिशु को स्तनपान नहीं कराती है लेकिन ऐसा नहीं है अपने शिशु को स्तनपान कराने से महिला की सुंदरता पर कोई कमी नहीं आती है.
वहीं, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ नूतन सिंह ने बताया कि बच्चे को स्तनपान कराने से बच्चे को सभी विटामिन मिलते हैं. साथ ही बुखार और अन्य संक्रामक रोगों से मां के स्तनपान कराने वाले बच्चे को रोगों से लड़ने की क्षमता और अधिक होती है. लिहाजा रोग प्रतिरोधक क्षमता लगातार बढ़ती है. जिससे बच्चा स्वस्थ और तंदुरुस्त रहता है और जो बच्चा मां का दूध पीता है उसका मानसिक विकास भी तेजी से होता है