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हल्द्वानी: कारोबारियों ने किया लकड़ी नीलामी का बहिष्कार, लगाया ये आरोप - लकड़ी की नीलामी

हल्द्वानी में वन विकास निगम में आज लकड़ी का निलामी होनी थी, लेकिन लकड़ी कारोबारियों ने नीलामी का बहिष्कार कर दिया. लकड़ी कारोबारियों ने निगम पर मंडी शुल्क के नाम पर ढाई प्रतिशत शुल्क वसूलने का आरोप लगाया है.

haldwani Wood auction
हल्द्वानी लकड़ी कारोबारी
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Published : Jul 8, 2020, 3:30 PM IST

Updated : Jul 8, 2020, 9:02 PM IST

हल्द्वानी: लालकुआं के वन विकास निगम लकड़ी डिपो में आज लकड़ी की नीलामी होनी थी, लेकिन लकड़ी कारोबारियों ने नीलामी का बहिष्कार किया है. लकड़ी कारोबारियों ने नीलामी का बहिष्कार करते हुए वन विकास निगम पर आरोप लगाया है कि देश में मंडी शुल्क खत्म होने के बावजूद निगम लकड़ी नीलामी में मंडी शुल्क के नाम पर ढाई प्रतिशत शुल्क वसूल रहा है.

कारोबारियों ने किया लकड़ी नीलामी का बहिष्कार.

लकड़ी कारोबारियों का कहना है कि उत्तराखंड में लकड़ी की नीलामी उत्तर प्रदेश एक्ट के तहत ही की जाती है. उत्तर प्रदेश में मंडी शुल्क खत्म कर दी गई है, जबकि केंद्र सरकार ने देश के सभी मंडियों से मंडी शुल्क खत्म कर दिया है. बावजूद वन विकास निगम हल्द्वानी मंडी शुल्क के नाम पर नीलामी में ढाई प्रतिशत शुल्क ले रहा है, जिसका उन्होंने विरोध किया है.

लकड़ी कारोबारियों का कहना है कि वन विकास निगम शासनादेश नहीं पहुंचने का हवाला देकर मंडी शुल्क ले रहा है, ऐसे में लकड़ी कारोबारियों से मंडी शुल्क गलत तरीके से लिया जा रहा है. लकड़ी कारोबारियों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए कहा है कि वन विकास निगम जब तक मंडी शुल्क खत्म नहीं करेगा तब तक लकड़ी कारोबारी लकड़ी की नीलामी में प्रतिभाग नहीं करेंगे.

पढ़ें- आपदा के लिए कितना तैयार उत्तराखंड, क्या बैठकों से जीतेगी 'जंग'?

गौर हो कि हर महीने होने वाली लकड़ी नीलामी कोरोना महामारी के चलते टाली गई थी, लेकिन आज करीब 5 करोड़ के आस-पास की लकड़ी की नीलामी होनी थी, जिसका कारोबारियों ने बहिष्कार किया है.

हल्द्वानी: लालकुआं के वन विकास निगम लकड़ी डिपो में आज लकड़ी की नीलामी होनी थी, लेकिन लकड़ी कारोबारियों ने नीलामी का बहिष्कार किया है. लकड़ी कारोबारियों ने नीलामी का बहिष्कार करते हुए वन विकास निगम पर आरोप लगाया है कि देश में मंडी शुल्क खत्म होने के बावजूद निगम लकड़ी नीलामी में मंडी शुल्क के नाम पर ढाई प्रतिशत शुल्क वसूल रहा है.

कारोबारियों ने किया लकड़ी नीलामी का बहिष्कार.

लकड़ी कारोबारियों का कहना है कि उत्तराखंड में लकड़ी की नीलामी उत्तर प्रदेश एक्ट के तहत ही की जाती है. उत्तर प्रदेश में मंडी शुल्क खत्म कर दी गई है, जबकि केंद्र सरकार ने देश के सभी मंडियों से मंडी शुल्क खत्म कर दिया है. बावजूद वन विकास निगम हल्द्वानी मंडी शुल्क के नाम पर नीलामी में ढाई प्रतिशत शुल्क ले रहा है, जिसका उन्होंने विरोध किया है.

लकड़ी कारोबारियों का कहना है कि वन विकास निगम शासनादेश नहीं पहुंचने का हवाला देकर मंडी शुल्क ले रहा है, ऐसे में लकड़ी कारोबारियों से मंडी शुल्क गलत तरीके से लिया जा रहा है. लकड़ी कारोबारियों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए कहा है कि वन विकास निगम जब तक मंडी शुल्क खत्म नहीं करेगा तब तक लकड़ी कारोबारी लकड़ी की नीलामी में प्रतिभाग नहीं करेंगे.

पढ़ें- आपदा के लिए कितना तैयार उत्तराखंड, क्या बैठकों से जीतेगी 'जंग'?

गौर हो कि हर महीने होने वाली लकड़ी नीलामी कोरोना महामारी के चलते टाली गई थी, लेकिन आज करीब 5 करोड़ के आस-पास की लकड़ी की नीलामी होनी थी, जिसका कारोबारियों ने बहिष्कार किया है.

Last Updated : Jul 8, 2020, 9:02 PM IST
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