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करवाचौथ सामग्री पर ऐपण कला का तड़का, महिलाएं खूब कर रही पसंद - Preparations for karva chauth haldwani news

सुहागिनों का त्योहार करवा चौथ 4 नवंबर को मनाया जाना है. ऐसे में हल्द्वानी की महिला सहायता समूह करवा चौथ पूजा में लगने वाले थाली और लोटे छलनी को पारंपरिक कुमाऊंनी रूप से सजाने का काम कर रही हैं. पूजा में लगने वाले बर्तनों

Kumaoni Thali for karva chauth news
कुमाऊंनी रूप से सजाए जा रहे पूजा में लगने वाले बर्तन.
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Published : Oct 24, 2020, 2:30 PM IST

हल्द्वानी: नवरात्री का त्योहार समाप्त होते ही करवाचौथ का पर्व मनाया जाता है. इस व्रत को सुहागिन महिलाएं अपने पति की दीर्घ आयु के लिए रखती हैं. इस बार करवाचौथ का व्रत 4 नवंबर को रखा जाएगा. जिसको लेकर शहर की महिला सहायता समूह करवाचौथ पूजा में लगने वाली थाली, लोटे और छलनी को पारंपरिक कुंमाऊनी संस्कृति के अनुरूप ऐपण कला से संजो रही हैं.

शहर की गिरजा बुटीक और महिला विकास संस्था करवा चौथ के त्योहार को सुहागिनी महिलाओं के लिए खास बनाने में जुटी हुई हैं. महिला संस्था करवाचौथ व्रत में प्रयोग होने वाली थाली, लोटे, और छलनी को कुंमाऊनी संस्कृति ऐपण कला से सजाकर बजार में बेचने का काम कर रही है. इस स्पेशल थाली, लोटे और छलनी की बाजारों में खूब डिमांड भी आ रही है.

Kumaoni Thali for karva chauth news
कुमाऊंनी रूप से सजाए जा रहे पूजा में लगने वाले बर्तन.

जागृति सहायता समूह की अध्यक्ष मनीषा पांडे ने बताया कि सभी सहायता समूह की महिलाएं उत्तराखंड की परंपरिक उत्पादकों के साथ-साथ मोमबत्ती, अचार, सिलाई-कढ़ाई सहित उत्पादन को तैयार कर रही हैं. ऐसे में सहायता समूह ने करवाचौथ के मौके पर सुहागिन महिलाओं के लिए पूजा की थाली और लोटे को परंपरिक रुप से सजाने का काम कर रही है.

यह भी पढे़ं-शारदीय नवरात्रि का आज आठवां दिवस, जाने कैसे करें मां गौरी की पूजा

वहीं, उन्होंने बताया कि बाजारों से स्टील की थाली लौटे और छलनी खरीद कर संस्था द्वारा लाया जा रहा है. जिसके बाद ऐपण कला पेंटिंग और कुमाऊंनी संस्कृति के माध्यम से सजाई जा रही है. जिसकी बाजारों में खूब डिमांड आ रही है. साथ ही सहायता समूह अपने फेसबुक और वेबसाइट के माध्यम से भी करवाचौथ पूजा की थाली, लोटे और छलनी को बेचने का काम कर रही हैं

हल्द्वानी: नवरात्री का त्योहार समाप्त होते ही करवाचौथ का पर्व मनाया जाता है. इस व्रत को सुहागिन महिलाएं अपने पति की दीर्घ आयु के लिए रखती हैं. इस बार करवाचौथ का व्रत 4 नवंबर को रखा जाएगा. जिसको लेकर शहर की महिला सहायता समूह करवाचौथ पूजा में लगने वाली थाली, लोटे और छलनी को पारंपरिक कुंमाऊनी संस्कृति के अनुरूप ऐपण कला से संजो रही हैं.

शहर की गिरजा बुटीक और महिला विकास संस्था करवा चौथ के त्योहार को सुहागिनी महिलाओं के लिए खास बनाने में जुटी हुई हैं. महिला संस्था करवाचौथ व्रत में प्रयोग होने वाली थाली, लोटे, और छलनी को कुंमाऊनी संस्कृति ऐपण कला से सजाकर बजार में बेचने का काम कर रही है. इस स्पेशल थाली, लोटे और छलनी की बाजारों में खूब डिमांड भी आ रही है.

Kumaoni Thali for karva chauth news
कुमाऊंनी रूप से सजाए जा रहे पूजा में लगने वाले बर्तन.

जागृति सहायता समूह की अध्यक्ष मनीषा पांडे ने बताया कि सभी सहायता समूह की महिलाएं उत्तराखंड की परंपरिक उत्पादकों के साथ-साथ मोमबत्ती, अचार, सिलाई-कढ़ाई सहित उत्पादन को तैयार कर रही हैं. ऐसे में सहायता समूह ने करवाचौथ के मौके पर सुहागिन महिलाओं के लिए पूजा की थाली और लोटे को परंपरिक रुप से सजाने का काम कर रही है.

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वहीं, उन्होंने बताया कि बाजारों से स्टील की थाली लौटे और छलनी खरीद कर संस्था द्वारा लाया जा रहा है. जिसके बाद ऐपण कला पेंटिंग और कुमाऊंनी संस्कृति के माध्यम से सजाई जा रही है. जिसकी बाजारों में खूब डिमांड आ रही है. साथ ही सहायता समूह अपने फेसबुक और वेबसाइट के माध्यम से भी करवाचौथ पूजा की थाली, लोटे और छलनी को बेचने का काम कर रही हैं

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