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तीन साल बाद भी महिला जिप्सी चालकों को नहीं मिले वाहन, बोले- घर चलाना हो गया है मुश्किल - कॉर्बेट नेशनल पार्क

प्रशिक्षित महिला जिप्सी चालकों को तीन साल बीत जाने के बाद भी वाहन उपलब्ध नहीं हो पाए हैं, जिससे उनमें खासा रोष है. महिलाओं ने कहा कि उन्हें रोजगार ना मिलने से उनकी आर्थिकी पर इसका असर पड़ रहा है. लिहाजा जब तक वाहन उपलब्ध नहीं होते, उन्हें टूरिस्ट गाइड के पद पर तैनात किया जाए.

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Published : Jul 1, 2023, 9:41 AM IST

Updated : Jul 1, 2023, 11:15 AM IST

महिला जिप्सी चालकों को नहीं मिले वाहन

रामनगर: महिलाओं को रोजगार से जोड़ने की पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की मुहिम परवान नहीं चढ़ पा रही है. ट्रेनिंग और तीन साल बीत जाने के बाद भी महिला चालक जिप्सियों का इंतजार कर रही हैं. साथ ही महिलाएं अधिकारियों के चक्कर काटने को मजबूर हैं.

लंबे समय से जिप्सियों का इंतजार कर रही दर्जनों महिला जिप्सी चालकों ने कॉर्बेट नेशनल पार्क के निदेशक डॉ. धीरज पांडे का घेराव कर उन्हें ज्ञापन सौंपा. महिला जिप्सी चालक पारुल ठाकुर ने बताया कि कॉर्बेट पार्क में महिला जिप्सी चालकों की तैनाती को लेकर पूर्व में उन्हें प्रशिक्षण दिया गया था. उनका कहना है कि आज 3 साल बीतने के बाद भी महिला जिप्सी चालकों को तैनाती नहीं मिल पाई है. जिस कारण महिलाएं बेरोजगारी के कगार पर हैं.उन्होंने कहा कि उन्हें नियुक्ति के नाम पर महज आश्वासन ही दिया जाता रहा है.
पढ़ें-कॉर्बेट पार्क के कालागढ़ में फंदे में फंसी बाघिन, रेस्क्यू के बाद किया जा रहा इलाज

महिला जिप्सी चालकों ने कहा कि जब तक पार्क में जिप्सी उपलब्ध नहीं हो जाते, तब तक उन्हें महिला गाइड के रूप में वैकल्पिक तौर पर तैनात कर रोजगार दिया जाए. यदि ऐसा नहीं हुआ तो वह धरना-प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होंगी. महिला जिप्सी चालकों की मांग को गंभीरता से लेते हुए कॉर्बेट पार्क के निदेशक डॉ. धीरज पांडे ने कहा कि आगामी कुछ माह में पार्क प्रशासन को वाहन उपलब्ध होने की संभावना है. जिसको लेकर उच्च स्तर पर अधिकारियों से वार्ता जारी है. उन्होंने कहा कि जब तक वाहन उपलब्ध नहीं हो जाते तब तक पार्क प्रशासन द्वारा महिला जिप्सी चालकों को गाइड की ट्रेनिंग दी जाएगी. वैकल्पिक तौर पर उन्हें गाइड के रूप में तैनात किया जाएगा.
पढ़ें-पर्यटकों के लिए बंद हुआ कॉर्बेट नेशनल पार्क का ढिकाला जोन, जानें कब हो सकेंगे बाघों का दीदार

बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की घोषणा के बाद कॉर्बेट नेशनल पार्क में 50 महिला जिप्सी चालकों का चयन किया गया था. जिसमें से 25 महिलाओं को जिप्सी चलाने की ट्रेनिंग भी दी जा चुकी थी. लेकिन 25 महिलाओं को अभी तक उनकी जिप्सियां नहीं मिल पाई हैं.इसमें महिलाओं को कॉर्बेट प्रशासन द्वारा वीर चंद सिंह गढ़वाली योजना के तहत जिप्सियां भी ऋण में उपलब्ध करवानी थी, जिसका कार्य रुका हुआ है. इसका मुख्य कारण यह भी है कि कंपनी ने जिप्सियां बनाना बंद कर दिया है, जिसकी वजह से यह मामला लंबित पड़ा हुआ है.

महिला जिप्सी चालकों को नहीं मिले वाहन

रामनगर: महिलाओं को रोजगार से जोड़ने की पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की मुहिम परवान नहीं चढ़ पा रही है. ट्रेनिंग और तीन साल बीत जाने के बाद भी महिला चालक जिप्सियों का इंतजार कर रही हैं. साथ ही महिलाएं अधिकारियों के चक्कर काटने को मजबूर हैं.

लंबे समय से जिप्सियों का इंतजार कर रही दर्जनों महिला जिप्सी चालकों ने कॉर्बेट नेशनल पार्क के निदेशक डॉ. धीरज पांडे का घेराव कर उन्हें ज्ञापन सौंपा. महिला जिप्सी चालक पारुल ठाकुर ने बताया कि कॉर्बेट पार्क में महिला जिप्सी चालकों की तैनाती को लेकर पूर्व में उन्हें प्रशिक्षण दिया गया था. उनका कहना है कि आज 3 साल बीतने के बाद भी महिला जिप्सी चालकों को तैनाती नहीं मिल पाई है. जिस कारण महिलाएं बेरोजगारी के कगार पर हैं.उन्होंने कहा कि उन्हें नियुक्ति के नाम पर महज आश्वासन ही दिया जाता रहा है.
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महिला जिप्सी चालकों ने कहा कि जब तक पार्क में जिप्सी उपलब्ध नहीं हो जाते, तब तक उन्हें महिला गाइड के रूप में वैकल्पिक तौर पर तैनात कर रोजगार दिया जाए. यदि ऐसा नहीं हुआ तो वह धरना-प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होंगी. महिला जिप्सी चालकों की मांग को गंभीरता से लेते हुए कॉर्बेट पार्क के निदेशक डॉ. धीरज पांडे ने कहा कि आगामी कुछ माह में पार्क प्रशासन को वाहन उपलब्ध होने की संभावना है. जिसको लेकर उच्च स्तर पर अधिकारियों से वार्ता जारी है. उन्होंने कहा कि जब तक वाहन उपलब्ध नहीं हो जाते तब तक पार्क प्रशासन द्वारा महिला जिप्सी चालकों को गाइड की ट्रेनिंग दी जाएगी. वैकल्पिक तौर पर उन्हें गाइड के रूप में तैनात किया जाएगा.
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बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की घोषणा के बाद कॉर्बेट नेशनल पार्क में 50 महिला जिप्सी चालकों का चयन किया गया था. जिसमें से 25 महिलाओं को जिप्सी चलाने की ट्रेनिंग भी दी जा चुकी थी. लेकिन 25 महिलाओं को अभी तक उनकी जिप्सियां नहीं मिल पाई हैं.इसमें महिलाओं को कॉर्बेट प्रशासन द्वारा वीर चंद सिंह गढ़वाली योजना के तहत जिप्सियां भी ऋण में उपलब्ध करवानी थी, जिसका कार्य रुका हुआ है. इसका मुख्य कारण यह भी है कि कंपनी ने जिप्सियां बनाना बंद कर दिया है, जिसकी वजह से यह मामला लंबित पड़ा हुआ है.

Last Updated : Jul 1, 2023, 11:15 AM IST
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