ETV Bharat / state

Holi Festival 2023: कुमाऊंनी होली की साड़ी और गोलबंद बनी महिलाओं की पहली पसंद, जानिए खासियत

उत्तराखंड में कुमाऊंनी होली काफी फेमस है. इस दौरान महिलाएं खास तरह की साड़ी और गोलबंद पहनती हैं. जिसे कुमाऊंनी संस्कृति का प्रतीक माना जाता है. इनदिनों कुमाऊं में महिलाएं यही साड़ी पहनकर होली के गीतों में झूम रही हैं. जानिए इस साड़ी की खासियत.

Kumaoni Holi
कुमाऊंनी होली
author img

By

Published : Feb 27, 2023, 3:39 PM IST

Updated : Feb 27, 2023, 4:23 PM IST

कुमाऊंनी होली की साड़ी और गोलबंद में सजी महिलाएं.

हल्द्वानी: रंगों का त्यौहार होली को कुछ दिन ही बचे हैं, लेकिन उत्तराखंड में होली के महोत्सव अपने शबाब पर हैं. खासकर कुमाऊं में तो अभी से होली की धूम है. जिसमें महिलाओं की पारंपरिक होली की बात ही निराली है. यहां महिलाएं अपनी पारंपरिक कुमाऊंनी होली की साड़ी पहनकर खड़ी और बैठकी होली में हिस्सा ले रही हैं. जिससे माहौल होलीमय हो गया है. वहीं, महिलाओं में कुमाऊंनी होली की साड़ी और गले में गोलबंद उनकी सुंदरता में चार चांद लगा रहा है.

होली की पारंपरिक कुमाऊंनी साड़ी होलियार महिलाओं की पहचान बन चुकी है. इन दिनों जगह-जगह महिलाओं की सामूहिक रूप से बैठकी होली चल रही है. जहां पारंपरिक होली की साड़ी और गले में गोलबंद महिलाओं की पहली पसंद बनी हुई है. हल्द्वानी के बाजारों में होली की साड़ी की डिमांड बढ़ी है. बाजार भी इस साड़ी से पटे हुए नजर आ रहे हैं. महिलाएं भी साड़ी खरीदने पहुंच रही हैं, जिससे अभी से ही नजारा होली में रंगा नजर आ रहा है.
ये भी पढ़ेंः पहाड़ में अबीर-गुलाल नहीं, शास्त्रीय गीतों से मनाई जाती है होली, सजती है ठुमरियों और राग-रागनियों की महफिल

होलियार महिलाओं का कहना है कि कुमाऊंनी होली में पारंपरिक परिधान का काफी महत्व है. अपनी संस्कृति को देखते हुए होलियार महिलाएं कुमाऊंनी वेशभूषा के अनुसार होली का वस्त्र धारण करती हैं. इससे पहाड़ी संस्कृति का प्रचार प्रसार भी हो जाता है. यह साड़ी खासकर होली के मौके पर पहनी जाती है. यह साड़ी मुख्यत लाल और सफेद रंग की होती है. इनमें सफेद साड़ी के ऊपर लाल रंग के बुरांस और गुलाब के फूल बने होते हैं. यह साड़ियां सिंथेटिक, सूती और सिल्क में बनाई जाती हैं.

हल्द्वानी के साड़ी विक्रेता रवि थरेजा का कहना है कि बीते दो साल कोरोना महामारी के चलते साड़ियां नहीं मिल पाई थी. जहां बाजारों में साड़ियों की भारी कमी देखी गई, लेकिन इस बार भरपूर मात्रा में सूरत से साड़ियां उत्तराखंड पहुंची हैं, जो कुमाऊं संस्कृति में है. इस बार साड़ियों की डिमांड भी काफी मिल रही है. बाजार में ₹200 से लेकर ₹300 तक की साड़ी उपलब्ध है. जिसे महिलाएं अपने समूह के डिजाइन के अनुसार खरीद रही हैं.
ये भी पढ़ेंः Holi Best Sweets : इन पकवानों से रिश्तों में बढ़ेगी मिठास, जानें बनाने की विधि

कुमाऊंनी होली की साड़ी और गोलबंद में सजी महिलाएं.

हल्द्वानी: रंगों का त्यौहार होली को कुछ दिन ही बचे हैं, लेकिन उत्तराखंड में होली के महोत्सव अपने शबाब पर हैं. खासकर कुमाऊं में तो अभी से होली की धूम है. जिसमें महिलाओं की पारंपरिक होली की बात ही निराली है. यहां महिलाएं अपनी पारंपरिक कुमाऊंनी होली की साड़ी पहनकर खड़ी और बैठकी होली में हिस्सा ले रही हैं. जिससे माहौल होलीमय हो गया है. वहीं, महिलाओं में कुमाऊंनी होली की साड़ी और गले में गोलबंद उनकी सुंदरता में चार चांद लगा रहा है.

होली की पारंपरिक कुमाऊंनी साड़ी होलियार महिलाओं की पहचान बन चुकी है. इन दिनों जगह-जगह महिलाओं की सामूहिक रूप से बैठकी होली चल रही है. जहां पारंपरिक होली की साड़ी और गले में गोलबंद महिलाओं की पहली पसंद बनी हुई है. हल्द्वानी के बाजारों में होली की साड़ी की डिमांड बढ़ी है. बाजार भी इस साड़ी से पटे हुए नजर आ रहे हैं. महिलाएं भी साड़ी खरीदने पहुंच रही हैं, जिससे अभी से ही नजारा होली में रंगा नजर आ रहा है.
ये भी पढ़ेंः पहाड़ में अबीर-गुलाल नहीं, शास्त्रीय गीतों से मनाई जाती है होली, सजती है ठुमरियों और राग-रागनियों की महफिल

होलियार महिलाओं का कहना है कि कुमाऊंनी होली में पारंपरिक परिधान का काफी महत्व है. अपनी संस्कृति को देखते हुए होलियार महिलाएं कुमाऊंनी वेशभूषा के अनुसार होली का वस्त्र धारण करती हैं. इससे पहाड़ी संस्कृति का प्रचार प्रसार भी हो जाता है. यह साड़ी खासकर होली के मौके पर पहनी जाती है. यह साड़ी मुख्यत लाल और सफेद रंग की होती है. इनमें सफेद साड़ी के ऊपर लाल रंग के बुरांस और गुलाब के फूल बने होते हैं. यह साड़ियां सिंथेटिक, सूती और सिल्क में बनाई जाती हैं.

हल्द्वानी के साड़ी विक्रेता रवि थरेजा का कहना है कि बीते दो साल कोरोना महामारी के चलते साड़ियां नहीं मिल पाई थी. जहां बाजारों में साड़ियों की भारी कमी देखी गई, लेकिन इस बार भरपूर मात्रा में सूरत से साड़ियां उत्तराखंड पहुंची हैं, जो कुमाऊं संस्कृति में है. इस बार साड़ियों की डिमांड भी काफी मिल रही है. बाजार में ₹200 से लेकर ₹300 तक की साड़ी उपलब्ध है. जिसे महिलाएं अपने समूह के डिजाइन के अनुसार खरीद रही हैं.
ये भी पढ़ेंः Holi Best Sweets : इन पकवानों से रिश्तों में बढ़ेगी मिठास, जानें बनाने की विधि

Last Updated : Feb 27, 2023, 4:23 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.