हल्द्वानी: ठगी और धोखाधड़ी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. धोखाधड़ी से बचने के लिए पुलिस लगातार लोगों को जागरुक भी कर रही है लेकिन लोग जालसाजों के झांसे में आकर अपनी जमा पूंजी गंवा रहे हैं. ताजा मामले में हल्द्वानी कोतवाली क्षेत्र की एक एक महिला देवकी से 35 लाख की ठगी की गई है.
दरअसल, महिला को बैंक में 7 करोड़ की ओडी लिमिट बनाने का झांसा देकर 35 लाख रुपये ठगे गए हैं. पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है. पीड़िता महिला देवकी ने पुलिस को बताया कि नवाबी रोड निवासी उसकी मित्र सुषमा ने उसकी मुलाकात रामकिशन नाम के व्यक्ति से करवाई. रामकिशन ने देवकी को बैंक आफ बड़ौदा से 7 करोड़ की ओडी सीमा (ओवरड्राफ्ट लिमिट) बनाने का भरोसा दिलाया और इसके एवज में 55 लाख रुपये खर्च होने की बात कही.
पीड़ित महिला देवकी ने रामकिशन के कहने पर मनोज कुमार नाम के व्यक्ति के अंकाउट में 54000 रुपये ट्रांसफर किए. इस दौरान रामकिशन ने महिला से लोन के लिए सभी तरह के डॉक्यूमेंट ले लिए. लोन की प्रक्रिया के तौर पर मनोज के कहने पर ही देवकी ने बैंक के वरिष्ठ अधिकारी व अन्य लोगों के एकाउंट में 35 लाख रुपये और डाले.
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वहीं, जिन लोगों को रामकिशन ने बैंक का अधिकारी बताकर उनके एकाउंट में पैसे डलवाए थे, जब महिला उन बैंक अधिकारियों से मिलने देहरादून गई तो उनमें से कोई भी व्यक्ति बैंक में कार्यरत नहीं था. जब देवकी ने रामकिशन से पूरे मामले में बात की तो रामकिशन टालमटोल करने लगा.
महिला का कहना है कि अब न ही रामकिशन पैसा लौटा रहा है न ही लोन दिलवा रहा है. यहां तक कि अब रामकिशन उसे मारने की धमकी भी दे रहा है. पूरे मामले पर कोतवाली प्रभारी हरेंद्र चौधरी का कहना है कि मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है. आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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क्या होती है ओडी सीमा: ओडी या ओवरड्राफ्ट लिमिट ग्राहकों को उनके बैंक खाते से स्वीकृत सीमा तक धन का उपयोग करने या निकालने की अनुमति देती है, भले ही आपके पास कोई खाता शेष न हो. दरअसल, बैंक या नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (NBFC) अपने ग्राहकों अचानक पैसे की जरूरत पड़ने पर को ये सुविधा देती हैं. यह एक तरह का लोन ही होता है. इस सुविधा के जरिए ग्राहक अपने बैंक अकाउंट में मौजूदा बैलेंस से ज्यादा पैसे निकाल सकते हैं. इसमें से जितना पैसा निकाला जाता है या इस्तेमाल होता है, उसे एक तय सीमा के अंदर चुकाना होता है. इस पर एक निश्चित ब्याज दर भी लगती है जो डेली बेसिस पर कैलकुलेट होता है.