ETV Bharat / state

आग ने छिना जंगली जानवरों का आशियाना, आबादी वाले इलाके में खींच ला रही भूख-प्यास

इन दिनों उत्तराखंड के जंगल आग से धधक रहे हैं. जंगलों में आग लगने से जंगली जानवर आबादी का रुख कर रहे हैं. साथ ही प्राकृतिक जल स्रोतों का पानी सूख जाने से जंगली जानवर प्यास बुझाने के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं.

जंगलों में आग लगने से जंगली जानवर परेशान.
author img

By

Published : May 16, 2019, 9:09 AM IST

हल्द्वानी: देवभूमि उत्तराखंड में गर्मी की तपिश लोगों की मुश्किलें बढ़ा रही है. वहीं पर्वतीय क्षेत्रों में मौसम लगातार करवट बदल रहा है. हल्द्वानी और उसके आसपास के इलाकों में तापमान 41 डिग्री से ऊपर पहुंच चुका है. जंगलों में लगातार आग लगने के चलते जंगली जानवर प्यास बुझाने के लिए नदी ,नालों और आबादी वाले इलाकों की ओर रुख कर रहे हैं.

गौर हो कि इन दिनों उत्तराखंड के जंगल आग से धधक रहे हैं. जंगलों में आग लगने से जंगली जानवर आबादी का रुख कर रहे हैं. साथ ही प्राकृतिक जल स्रोतों का पानी सूख जाने से जंगली जानवर प्यास बुझाने के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं. जिससे वन्यजीव और मानव संघर्ष होने का खतरा बना रहता है. गर्मी की उमस व भोजन पानी की तलाश जंगली जानवरों की आबादी की ओर खींच लाती है. वहीं जंगली जानवरों की इस बाहरी उछल कूद से वन महकमा अनजान बना हुआ है. जंगली जानवरों का इस तरह से गर्मी से बचने और पानी के लिए भटकना वन विभाग के दावों की भी पोल खोल रहा है.

उत्तराखंड में जंगलों में धधक रही आग.

वहीं प्रभागीय वन अधिकारी नीतीश मणि त्रिपाठी का कहना है कि वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए विभाग लगातार काम कर रहा है. जंगलों में जंगली जानवरों को पीने के पानी के लिए 48 वॉटर टैंक बनाए गए हैं. जिसमें 36 टैंकरों के माध्यम से समय-समय पर पानी डाला जाता है. बरहाल जंगलों में भड़की आग को रोक पाने के लिए वन विभाग पूरी तरह से नाकाम साबित हो रहा है. जिससे तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है. वहीं जंगल की आग से इंसानों के साथ ही बेजुबान जानवर परेशान हैं.

हल्द्वानी: देवभूमि उत्तराखंड में गर्मी की तपिश लोगों की मुश्किलें बढ़ा रही है. वहीं पर्वतीय क्षेत्रों में मौसम लगातार करवट बदल रहा है. हल्द्वानी और उसके आसपास के इलाकों में तापमान 41 डिग्री से ऊपर पहुंच चुका है. जंगलों में लगातार आग लगने के चलते जंगली जानवर प्यास बुझाने के लिए नदी ,नालों और आबादी वाले इलाकों की ओर रुख कर रहे हैं.

गौर हो कि इन दिनों उत्तराखंड के जंगल आग से धधक रहे हैं. जंगलों में आग लगने से जंगली जानवर आबादी का रुख कर रहे हैं. साथ ही प्राकृतिक जल स्रोतों का पानी सूख जाने से जंगली जानवर प्यास बुझाने के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं. जिससे वन्यजीव और मानव संघर्ष होने का खतरा बना रहता है. गर्मी की उमस व भोजन पानी की तलाश जंगली जानवरों की आबादी की ओर खींच लाती है. वहीं जंगली जानवरों की इस बाहरी उछल कूद से वन महकमा अनजान बना हुआ है. जंगली जानवरों का इस तरह से गर्मी से बचने और पानी के लिए भटकना वन विभाग के दावों की भी पोल खोल रहा है.

उत्तराखंड में जंगलों में धधक रही आग.

वहीं प्रभागीय वन अधिकारी नीतीश मणि त्रिपाठी का कहना है कि वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए विभाग लगातार काम कर रहा है. जंगलों में जंगली जानवरों को पीने के पानी के लिए 48 वॉटर टैंक बनाए गए हैं. जिसमें 36 टैंकरों के माध्यम से समय-समय पर पानी डाला जाता है. बरहाल जंगलों में भड़की आग को रोक पाने के लिए वन विभाग पूरी तरह से नाकाम साबित हो रहा है. जिससे तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है. वहीं जंगल की आग से इंसानों के साथ ही बेजुबान जानवर परेशान हैं.

Intro: स्लग- तापमान बढ़ने से जंगली जानवर परेशान ( खबर की विजुअल बाइट मेल से उठाएं) रिपोर्टर -भावनाथ पंडित/ हल्द्वानी एंकर- गर्मी अपने चरम पर है लगातार तापमान में वृद्धि हो रहा है हल्द्वानी और उसके आसपास के इलाकों में तापमान 41 डिग्री से ऊपर पहुंच चुका है। धूप और गर्मी से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। जंगलों में लगातार आग के चलते जंगली जानवर गर्मी और अपना बचाने प्यास बुझाने के लिए नदी ,नालों और आबादी वाले इलाकों की ओर रुख कर रहे हैं। देखिए एक रिपोर्ट


Body:गर्मी अपने चरम पर है जंगल लगातार धधक रहे हैं ऐसे में जंगलों में गर्मी बढ़ गई है । साथ ही जंगलों में जंगली जानवरों के पीने के लिए पानी का संकट भी गहरा गया है जिसके चलते वन्य जीव नदियों नालो और और आबादी वाले इलाके की ओर रुख कर रहे हैं । वन्य जीव भी समझ चुके हैं कि जंगल में भीषण आग लगी हुई है उनका यहां रहना उचित नहीं है। ऐसे में वन्य जीव अपने झुण्डों के साथ गर्मी से बचने और पानी की तलाश में इधर-उधर भटक रहे हैं। वन्यजीवों को इधर उधर भटकने से साफ जाहिर हो चुका है कि वन्य जीव गर्मी और पानी के लिए परेशान हैं। जंगली जानवरों के इस तरह से गर्मी से बचने और पानी के लिए भटकना वन विभाग के दावों को भी पोल खोल रहा है जो जंगलों में वाटर टैंक, हौद बनाने का दावा करता है। वहीं प्रभागीय वन अधिकारी नीतीश मणि त्रिपाठी का कहना है कि वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए विभाग लगातार काम कर रहा है। जंगलों में जंगली जानवरों को पीने के पानी के लिए 48 वाटर टैंक बनाए गए हैं जिसमें 36 टैंकरों के माध्यम से समय-समय पर पानी डाला जाता है। बाइट- नीतीश मणि त्रिपाठी डीएफओ हल्द्वानी और तराई पूर्वी वन प्रभाग


Conclusion:बरहाल जंगलों में भड़की आग पर रोक पाने के लिए वन विभाग पूरी तरह से नाकाम साबित हो रहा है। तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है। जंगल में लगी आग के धुए से आम जनजीवन भी परेशान है। लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी उन बेजुबानो को हो रही है जो जंगलों से अपना आशियाना छोड़ नदी नालों और आबादी की ओर रुख कर रहे हैं।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.