नैनीताल: बीते 5 सालों से नैनीझील का जलस्तर लगातार गिर रहा है. देश-दुनिया के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र नैनी झील का गिरता जलस्तर एक बार फिर स्थानीय लोगों के साथ-साथ पर्यटकों के लिए भी चिंता की वजह बनता जा रहा है. वहीं गिरता जलस्तर नैनीझील के अस्तित्व के लिये खतरा माना जा रहा है.
दरअसल, पिछले कुछ सालों से बारिश कम होने के कारण नैनीझील को रिचार्ज करने वाली झीलें खाली हो रही है. जिससे नैनीझील के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है. फरवरी महीने से ही नैनीझील में डेल्टा उभरने लगा है. जिसके चलते झीलों की सुन्दरता में भी ग्रहण लगने लगा है.
नैनीताल के आस-पास करीब 12 से अधिक छोटे-छोटे तालाब यानि रिचार्ज झीले हैं. जिनमें बरसात के समय पानी भरता है और सालभर तक नैनीझील में रिसकर आता है. लेकिन अब ये झीलें मलवे से भर चुकी हैं. जिस कारण इन नैनीझील में पानी नहीं पहुंच रहा है.
वहीं दूसरी तरफ झील के आस-पास हुए सीसी मार्गों और भवनों के निमार्ण की वजह से बरसात का पानी इन रीचार्ज झीलों में जमा नहीं हो पा रहा है. जो आने वाले समय में नैनीझील के अस्तित्व के लिए बड़ा खतरा माना जा रहा है.
नैनीझील पर लंबे समय से अध्ययन कर रहे प्रोफेसर बीएस कोटलिया मानते है कि नैनीताल समेत आस-पास के जंगलों में पहले केवल कच्चे रास्ते थे. लेकिन बदलते समय के साथ-साथ लोगों ने जंगलों को कंक्रीट में बदल दिया है. गिरते जलस्तर का असर सीधे शहरवासियों पर पड़ेगा.