नैनीताल: मौसम की बेरुखी का असर किसानों के साथ-साथ अब नैनीझील के जलस्तर पर देखने को मिल रहा है. बीते लंबे समय से बारिश और बर्फबारी ना होने के चलते अधिकांश जल स्रोत सूखने की कगार पर जा पहुंचे हैं. वहीं नैनीझील का जलस्तर घटकर 7 फीट पहुंच गया है. रोजाना नैनी झील के जलस्तर में 4 इंच से 6 इंच तक की गिरावट दर्ज की जा रही है.
लगातार घट रहा झील का जलस्तर: नैनीताल शहर के इर्द-गिर्द जल स्रोतों पर निर्भर रहने वाले वाले क्षेत्रीय लोगों के सामने पेयजल संकट भी खड़ा हो गया है. अगर आंकड़ों की बात करें साल 2022 के जनवरी माह में नैनीझील का जलस्तर 9 फीट 3 इंच था और झील पूरी तरह से लबालब भरी थी. लेकिन इस साल बारिश और बर्फबारी ना होने के चलते नैनीझील का जलस्तर 7 फीट रह गया है. जिससे आने वाले समय में स्थानीय लोगों के साथ-साथ नैनीताल आने वाले पर्यटकों के सामने पेयजल का संकट खड़ा हो सकता है.
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खतरे की घंटी से कम नहीं: बारिश और बर्फबारी ना होने से नैनीझील ही नहीं सूख रही बल्कि नैनीताल जिले के काश्तकार भी काफी मायूस नजर आ रहे हैं. नैनीताल के पहाड़ी क्षेत्रों में भी बारिश और बर्फबारी ना होने से एक रामगढ़, मुक्तेश्वर, धारी समेत आसपास के क्षेत्रों में होने वाले पहाड़ी फल आडू, काफल, पुलम, खुमानी, सेब, नाशपाती की खेती पूरी तरह से सूखने की कगार पर जा पहुंची है. इससे पहाड़ के काश्तकारों के सामने सूखे का संकट खड़ा हो गया है.
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सूखाताल समेत आसपास कि रिचार्ज झीलें भी खाली: नैनीझील को साल भर पानी देने वाले अन्य जल स्रोतों को रिचार्ज करने वाली रिचार्ज झील यानी कैचमेंट एरिया इन दिनों पूरी तरह से खाली हैं. जिससे नैनीझील के जलस्तर में कमी देखने को मिल रही है. अगर समय रहते नैनीताल में बारिश और बर्फबारी नहीं हुई तो गर्मियों में नैनीताल वासियों को पेयजल संकट से जूझना पड़ेगा.
10 सालों में झील का जलस्तर और बारिश: 10 सालों में नैनीझील का जलस्तर और बारिश का आंकड़ा क्या रहा आपको बताते हैं. जनवरी 2014 की बात करें तो झील में पानी का स्तर 4 फीट 9 इंच, जबकि 8 एमएम बारिश हुई. वहीं साल 2015 जनवरी में नैनीझील का स्तर 5 फीट 10 इंच और बारिश का स्तर 236 एमएम रहा. जनवरी 2016 में झील का स्तर 2 फीट 11 इंच, जबकि 10 एमएम बारिश हुई. वहीं साल 2017 जनवरी में झील का स्तर 8 इंच एवं बारिश 8 एमएम हुई. वहीं जनवरी 2018 नैनीझील का स्तर 3 फीट, 9 इंच, बारिश के स्तर की बात करें तो 0 एमएम हुई. साल 2019 जनवरी में झील का स्तर 6 फीट 1 इंच, जबकि बारिश 0 एमएम हुई. जनवरी 2020 में पानी का स्तर 6 फीट व बारिश 89 एमएम हुई. साल 2021 में नैनीझील का स्तर 5 फीट 1इंच व बारिश 42 एमएम हुई. जनवरी 2022 में झील में पानी का स्तर 9 फीट, 3 इंच व बारिश 82 एमएम हुई. इस साल 2023 जनवरी की बात करें तो नैनीझील का स्तर 7 फीट जबकि बारिश 1 एमएम दर्ज की गई है.
क्या कह रहे पर्यावरणविद: वहीं पर्यावरणविद अजय रावत कहते हैं कि बारिश और बर्फबारी ना होने के चलते नैनीझील का जल स्तर लगातार गिर रहा है. आने वाले पर्यटन सीजन व गर्मियों के दौरान नैनीताल के साथ-साथ झील के पानी का जलस्तर मैदानी क्षेत्र के हल्द्वानी, कालाढूंगी समेत आसपास के आबादी क्षेत्र के लोगों को प्रभावित करेगा. क्योंकि गर्मियों में नैनीताल की झील का पानी मैदानी क्षेत्रों के जल स्रोतों और नदियों को पानी देता है.