रामनगरः कॉर्बेट टाइगर रिजर्व (Corbett Tiger Reserve) के अंतर्गत पड़ने वाले गर्जिया गेट को दूसरी जगह शिफ्ट करने के खिलाफ ग्रामीण मुखर हो गए हैं. इसी कड़ी में कई गांव के लोग कॉर्बेट पार्क कार्यालय में गरजे और पार्क प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इतना ही नहीं आक्रोशित ग्रामीणों ने पार्क निदेशक धीरज पांडे का घेराव भी किया. साथ ही एक ज्ञापन भी सौंपा.
आक्रोशित ग्रामीणों का कहना था कि पार्क प्रशासन की ओर से पूर्व में मुख्यमंत्री की घोषणा के तहत कॉर्बेट पार्क के अंतर्गत गर्जिया का नया जोन खोला गया था. इसका संचालन भी गर्जिया (Garjia gate shifting case) से ही शुरू किया गया था, लेकिन कुछ महीने पहले पार्क प्रशासन ने इस गेट का संचालन बंद कर दिया था. साथ ही गेट को गर्जिया की जगह रिंगोडा से शुरू कर दिया. जिसका ग्रामीण लगातार विरोध कर रहे हैं. उनका ये भी कहना है कि गर्जिया गेट बंद होने से मानव वन्यजीव संघर्ष (Human Wildlife Conflict) भी बढ़ा है.
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ग्रामीणों का कहना है कि इस गेट का संचालन पहले की तरह ही गर्जिया से किया जाए. रिंगोडा से गेट का संचालन होने के बाद गर्जिया क्षेत्र के कई लोग बेरोजगार हो गए हैं. इससे पहले भी ग्रामीणों की ओर से आंदोलन किया गया था, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई. ग्रामीणों ने पार्क प्रशासन को 20 दिन का अल्टीमेटम दिया है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो पार्क कार्यालय के बाहर अनिश्चितकालीन धरना देने के लिए मजबूर होंगे.
क्या बोले पार्क अधिकारी? कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक धीरज पांडे का कहना है कि गेट का संचालन एनटीसीए से जारी गाइडलाइन के तहत किया गया है. ग्रामीणों ने जो ज्ञापन दिया है, उसे उच्चाधिकारियों को भेज दिया जाएगा. जल्द ही मामले का समाधान कराने का प्रयास किया जाएगा. इसके अलावा उन्होंने कहा कि धनगढ़ी क्षेत्र में लंबे समय से बाघ के आतंक को लेकर 3 टीमों का गठन कर दिया गया है. जिसमें 3 पशु चिकित्सक मौजूद रहेंगे. मौके पर लगाए गए कैमरा ट्रैप के माध्यम से हमलावर बाघ को चिह्नित कर लिया गया है. जल्द ही रेस्क्यू की कार्रवाई की जाएगी.