ETV Bharat / state

जगन्नाथपुर की ग्राम प्रधान को HC से मिली राहत, उधमसिंह नगर जिलाधिकारी के आदेश पर लगाई रोक

उत्तराखंड हाईकोर्ट (uttarakhand high court) ने उधमसिंह नगर जिले के जगन्नाथपुर की ग्राम प्रधान रमनीक शर्मा (Jagannathpur gram pradhan) को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने उधमसिंह नगर जिलाधिकारी के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें डीएम ने ग्राम प्रधान रमनीक शर्मा को उनसे पद से हटा दिया था. क्योंकि नामांकन के दौरान उन्होंने सही जाति प्रमाण-पत्र दाखिल नहीं किया था.

uttarakhand high court
उत्तराखंड हाईकोर्ट
author img

By

Published : Apr 12, 2022, 6:46 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट (uttarakhand high court) ने जिलाधिकारी उधमसिंह नगर (Udham Singh Nagar DM) के उस आदेश पर रोक लगाई है, जिसमें उन्होंने जगन्नाथपुर की ग्राम प्रधान रमनीक शर्मा (Jagannathpur gram pradhan) को उनके पद से हटाया था. साथ ही इस मामले में कोर्ट ने जिलाधिकारी को तीन हफ्ते में जवाब पेश करने के आदेश भी दिए हैं. मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ में हुई थी.

मामले के अनुसार 2019 के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में पिछड़ी जाति के लिए आरक्षित ग्राम पंचायत जगन्नाथपुर की ग्राम प्रधान की सीट पर रमनीक शर्मा ने भी प्रत्याशी के तौर पर नामांकन दाखिल किया था. चुनाव जीतने के बाद रमनीक शर्मा ग्राम प्रधान बन गईं थी. हालांकि बाद में उनके खिलाफ ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ी सरताजजहां ने आरोप लगाया था कि नामांकन के दौरान रमनीक शर्मा ने गलत जाति प्रमाण-पत्र पेश किया था, इसीलिए उनका नामांकन निरस्त होना चाहिए था.
पढ़ें- नैनीताल हाईकोर्ट में चुंगी व पार्किंग टेंडर मामले की सुनवाई, 18 अप्रैल तक पालिका से मांगा जवाब

सरताज जहां ने इस मामले में शासन-प्रशासन को कई शिकायती पत्र लिखे, लेकिन जब उन पर कोई सुनवाई नहीं हुई तो सरताजजहां ने नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. कोर्ट ने याचिका संख्या-225/(एम./एस.)/2021 सरताजजहां बनाम राज्य व अन्य में 30 जून 2021 को आदेश पारित आदेश के पालन में प्रशासन द्वारा 26 जुलाई 2021 को ग्राम प्रधान रमनीक शर्मा को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया.

रमनीक शर्मा की ओर से तीन अगस्त 2021 को जवाब दाखिल किया गया, जो कि तथ्यों एवं साक्ष्यों के आधार पर संतोषजनक व तर्कसंगत नहीं पाया गया और जिलाधिकारी युगल किशोर पंत ने त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन वर्ष 2019 में रमनीक शर्मा पत्नी विशाल शर्मा को उत्तराखंड पंचायतीराज अधिनियम 2016 धारा 10-क के उल्लंघन का दोषी मानते हुए उन्हें ग्राम पंचायत जगन्नाथपुर बाजपुर के प्रधान पद से पदमुक्त करने के आदेश निर्गत कर दिए थे.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट (uttarakhand high court) ने जिलाधिकारी उधमसिंह नगर (Udham Singh Nagar DM) के उस आदेश पर रोक लगाई है, जिसमें उन्होंने जगन्नाथपुर की ग्राम प्रधान रमनीक शर्मा (Jagannathpur gram pradhan) को उनके पद से हटाया था. साथ ही इस मामले में कोर्ट ने जिलाधिकारी को तीन हफ्ते में जवाब पेश करने के आदेश भी दिए हैं. मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ में हुई थी.

मामले के अनुसार 2019 के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में पिछड़ी जाति के लिए आरक्षित ग्राम पंचायत जगन्नाथपुर की ग्राम प्रधान की सीट पर रमनीक शर्मा ने भी प्रत्याशी के तौर पर नामांकन दाखिल किया था. चुनाव जीतने के बाद रमनीक शर्मा ग्राम प्रधान बन गईं थी. हालांकि बाद में उनके खिलाफ ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ी सरताजजहां ने आरोप लगाया था कि नामांकन के दौरान रमनीक शर्मा ने गलत जाति प्रमाण-पत्र पेश किया था, इसीलिए उनका नामांकन निरस्त होना चाहिए था.
पढ़ें- नैनीताल हाईकोर्ट में चुंगी व पार्किंग टेंडर मामले की सुनवाई, 18 अप्रैल तक पालिका से मांगा जवाब

सरताज जहां ने इस मामले में शासन-प्रशासन को कई शिकायती पत्र लिखे, लेकिन जब उन पर कोई सुनवाई नहीं हुई तो सरताजजहां ने नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. कोर्ट ने याचिका संख्या-225/(एम./एस.)/2021 सरताजजहां बनाम राज्य व अन्य में 30 जून 2021 को आदेश पारित आदेश के पालन में प्रशासन द्वारा 26 जुलाई 2021 को ग्राम प्रधान रमनीक शर्मा को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया.

रमनीक शर्मा की ओर से तीन अगस्त 2021 को जवाब दाखिल किया गया, जो कि तथ्यों एवं साक्ष्यों के आधार पर संतोषजनक व तर्कसंगत नहीं पाया गया और जिलाधिकारी युगल किशोर पंत ने त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन वर्ष 2019 में रमनीक शर्मा पत्नी विशाल शर्मा को उत्तराखंड पंचायतीराज अधिनियम 2016 धारा 10-क के उल्लंघन का दोषी मानते हुए उन्हें ग्राम पंचायत जगन्नाथपुर बाजपुर के प्रधान पद से पदमुक्त करने के आदेश निर्गत कर दिए थे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.