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भारी बारिश के चलते और महंगी हुई सब्जियां, काश्तकारों की टूटी कमर

पहाड़ पर इन दिनों शिमला मिर्च, बीन, हरी मिर्च, गोभी, पहाड़ी मूली, मटर सहित फसलों का सीजन है, लेकिन बारिश और आपदा ने इन सब्जियों को बर्बाद कर दिया है. जिस कारण काश्तकारों को खासा नुकसान हुआ है.

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Published : Oct 21, 2021, 11:21 AM IST

Updated : Oct 21, 2021, 11:47 AM IST

हल्द्वानी: प्रदेश में बीते दिनों हुई भारी बारिश और आपदा ने जहां पहाड़ और मैदानी क्षेत्र के किसानों की कमर तोड़कर रख दी है. वहीं, मैदानी क्षेत्र में भी धान की फसल बर्बाद हो गई है. बारिश से पहाड़ों पर बागवानी और सब्जी को भारी नुकसान पहुंचा है. पहाड़ पर इन दिनों शिमला मिर्च, बीन, हरी मिर्च, गोभी, पहाड़ी मूली, मटर सहित फसलों का सीजन है, लेकिन बारिश और आपदा ने इन सब्जियों को बर्बाद कर दिया है.

भूस्खलन के कारण बंद हुए मार्गों के चलते पहाड़ की सब्जियां हल्द्वानी मंडी में नहीं पहुंच पा रही हैं. जिसके चलते इन सब्जियों के दामों में दोगने की वृद्धि हुई है. यही नहीं मैदान से आने वाली सब्जियां पहाड़ों तक नहीं पहुंच पा रही है. जिसके चलते पहाड़ों में भी अन्य सब्जियों की संकट खड़ा हो गया है. सब्जी व्यापारियों की मानें तो भारी बारिश के कारण मंडी कारोबार पर काफी असर पड़ा है.

भारी बारिश के चलते और महंगी हुई सब्जियां.

हल्द्वानी मंडी के आलू सब्जी फल एसोसिएशन के अध्यक्ष कैलाश जोशी ने बताया कि नैनीताल जनपद के पहाड़ी क्षेत्रों में सबसे ज्यादा सब्जी का उत्पादन होता है. बारिश और आपदा का कहर के चलते पहाड़ के खेत बर्बाद हो चुके हैं. सब्जियों के खेत भी बह चुके हैं, कुछ सब्जियां खेतों में बची हुई हैं, लेकिन सड़क बंद हो जाने के चलते सब्जियां मंडियों तक नहीं पहुंच पा रही हैं. जिसका कारण है पहाड़ की सब्जियों के दामों में वृद्धि हुई है.

सब्जी कारोबारी दीपक कुमार के मुताबिक बारिश की मार मैदानी क्षेत्र के साथ-साथ पहाड़ी क्षेत्र के सब्जियों पर भी पड़ा है. मैदान में भी बारिश हुई है. जिसके चलते मैदान की सब्जियां भी मंडियों तक नहीं पहुंच पा रही है. पहाड़ से रोजाना करीब 60 से 70 गाड़ियां से सब्जियां हल्द्वानी मंडी में आती हैं. जबकि 200 के करीब गाड़ियां रोजाना सब्जी लेकर पहाड़ को जाती हैं. लेकिन पहाड़ के सड़क टूट जाने के चलते हल्द्वानी मंडी से पहाड़ को सब्जियां नहीं जा पा रही हैं और न ही पहाड़ की सब्जियां मंडियों तक पहुंच पा रही हैं. जिसके चलते किसानों के साथ-साथ मंडी कारोबारियों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

पढ़ें: भारत-चीन सीमा से लापता तीन पोर्टरों की मौत, चौकी से डेढ़ किलोमीटर दूर मिले शव

फुटकर सब्जी कारोबारियों की मानें तो मंडी में सब्जी नहीं मिलने के चलते फुटकर के दामों में भारी उछाल हुआ है. ₹40 किलो बिकने वाला बीन ₹90 किलो बिक रहा है. ₹40 किलो बिकने वाला शिमला मिर्च 90 से ₹100 किलो में बिक रहा है. ₹30 किलो बिकने वाला हरी मिर्च की कीमत अब ₹100 से ऊपर पहुंच गई है. पहाड़ी गोभी ₹40 के बजाय अब ₹60 किलो बिक रहा है. वहीं ₹15 किलो दिखने वाला पहाड़ की मूली ₹40 किलो बिक रहा है. इसके अलावा पहाड़ से आने वाली मटर के अलावा अन्य सब्जियों के दामों में हुई भारी उछाल हुआ है.

हल्द्वानी: प्रदेश में बीते दिनों हुई भारी बारिश और आपदा ने जहां पहाड़ और मैदानी क्षेत्र के किसानों की कमर तोड़कर रख दी है. वहीं, मैदानी क्षेत्र में भी धान की फसल बर्बाद हो गई है. बारिश से पहाड़ों पर बागवानी और सब्जी को भारी नुकसान पहुंचा है. पहाड़ पर इन दिनों शिमला मिर्च, बीन, हरी मिर्च, गोभी, पहाड़ी मूली, मटर सहित फसलों का सीजन है, लेकिन बारिश और आपदा ने इन सब्जियों को बर्बाद कर दिया है.

भूस्खलन के कारण बंद हुए मार्गों के चलते पहाड़ की सब्जियां हल्द्वानी मंडी में नहीं पहुंच पा रही हैं. जिसके चलते इन सब्जियों के दामों में दोगने की वृद्धि हुई है. यही नहीं मैदान से आने वाली सब्जियां पहाड़ों तक नहीं पहुंच पा रही है. जिसके चलते पहाड़ों में भी अन्य सब्जियों की संकट खड़ा हो गया है. सब्जी व्यापारियों की मानें तो भारी बारिश के कारण मंडी कारोबार पर काफी असर पड़ा है.

भारी बारिश के चलते और महंगी हुई सब्जियां.

हल्द्वानी मंडी के आलू सब्जी फल एसोसिएशन के अध्यक्ष कैलाश जोशी ने बताया कि नैनीताल जनपद के पहाड़ी क्षेत्रों में सबसे ज्यादा सब्जी का उत्पादन होता है. बारिश और आपदा का कहर के चलते पहाड़ के खेत बर्बाद हो चुके हैं. सब्जियों के खेत भी बह चुके हैं, कुछ सब्जियां खेतों में बची हुई हैं, लेकिन सड़क बंद हो जाने के चलते सब्जियां मंडियों तक नहीं पहुंच पा रही हैं. जिसका कारण है पहाड़ की सब्जियों के दामों में वृद्धि हुई है.

सब्जी कारोबारी दीपक कुमार के मुताबिक बारिश की मार मैदानी क्षेत्र के साथ-साथ पहाड़ी क्षेत्र के सब्जियों पर भी पड़ा है. मैदान में भी बारिश हुई है. जिसके चलते मैदान की सब्जियां भी मंडियों तक नहीं पहुंच पा रही है. पहाड़ से रोजाना करीब 60 से 70 गाड़ियां से सब्जियां हल्द्वानी मंडी में आती हैं. जबकि 200 के करीब गाड़ियां रोजाना सब्जी लेकर पहाड़ को जाती हैं. लेकिन पहाड़ के सड़क टूट जाने के चलते हल्द्वानी मंडी से पहाड़ को सब्जियां नहीं जा पा रही हैं और न ही पहाड़ की सब्जियां मंडियों तक पहुंच पा रही हैं. जिसके चलते किसानों के साथ-साथ मंडी कारोबारियों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

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फुटकर सब्जी कारोबारियों की मानें तो मंडी में सब्जी नहीं मिलने के चलते फुटकर के दामों में भारी उछाल हुआ है. ₹40 किलो बिकने वाला बीन ₹90 किलो बिक रहा है. ₹40 किलो बिकने वाला शिमला मिर्च 90 से ₹100 किलो में बिक रहा है. ₹30 किलो बिकने वाला हरी मिर्च की कीमत अब ₹100 से ऊपर पहुंच गई है. पहाड़ी गोभी ₹40 के बजाय अब ₹60 किलो बिक रहा है. वहीं ₹15 किलो दिखने वाला पहाड़ की मूली ₹40 किलो बिक रहा है. इसके अलावा पहाड़ से आने वाली मटर के अलावा अन्य सब्जियों के दामों में हुई भारी उछाल हुआ है.

Last Updated : Oct 21, 2021, 11:47 AM IST
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