हल्द्वानी: खनन से राज्य को सबसे ज्यादा राजस्व देने वाली गौला नदी व नंधौर नदी पिछले तीन महीने से बंद है. खनन कारोबार नहीं होने से सड़कों पर खनन से जुड़े वाहन नहीं चल रहे हैं. ऐसे में हल्द्वानी परिवहन विभाग को 10 करोड़ से अधिक के राजस्व का नुकसान हुआ है. खनन कारोबार से जुड़े हजारों वाहन कारोबारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं. जिसके चलते 3 महीने से अधिक समय हो गया, लेकिन नदियों से खनन कार्य नहीं शुरू हो पाया.
सरकार और खनन कारोबारियों के बीच कई दौर की बैठक और सहमति के बाद भी नदियों से उप खनिज नहीं निकल रहा है. जिसका नतीजा है कि उत्तराखंड वन विकास निगम, सरकार के अलावा परिवहन विभाग को भी भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. संभागीय परिवहन अधिकारी हल्द्वानी संदीप सैनी ने बताया कि गौला नदी और नंधौर नदी से खनन कार्य में लगभग दस हजार वाहन रजिस्टर्ड हैं. हड़ताल की वजह से अभी तक ये वाहन रिलीज नहीं किए गए हैं. जहां वाहनों से मिलने वाले फीस, टैक्स का भारी नुकसान हुआ है. आरटीओ संदीप सैनी के मुताबिक खनन कार्य में लगने वाले दस हजार वाहनों में से केवल 2200 वाहन ही रिलीज हुए हैं.
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जबकि आठ हजार वाहन अभी रिलीज नहीं हुए हैं. पिछले तीन महीने में इन वाहनों के रिलीज न होने से परिवहन विभाग को करीब 10 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ है. गौरतलब है कि रॉयल्टी कम करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर वाहन स्वामी बीते तीन महीनों से हड़ताल पर हैं. सरकार और खनन कारोबारियों के बीच सहमति के बाद रॉयल्टी दर तो कम हो गई, लेकिन खनन वाहन स्वामी अपने वाहनों पर लगने वाले फिटनेस जुर्माना, ग्रीन टैक्स सहित कई अन्य मांगों को हटाने के लिए अभी भी हड़ताल पर हैं. इसके चलते खनन कार्य पूरी तरह से प्रभावित है. वहीं सरकार के साथ-साथ परिवहन विभाग को भी भारी नुकसान हो रहा है.