नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सितारगंज के कांग्रेस नेता नवतेज पाल, पूर्व ब्लॉक प्रमुख बहादुर सिंह, नगरपालिका चेयरमैन हरीश दुबे, मनीष किराना एवं मृदुल त्रिपाठी की गिरफ्तारी पर रोक के मामले में सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद वरिष्ठ न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ ने इनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए सरकार और विपक्षियों को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है.
मामले में अगली सुनवाई 6 जनवरी को होगी. इन सभी पर सितारगंज थाने में सचिन अरोड़ा ने आईपीसी की धारा 120बी, 420, 504, 506 जान से मारने एवं अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज करवाया था, दरअसल, सचिन अरोड़ा राइस मिल एवं जगदम्बा एग्रो मिल में ममता अरोड़ा और रमेश अरोड़ा पाटर्नर थे. लेकिन 6 जून 2018 को एग्रीमेंट के तहत इनकी पार्टनरशिप की अवधि खत्म हो गई.
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लेनदेन के मुताबिक रमेश अरोड़ा ने सचिन को एक करोड़ करोड़ चालीस लाख की रकम वापस देनी थी. रमेश ने कहा कि सचिन को 1 करोड़ 10 लाख की रकम दे दी गई है, जिसकी एंट्री समझौते में दर्ज है. हालांकि इन लोगों का विवाद चलता रहा. 26 जून 2021 को इस विवाद को समाप्त करने के लिये पंचायत बैठी.
उसके बाद सचिन अरोड़ा ने 10 लोगों के खिलाफ आरोप लगाए और 26 जून 2021 को अपने घर पर फायरिंग और जान से मारने का मुकदमा दर्ज कराया. इस एफआईआर को निरस्त करने और गिरफ्तारी से बचने के लिए इन लोगों द्वारा हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिस पर कोर्ट ने इनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।