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उत्तराखंड हाईकोर्ट का आदेश- बार काउंसिल को बार एसोसिएशन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप का अधिकार नहीं

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पछवादून के पूर्व अध्यक्ष संदीप कुमार बर्थवाल एवं पूर्व सचिव अमित चौहान की बार एसोसिएशन की सदस्यता बहाल करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि बार काउंसिल को किसी भी बार एसोसिएशन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है.

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Published : Apr 5, 2023, 8:33 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट स्पेशल अपील पर सुनवाई करते हुए अपने आदेश में कहा कि बार काउंसिल को किसी भी बार एसोसिएशन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है. हाईकोर्ट ने आदेश में बार एसोसिएशन पछवादून के पूर्व अध्यक्ष संदीप कुमार बर्थवाल व पूर्व सचिव अमित चौहान की बार एसोसिएशन की सदस्यता बहाल करने के निर्देश भी दिए हैं.

हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आलोक वर्मा की खंडपीठ में बुधवार को पछवादून बार एसोसिएशन की स्पेशल अपील पर सुनवाई हुई, जिसमें एकलपीठ के आदेश को चुनौती दी गई थी. मामले के अनुसार पछवादून बार के पूर्व अध्यक्ष संदीप बर्थवाल व सचिव अमित चौहान पर अपने कार्यकाल के दौरान चेंबर निर्माण में गबन करने के आरोप लगे और उसकी शिकायत पछवादून बार एसोसिएशन ने उत्तराखंड बार काउंसिल से की थी.
पढ़ें- जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति का ऐलान, मांगें पूरी नहीं हुई तो 27 अप्रैल को बदरीनाथ हाईवे करेंगे जाम

उत्तराखंड बार काउंसिल के तत्कालीन अध्यक्ष ने शिकायत की जांच के लिये दो सदस्यीय कमेटी बनाई थी. कमेटी ने अपनी जांच में आरोपों की पुष्टि की थी, जिसके बाद बार एसोसिएशन ने संदीप बर्थवाल व अमित चौहान की सदस्यता समाप्त कर दी, जिसे उन्होंने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.

हाईकोर्ट की एकलपीठ ने पिछले दिनों ने इस मामले को दोबार बार काउंसिल को भेज दिया था. एकलपीठ के इस आदेश को पछवादून बार एसोसिएशन ने मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में चुनौती दी थी. इस स्पेशल अपील की सुनवाई में खंडपीठ ने माना कि बार काउंसिल को किसी भी बार एसोसिएशन के आंतरिक मामलों में दखल का अधिकार नहीं है. खंडपीठ ने कहा कि जांच समिति की रिपोर्ट संदीप बर्थवाल व अमित चौहान को दी जाए और उनसे इस मामले में जबाव मांगा जाए. साथ ही इस मामले में बार एसोसिएशन की जिला जज देहरादून/अपर जिला जज विकास नगर की मौजूदगी में आम बैठक बुलाई जाय, जिसमें गबन के आरोपों पर निर्णय लिया जाय.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट स्पेशल अपील पर सुनवाई करते हुए अपने आदेश में कहा कि बार काउंसिल को किसी भी बार एसोसिएशन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है. हाईकोर्ट ने आदेश में बार एसोसिएशन पछवादून के पूर्व अध्यक्ष संदीप कुमार बर्थवाल व पूर्व सचिव अमित चौहान की बार एसोसिएशन की सदस्यता बहाल करने के निर्देश भी दिए हैं.

हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आलोक वर्मा की खंडपीठ में बुधवार को पछवादून बार एसोसिएशन की स्पेशल अपील पर सुनवाई हुई, जिसमें एकलपीठ के आदेश को चुनौती दी गई थी. मामले के अनुसार पछवादून बार के पूर्व अध्यक्ष संदीप बर्थवाल व सचिव अमित चौहान पर अपने कार्यकाल के दौरान चेंबर निर्माण में गबन करने के आरोप लगे और उसकी शिकायत पछवादून बार एसोसिएशन ने उत्तराखंड बार काउंसिल से की थी.
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उत्तराखंड बार काउंसिल के तत्कालीन अध्यक्ष ने शिकायत की जांच के लिये दो सदस्यीय कमेटी बनाई थी. कमेटी ने अपनी जांच में आरोपों की पुष्टि की थी, जिसके बाद बार एसोसिएशन ने संदीप बर्थवाल व अमित चौहान की सदस्यता समाप्त कर दी, जिसे उन्होंने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.

हाईकोर्ट की एकलपीठ ने पिछले दिनों ने इस मामले को दोबार बार काउंसिल को भेज दिया था. एकलपीठ के इस आदेश को पछवादून बार एसोसिएशन ने मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में चुनौती दी थी. इस स्पेशल अपील की सुनवाई में खंडपीठ ने माना कि बार काउंसिल को किसी भी बार एसोसिएशन के आंतरिक मामलों में दखल का अधिकार नहीं है. खंडपीठ ने कहा कि जांच समिति की रिपोर्ट संदीप बर्थवाल व अमित चौहान को दी जाए और उनसे इस मामले में जबाव मांगा जाए. साथ ही इस मामले में बार एसोसिएशन की जिला जज देहरादून/अपर जिला जज विकास नगर की मौजूदगी में आम बैठक बुलाई जाय, जिसमें गबन के आरोपों पर निर्णय लिया जाय.

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