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सहस्त्रधारा रोड चौड़ीकरण प्रकरण: हाईकोर्ट ने पूर्व लोक निर्माण सचिव को जारी किया अवमानना का नोटिस

Sahastradhara Road widening case सहस्त्रधारा रोड चौड़ीकरण मामले पर उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पूर्व लोक निर्माण सचिव को अवमानना नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने पूर्व सचिव को 20 दिसंबर को जवाब पेश करने के लिए कहा है.

UTTARAKHAND HC
उत्तराखंड एचसी
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 8, 2023, 4:59 PM IST

नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने देहरादून के सहस्त्रधारा रोड के चौड़ीकरण में हाईकोर्ट के विस्तृत आदेश का अनुपालन नहीं करने पर न्यायमूर्ति रविंद्र मैठाणी की एकलपीठ ने तत्कालीन लोक निर्माण सचिव आरके सुधांशु और सहायक अभियंता धीरेंद्र कुमार को कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं करने पर अवमानना का नोटिस जारी कर जवाब पेश करने को कहा है. अब मामले की अगली सुनवाई के लिए 20 दिसंबर की तिथि नियत की है.

मामले के मुताबिक, देहरादून निवासी आशीष गर्ग ने पूर्व में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि उनके द्वारा देहरादून के सहस्त्रधारा रोड के चौड़ीकरण के दौरान 100 पेड़ों के कटान का विरोध किया गया था. जिसको उन्होंने उच्च न्यायालय में चुनौती दी. उच्च न्यायालय ने आदेश पारित करते हुए कहा था कि यूकेलिप्टस के पेड़ों का तो पातन किया जा सकता है. परंतु अन्य सभी फलदार वृक्षों का ट्रांसप्लांट किया जाएगा.

यह आदेश कोर्ट ने तत्कालीन लोक निर्माण विभाग के सचिव को 16 सितंबर 2022 में दिए थे. जिसमें ट्रांसप्लांटेशन के लिए नई तकनीक का इस्तेमाल, नए औजारों/ यंत्रों का इस्तेमाल एवं एफआरआई के विशेषज्ञों का इस्तेमाल करने संबंधित बातें कही गई थी.
ये भी पढ़ेंः सहस्त्रधारा रोड चौड़ीकरण में पेड़ों के कटान पर HC ने हटाई रोक, प्लांटेशन के दिये निर्देश

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिजय नेगी द्वारा फोटोग्राफी के माध्यम से कोर्ट को दिखाया गया कि ट्रांसप्लांटेशन बेहद बर्बरता से किया गया और फलदार वृक्षों की सारी पत्तियां/टहनियां काटकर उनको थोड़ा सा ही छोड़कर, गलत तरीके से ट्रांसप्लांटेशन किया गया है, जो माननीय उच्च न्यायालय के द्वारा दिए गए आदेश के विरुद्ध है. बता दें कि कोर्ट ने इससे पहले मामले पर सुनवाई करते हुए सरकार को निर्देश दिए थे कि पेड़ों का ट्रांसप्लांटेशन एफआरआई की निगरानी में किया जाए.

नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने देहरादून के सहस्त्रधारा रोड के चौड़ीकरण में हाईकोर्ट के विस्तृत आदेश का अनुपालन नहीं करने पर न्यायमूर्ति रविंद्र मैठाणी की एकलपीठ ने तत्कालीन लोक निर्माण सचिव आरके सुधांशु और सहायक अभियंता धीरेंद्र कुमार को कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं करने पर अवमानना का नोटिस जारी कर जवाब पेश करने को कहा है. अब मामले की अगली सुनवाई के लिए 20 दिसंबर की तिथि नियत की है.

मामले के मुताबिक, देहरादून निवासी आशीष गर्ग ने पूर्व में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि उनके द्वारा देहरादून के सहस्त्रधारा रोड के चौड़ीकरण के दौरान 100 पेड़ों के कटान का विरोध किया गया था. जिसको उन्होंने उच्च न्यायालय में चुनौती दी. उच्च न्यायालय ने आदेश पारित करते हुए कहा था कि यूकेलिप्टस के पेड़ों का तो पातन किया जा सकता है. परंतु अन्य सभी फलदार वृक्षों का ट्रांसप्लांट किया जाएगा.

यह आदेश कोर्ट ने तत्कालीन लोक निर्माण विभाग के सचिव को 16 सितंबर 2022 में दिए थे. जिसमें ट्रांसप्लांटेशन के लिए नई तकनीक का इस्तेमाल, नए औजारों/ यंत्रों का इस्तेमाल एवं एफआरआई के विशेषज्ञों का इस्तेमाल करने संबंधित बातें कही गई थी.
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याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिजय नेगी द्वारा फोटोग्राफी के माध्यम से कोर्ट को दिखाया गया कि ट्रांसप्लांटेशन बेहद बर्बरता से किया गया और फलदार वृक्षों की सारी पत्तियां/टहनियां काटकर उनको थोड़ा सा ही छोड़कर, गलत तरीके से ट्रांसप्लांटेशन किया गया है, जो माननीय उच्च न्यायालय के द्वारा दिए गए आदेश के विरुद्ध है. बता दें कि कोर्ट ने इससे पहले मामले पर सुनवाई करते हुए सरकार को निर्देश दिए थे कि पेड़ों का ट्रांसप्लांटेशन एफआरआई की निगरानी में किया जाए.

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